नारायण मूर्ति ने फिर रखा युवाओं की दुखती रग पर हाथ, कहा- 5 दिन के सप्ताह से बहुत निराश था मैं

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नई दिल्ली. कुछ लोगों के ऑफिस में 5 डे वर्क वीक होता है, मतलब उन्हें हफ्ते में दो दिन की छुट्टी मिलती है. कुछ कंपनियों में 6 दिन होता है. जिन लोगों को सप्ताह में से 6 दिन ऑफिस में बिताने पड़ते हैं, उन्हें लगता है कि 5 दिन काम करने वालों की मौज होती है. 5 दिन काम करने वाले भी इससे सहमत हैं. मगर देश की जानी-मानी हस्ती नारायण मूर्ति 5 दिन काम करने में विश्वास नहीं करते. वे चाहते हैं कि युवा वर्कफोर्स सप्ताह में ज्यादा दिनों और ज्यादा समय तक काम करे. इसी मुद्दे पर नारायण मूर्ति ने एक ताजा बयान दिया है, जिसने वर्क-लाइफ बैलेंस की बहस को फिर से हवा दे दी है.

इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने एक बार फिर से कहा है कि वे वर्क-लाइफ बैलेंस जैसी किसी चीज में भरोसा नहीं रखते हैं. सीएनबीसी ग्लोबल लीडरशिप समिट में बोलते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि 1986 में जब हम (भारत) 6 दिनों से शिफ्ट होकर काम करने के 5 दिनों पर शिफ्ट हुए तो वे बहुत निराश हुए थे. इसी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सप्ताह में 100 घंटे काम कर रहे हैं, तो हमारे आसपास जो भी हो रहा है, उसे हम अपने काम के जरिए ही एप्रीशिएट कर सकते हैं.

चुनौतियों को ध्यान में रखें, न कि काम के घंटों कोगौरतलब है कि पिछले साल (2023) में नारायण मूर्ति ने सप्ताह में 70 घंटे काम करने की वकालत की थी. एक पॉडकास्ट में उन्होंने कहा था कि चीन और अन्य देशों से मुकाबला करने के लिए देश के युवाओं को ज्यादा काम करके प्रोडक्टिविटी को बढ़ान चाहिए. इंफोसिस फाउंडर के उस बयान पर काफी चर्चा हुई थी. इंडस्ट्री से भी कुछ लोगों ने उन्हें सपोर्ट किया तो कुछ लोग उनके विरोध में आ गए थे. सोशल मीडिया की चर्चाएं भी दो धड़ों में बंट गई थीं.

ताजा प्रोग्राम में भारत में वर्क लाइफ बैलेंस पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर, नारायण मूर्ति ने बताया कि कैसे जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन केवी कामथ ने एक बार कहा था कि भारत एक गरीब और विकासशील देश है, जिसमें वर्क लाइफ बैलेंस के बारे में चिंता करने के बजाय बहुत सारी चुनौतियां हैं, जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता है.

मूर्ति ने कहा, “भारत में हार्ड वर्क का दूसरा कोई अल्टरनेटिव नहीं है. यदि आप स्मार्ट हैं तो आपको बहुत मेहनत करनी होगी. अपने पूरे जीवन में खूब मेहनत और काम करने के लिए मुझे खुद पर गर्व है… तो मैं माफी चाहता हूं कि काम को लेकर मैंने अपना नजरिया नहीं बदला है. यह विचार मैं अपने साथ लेकर जाऊंगा.”

उन्होंने आगे कहा कि भारत का विकास आराम और विश्राम का बजाय त्याग और प्रयास पर टिका है और कड़ी मेहनत और लंबे समय के बिना, देश अपने प्रतिस्पर्धियों के साथ बने रहने के लिए संघर्ष करेगा. अपने खुद के वर्क एथिक्स के बारे में बोलते हुए नारायण मूर्ति ने कहा कि वह दिन में 14 घंटे काम करते थे, और सप्ताह में साढ़े 6 दिन अपने प्रोफेशनल कमिटमेंट्स के लिए देते थे.
Tags: Narayana MurthyFIRST PUBLISHED : November 15, 2024, 11:42 IST

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