2047 तक विकसित होने का सपना! लेकिन 90 फीसदी के पास खर्च करने के लिए एक्स्ट्रा पैसा नहीं

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Last Updated:February 26, 2025, 15:42 ISTब्लूम वेंचर्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की 90% आबादी के पास अतिरिक्त खर्च के लिए पैसा नहीं है. देश की खपत और आर्थिक वृद्धि को शीर्ष 10% लोग चला रहे हैं. अमीर और अमीर हो रहे हैं, जबकि गरीबों की स्थिति में कोई ख…और पढ़ेंयह रिपोर्ट दावा करती है केवल 10 परसेंट लोग ही आर्थिक वृद्धि को चला रहे हैं. हाइलाइट्सभारत की 90% आबादी के पास अतिरिक्त खर्च के लिए पैसा नहीं है.देश की खपत और आर्थिक वृद्धि को शीर्ष 10% लोग चला रहे हैं.अमीर और अमीर हो रहे हैं, गरीब की स्थिति में सुधार नहीं.नई दिल्ली. भारत 2047 तक विकसित होने का सपना देख रहा है. इसे लेकर कई विशेषज्ञों की अपनी चिंताए हैं कि ये लक्ष्य हासिल करने के लिए जो वृद्धि दर चाहिए शायद उसे मेंटेन कर पाना संभव नहीं है. लेकिन फिर आशावादी होकर भारतीय इस बात पर विश्वास कर ले रहे हैं कि यह हो जाएगा. लेकिन अब एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जिसने एक तरह से विकास की परिभाषा पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जो समस्या आज से कई दशक पहले थी आज भी वही है कि अमीर और अमीर होता जा रहा है और गरीब का आप जानते ही हैं. ब्लूम वेंचर्स की ‘इंडस वैली एनुअल रिपोर्ट 2025’ के अनुसार, भारत की 90 फीसदी आबादी यानी करीब 100 करोड़ लोगों के पास अतिरिक्त खर्च करने के लिए पैसा ही नहीं है. यानी वह किसी तरह अपने मासिक खर्च पूरे कर रहे हैं और उतने में ही उनकी आमदनी खत्म हो जा रही है.

इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शीर्ष 10% लोग ही देश की खपत और आर्थिक वृद्धि को चला रहे हैं. यह समूह लगभग 13-14 करोड़ लोगों का है, जो मेक्सिको की कुल आबादी के बराबर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में उपभोक्ता वर्ग “विस्तृत” होने के बजाय “गहरा” हो रहा है. यानी अमीर लोग और अमीर हो रहे हैं, लेकिन देश में अमीरों की कुल संख्या में कोई खास इजाफा नहीं हो रहा है. इसके अलावा, करीब 30 करोड़ लोग “उभरते” या “आकांक्षी” उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं, लेकिन ये खर्च करने में झिझकते हैं.

महंगे प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांगभारत के उपभोक्ता बाजार में ब्रांड्स अब सस्ते प्रोडक्ट्स के बजाय प्रीमियम उत्पादों पर ध्यान दे रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अफोर्डेबल रियल एस्टेट सेगमेंट में गिरावट आई है, जो पांच साल पहले 40% था और अब सिर्फ 18% रह गया है. हाल ही में हुए कोल्डप्ले और एड शीरन के हाउसफुल कॉन्सर्ट्स को “एक्सपीरियंस इकोनॉमी” के बढ़ते प्रभाव का उदाहरण बताया गया है.

बजट में मध्यम वर्ग को राहतइस महीने पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख रुपये तक की आय पर इनकम टैक्स छूट की घोषणा की है. इससे देश के 92% सैलरीड लोगों को टैक्स में राहत मिलेगी, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ सकती है.

अमीरों के पास बढ़ा देश की आय का हिस्सा‘डेक्कन हेराल्ड’ के अनुसार, 1990 में भारत के टॉप 10% लोगों के पास देश की कुल आय का 34% हिस्सा था, जो 2025 में बढ़कर 57.7% हो गया है. वहीं, निचले 50% लोगों की हिस्सेदारी 22.2% से घटकर 15% रह गई है.

चीन से 13 साल पीछे है भारत की खपतरिपोर्ट में कहा गया कि भारत की खपत वृद्धि दर दुनिया की कई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर है, लेकिन देश अभी भी चीन से 13 साल पीछे है. 2023 में भारत की प्रति व्यक्ति खपत $1,493 थी, जबकि चीन में यह 2010 में ही $1,597 पर पहुंच गई थी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 26, 2025, 15:42 ISThomebusinessविकसित होने का सपना! लेकिन 90% के पास खर्च करने के लिए नहीं एक्स्ट्रा पैसा

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