नई दिल्ली. आने वाले समय में क्या हफ्ते में सिर्फ दो दिन ऑफिस जाना पड़ेगा? माइक्रोसॉफ्ट के को-फाउंडर और टेक इंडस्ट्री के बड़े दिमाग माने जाने वाले बिल गेट्स तो ऐसा ही मानते हैं. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की तेजी से हो रही तरक्की के चलते अगले 10 सालों में इंसानों को शायद सिर्फ 2 या 3 दिन ही काम करना पड़े.
गेट्स का कहना है कि आने वाले समय में मशीनें ज़्यादातर काम कर लेंगी और इंसानों को केवल कुछ क्रिएटिव या सुपरविजन वाले कामों तक सीमित रहना पड़ेगा. इसका मतलब है कि वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर हो सकता है और लोग अपने खाली समय को बेहतर ढंग से इस्तेमाल कर सकेंगे.
दुनिया में कहां शुरू हो चुका है 4 दिन का वर्क वीक?बिल गेट्स का यह विज़न कोई दूर की बात नहीं लगती, क्योंकि कुछ देश पहले ही हफ्ते में चार दिन के वर्क वीक की तरफ बढ़ चुके हैं. आइए जानें कौन से देश इस बदलाव को अपना चुके हैं:
1. आइसलैंडआइसलैंड ने 2015 से 2019 के बीच 4 दिन के वर्क वीक पर प्रयोग किया और पाया कि इससे कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी बनी रही या बेहतर हुई. अब देश में 85% से ज़्यादा वर्कफोर्स को कम घंटे में काम करने की सुविधा दी जा रही है.
2. बेल्जियमबेल्जियम ने 2022 में एक नया कानून पास किया जिसमें कर्मचारी चाहें तो 5 दिन का काम 4 दिन में पूरा कर सकते हैं, बिना वेतन में कटौती के.
3. जापानजापान में माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ऑफिस में ट्रायल किया, जिसमें 4 दिन का वर्क वीक रखा गया और प्रोडक्टिविटी में 40% का इजाफा देखने को मिला.
4. यूकेब्रिटेन में 2022 में देश का सबसे बड़ा 4-day work week ट्रायल हुआ, जिसमें 61 कंपनियों ने हिस्सा लिया. नतीजे इतने सकारात्मक रहे कि इनमें से 90% कंपनियों ने इसे जारी रखा.
5. पुर्तगालपुर्तगाल की सरकार ने भी सरकारी सहयोग से 4 दिन के वर्क वीक की टेस्टिंग शुरू की है, ताकि यह देखा जा सके कि इससे कर्मचारियों और कंपनियों दोनों को फायदा हो या नहीं.
अब किन देशों में चल रही है चर्चा?
जर्मनी: यहां ट्रेड यूनियनें इस दिशा में जोर डाल रही हैं.
न्यूजीलैंड: कुछ प्राइवेट कंपनियों ने ट्रायल शुरू किया है.
स्पेन: सरकार की तरफ से सब्सिडी दी जा रही है ताकि कंपनियां 4 दिन के वर्क वीक को ट्राय कर सकें.
यूएस: कैलिफोर्निया जैसे राज्य इस मॉडल पर विचार कर रहे हैं.
भारत: फिलहाल भारत में इस पर गंभीर चर्चा नहीं है, लेकिन कुछ स्टार्टअप्स ने फ्लेक्सिबल वर्क डेज़ की शुरुआत कर दी है.
क्या भारत में भी दो दिन का वर्क वीक संभव है?भारत में फिलहाल यह विचार दूर की कौड़ी लग सकता है, लेकिन अगर टेक्नोलॉजी और AI का असर तेजी से बढ़ा, तो काम के घंटों में कटौती होना संभव है. खासकर बड़े शहरों और आईटी सेक्टर में इस तरह की लचीलापन देखने को मिल सकता है.
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News