Last Updated:February 26, 2025, 16:43 ISTवित्त मंत्रालय ने माना कि 8-9% की जीडीपी ग्रोथ बनाए रखना संभव नहीं है. चीन, यूएस, यूके और जापान की ग्रोथ का अध्ययन कर 6% को बेंचमार्क माना है. सरकार को उम्मीद है कि इनकम टैक्स कटौती और प्राइवेट सेक्टर के पूंजीग…और पढ़ेंविशेषज्ञों का मानना है कि विकसित बनने के लिए 8 फीसदी की ग्रोथ रेट जरूरी.हाइलाइट्सवित्त मंत्रालय ने 8-9% जीडीपी ग्रोथ को असंभव माना.भारत के लिए 6% जीडीपी ग्रोथ बेंचमार्क तय.इनकम टैक्स कटौती से उपभोक्ता खर्च बढ़ने की उम्मीद.नई दिल्ली. लगातार 8-9 फीसदी की सालाना जीडीपी ग्रोथ रेट बनाए रखना संभव नहीं है. वित्त मंत्रालय ने इस बात को स्वीकार किया है. मनीकंट्रोल की एक स्पेशल रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने माना है कि उसने कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का अध्ययन किया और पाया कि यूएस-यूके की सालाना ग्रथ रेट क्रमश: 3 और 2.7 परसेंट रही. इसके अलावा चीन और जापान जरूर 8-9 फीसदी की ग्रोथ रेट अचीव की लेकिन यह लगातार नहीं रही. इसमें बदलाव होता रहा.
मंत्रालय ने कहा, “हमने एक आंतरिक अध्ययन किया जिसमें चीन, यूएस, यूके और जापान की अर्थव्यवस्थाओं की दशकों की ग्रोथ को देखा गया. अमेरिका में औसतन 3% की ग्रोथ देखी गई, ब्रिटेन में 2.7%, जबकि चीन और जापान ने 8-9% तक की वृद्धि दर्ज की, लेकिन यह हमेशा स्थिर नहीं रही. इसलिए 6% वह बेंचमार्क है, जिसके नीचे जाने पर हमें चिंता करनी चाहिए.” भारत की आर्थिक वृद्धि (GDP Growth) को लेकर सरकार का मानना है कि 6% से ऊपर की दर बनाए रखना बेहद जरूरी है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के बीते दशकों के ग्रोथ पैटर्न का अध्ययन करने पर यह निष्कर्ष निकला है. गौरतलब है कि भारत 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य तय किए हुए है और कई विशेषज्ञों मानना है कि इसके लिए लगातार 8 फीसदी से अधिक की ग्रोथ रेट अनिवार्य होगी. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या 6 फीसदी की ग्रोथ रेट भारत को विकसित बनाने के लिए पर्याप्त होगी?
ग्रोथ रेट को लेकर सरकार का नजरियाहालांकि, वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि हाल ही में इनकम टैक्स कटौती से उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और इससे जीडीपी ग्रोथ को 6% से ऊपर बनाए रखने में मदद मिलेगी. एक अधिकारी ने कहा, “इस साल टैक्स कटौती और प्राइवेट सेक्टर के पूंजीगत खर्च (Capex) में बढ़ोतरी की संभावना है. अगर सरकारी खर्च भी मजबूत बना रहता है, तो हम 6% से अधिक ग्रोथ हासिल कर सकते हैं.”
बजट 2025-26 में टैक्स छूट से मदद की उम्मीदवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 में वार्षिक ₹12 लाख तक की आय वालों को इनकम टैक्स से छूट दी है. सरकार का मानना है कि इससे मिडिल क्लास की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ेगी और उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि सितंबर तिमाही में भारत की ग्रोथ 7 तिमाही के निचले स्तर 5.4% पर पहुंच गई थी. इसका मुख्य कारण माइनिंग सेक्टर में गिरावट और मैन्युफैक्चरिंग एवं यूटिलिटी सर्विसेज में सुस्ती थी. हालांकि, सरकार को उम्मीद है कि दूसरी छमाही (H2) में ग्रोथ रेट बेहतर होगी.
मूडीज का अनुमानरेटिंग एजेंसी मूडीज एनालिटिक्स ने 20 फरवरी को जारी रिपोर्ट में कहा कि भारत की ग्रोथ 2025 में 6.4% रह सकती है, जो 2024 के अनुमानित 6.6% से थोड़ी कम होगी. रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और नए टैरिफ से आर्थिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है.
वैश्विक टैरिफ और भारत पर असरपूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कनाडा और मैक्सिको पर 25% टैरिफ और चीन से आयात पर 10% शुल्क लगाया था. हालांकि, कनाडा और मैक्सिको पर यह रोक दिया गया, लेकिन ट्रंप ने स्टील और एल्युमिनियम पर शुल्क बढ़ाया और व्यापार घाटा वाले देशों पर नए शुल्क लगाने की योजना बनाई. हाल ही में उन्होंने संकेत दिया है कि जल्द ही भारत और चीन पर भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं. इससे भारत की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर असर पड़ सकता है और वैश्विक व्यापार में नए उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 26, 2025, 16:43 ISThomebusinessसरकार ने माना नहीं रह सकती हमेशा 8-9 परसेंट की ग्रोथ! फिर कैसे होंगे विकसित?
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