नई दिल्ली. प्रदूषण से जूझ रहे दिल्ली-एनसीआर में अधिकांश लोगों को उनकी गाड़ी के पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की स्थिति के बारे में पता ही नहीं है. पार्क+ रिसर्च लैब ने एक सर्वे किया जिसमें करीब 5200 कार चालकों को शामिल किया गया. इसमें से 63 फीसदी लोगों ने बताया कि वह नहीं जानते कि उनका पीयूसी एक्सपायर हो गया है या नहीं.
पीयूसी या पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एक जरूरी दस्तावेज है. सर्वे में शामिल 11 फीसदी लोगों को यह सर्टिफिकेट के बारे में ही नहीं पता था कि यह होता क्या है. जागरूकता की यह कमी ऐसे इलाके में और चिंता पैदा करती है जहां का एक्यूआई साल के ज्यादातर समय खराब या बहुत खराब ही रहता है. आपको बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में पीएम 2.5 का स्तर बढ़ाने में 40 फीसदी योगदान वाहनों से निकले धुएं के कारण ही होता है
10,000 की चपतदिल्ली में अगर आपके पास पीयूसी नहीं है या एक्सपायर हो गया है तो आपको 10,000 रुपये का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. हालांकि, यहां बात केवल जुर्माने की नहीं जवाबदेही की है. दिल्ली की आबोहवा पहले से ही बदतर स्थिति में है, ऐसे में लोगों का प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों की ओर आंख बंद कर लेना बड़ी चिंता का विषय है.
दिल्ली के 3 करोड़ लोग स्मॉग जहरीले धुएं में सांस लेने के लिए मजबूर हैं. जो लोग कुछ समय के लिए दिल्ली छोड़ दे रहे हैं उनका तो ठीक लेकिन जो कहीं जा नहीं सकते कम-से-कम से उन्हें अपने लिए वातावरण शुद्ध करने के बारे में सोचना होगा. वैसे तो इस प्रदूषण का असर सभी आयु के लोगों पर होता है लेकिन वृद्ध या ऐसे लोग जिन्हें सांस संबंधी कोई बीमारी है, उनके लिए यह किसी श्राप से कम नहीं है.
Tags: Auto News, Business newsFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 14:57 IST
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