राजधानी से लेकर शताब्‍दी एक्‍सप्रेस तक होती हैं पैसेंजर ट्रेन, आप जानते हैं!

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Last Updated:July 15, 2025, 11:30 IST
Indian Railways News-शताब्‍दी हो, राजधानी हो या वंदेभारत सभी ट्रेनें पैसेंजर ट्रेन हैं. सुनकर थोड़ा अजीब लग रहा होगा. आप सवाल भी उठा सकते हैं लेकिन यह सच है. कैसें हैं, यहां जानिए-देश में 13000 से अधिक पैसेंजर ट्रेनें चलती हैं.नई दिल्‍ली. अगर आप से कहा जाए कि राजधानी से लेकर शताब्‍दी एक्‍सप्रेस पैसेंजर ट्रेन है तो आप तपाक से सवाल उठा देंगे. जब ये ट्रेनें पैसेंजर ट्रेन हैं तो कम दूरी के बीच सभी स्‍टेशनों पर रुककर चलने वाली ट्रेन कौन सी है? ऐसे सवाल उठने लाजिमी हैं. लेकिन वंदेभारत से लेकर शताब्‍दी, राजधानी वास्‍तव में भरतीय रेलवे के अनुसार पैसेंजर ट्रेन हैं. ये कैसे हैं, आइए जानते हैं?

मौजूदा समय 13000 से अधिक ट्रेनें देशभर में चल रही हैं. इसमें वंदेभारत, राजधानी जैसी प्रीमियम और लोकल ट्रेनें शामिल हैं. प्रीमियम ट्रेनें सुपरफास्‍ट की श्रेणी में आती हैं, इनकी संख्‍या 3000 से अधिक है. इन ट्रेनों रोजाना 2 करोड़ से अधिक यात्री सफर करते हैं. इनके अलावा गुड्स ट्रेनों को शामिल कर लिया जाए तो संख्‍या 23000 से अधिक पहुंच जाएगी.

क्‍यों कहते हैं पैसेंजर ट्रेन 

अब आप को बताते हैं कि मौजूदा समय सबसे तेज चलने वाली ट्रेनों को पैसेंजर क्‍यों बोला जाता है. दरअसल रेल मैन्‍युअल के अनुसार देश में दो तरह की ट्रेन होती हैं. एक पैसेंजर और दूसरी गुड्स ट्रेन. यानी जिस ट्रेन में यात्री सफर करते हैं, उसे पैसेंजर और माल ढोने वाली ट्रेन को गुड्स ट्रेन बोलते हैं. रेलवे जब भी अपने आर्डर जारी करता है तो उसमें शताब्‍दी राजधानी ट्रेनों को पैसेंजर ट्रेन लिखता है. इस तरह पैसेंजर ट्रेनों की संख्‍या 13000 से अधिक है.

75000 किमी. लंबा है कुल रेलवे लाइन

मौजूदा समय भारतीय रेलवे का लाइन 75000 किमी. से लंबी है. अगर रेलवे ट्रैक की बात की जाए तो इसकी लंबाई 1.30 लाख किमी. हो जाएगी. औसतन 5000 किमी. रेलवे ट्रैक निर्माण हर साल चल रहा है. इस तरह अगले पांच सालों में इसकी लंबाई 1.5 किमी. हो जाएगी.

कोच पर एक नजर

ट्रेनों में सबसे ज्‍यादातर मारामारी नॉन एसी क्‍लास यानी स्‍लीपर और जनरल में होती है. यही वजह है कि दो तिहाई कोच नॉन एसी हैं. मौजूदा प्रीमियम ट्रेनों के अलावा मेल, एक्‍सप्रेस और पैसेंजर मिलाकर कुल कोचों की संख्‍या 68534 है. इसमें नॉन एसी, स्‍लीपर और जनरल कोच 44946 हैं, जबकि एसी कोचों की संख्‍या 23588 है. इन आंकड़ों में सबअर्बन यानी लोकल ट्रेनों के कोचों को शामिल नहीं किया गया है.Location :New Delhi,Delhihomenationराजधानी से लेकर शताब्‍दी एक्‍सप्रेस तक होती हैं पैसेंजर ट्रेन, आप जानते हैं!

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