Last Updated:February 26, 2025, 15:37 ISTIndian Railways Third AC class- अगर आप आप थर्ड AC से सफर करते होंगे तो निश्चित ही अनुभव किया होगा कि इस क्लास में भी भीड़ बढ़ती जा रही है. इसका हाल भी स्लीपर जैसा हो गया है. भारतीय रेलवे के आंकड़ों से स्लीपर…और पढ़ेंरेलवे को एसी क्लास से मिलने वाले राजस्व में हो रहा है इजाफा.हाइलाइट्सकोरोना से पहले एसी क्लास से मिलने वाला राजस्व 36 फीसदी थाअब यह बढ़कर 54 फीसदी पहुंच गया हैवहीं नॉन एसी का राजस्व कम हुआ है नई दिल्ली. किसी समय एसी थर्ड क्लास में सफर करने वालों को सामान्य तौर पर संपन्न और यात्रा करना सुविधाजनक माना जाता था. पर मौजूदा समय अगर आप किसी से पूछते हैं कि एसी थर्ड क्लास से सफर करना कैसा रहेगा? वो तपाक से बोल पड़ेगा कि ये क्लास अब स्लीपर बन चुका है. अगर सुविधानजक सफर चाहते हैं तो सेकेंड एसी से सफर करें. इसकी वजह से रेलवे के राजस्व के आंकड़ों से समझ में आ रही है. आप भी जानिए-
रेलवे मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में एसी क्लास का राजस्व बढ़ा है, जबकि स्लीपर क्लास से सफर करने वालों का घटा है. अगर साल 2019-20 से तुलना की जाए तो रेलवे को मिलने वाले कुल राजस्व में से एसी क्लास का केवल 36 फीसदी होता था, इसमें एसी फर्स्ट, एसी सेकेंड, एसी थर्ड, एसी चेयरकार सभी तरह का एसी क्लास का राजस्व शामिल होता था. इनमें भी सबसे ज्यादा एसी थर्ड क्लास का ही होता है. वहीं, 2024-25 में राजस्व का यह आंकड़ा बढ़कर 54 फीसदी के करीब हो गया.
राजस्व में डेढ़ गुना इजाफा
इस तरह एसी क्लास के राजस्व में करीब डेढ़ गुना इजाफा हुआ है. आंकड़ों के अनुसार रेलवे को मिलने वाले कुल 80000 करोड़ राजस्व में एसी क्लास का राजस्व 50669 करोड़ है. इस तरह एसी क्लास से सफर करने वालों की संख्या में बढ़ी है.
घट रहा है नॉन एसी का राजस्व
वहीं, अब बात नॉन एसी क्लास की करते हैं. साल 2019-20 में नॉन एसी से सफर करने वाले यात्रियों से मिलने वाला राजस्व कुल 58 फीसदी होता था. इसमें सेकेंड क्लास, स्लीपर, नान एसी चेयरकार, सबअर्बन ट्रेनों से सफर करने वालों यात्रियों का राजस्व शामिल था, लेकिन साल 2024-25 में इसका राजस्व घटकर 41 फीसदी ही रह गया है.
पैसेंजरों की संख्या में दोगुना इजाफा
साल 2019-20 में एसी क्लास से चलने वाली कुल यात्रियों की संख्या 18 करोड़ थी. ट्रेनों द्वारा पूरे साल में 809 करोड़ यात्रियों ने सफर किया, हालांकि यह आंकड़ा केवल 2.2 फीसदी का रहा था. वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 38 करोड़ के करीब हो गयी है. इस साल 727 करोड़ यात्रियों के सफर करने की संभावना है, जिसमें 5.4 फीसदी यात्री एसी क्लास से सफर करने वाले रहे हैं.
पर रेलवे बढ़ा रहा है नॉन एसी क्लास के कोच
एसी क्लास का राजस्व बढ़ने क बावजूद रेलवे नॉन एसी क्लास के कोचों का निर्माण बढ़ा रहा है. अगले तीन सालों में 17000 कोचों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. ये सभी कोच साल 2028 तक तैयार हो जाएंगे. प्रत्येक साल 6000 कोचों का लक्ष्य रखा गया है, जो अगले साल मार्च तक तैयार हो जाएंगे. इन कोचों से करीब 6 लाख यात्रियों को सुविधा होगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 25, 2025, 12:21 ISThomenation थर्ड AC क्यों बनते जा रहे हैं स्लीपर क्लास? वजह सामने आई, आपने अनुभव किया
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