देसी जुगाड़ का विदेशी जलवा, गाय के गोबर का इस्तेमाल कर ये शख्स कमा रहा करोडों

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देसी जुगाड़ का विदेशी जलवा, गाय के गोबर का इस्तेमाल कर ये शख्स कमा रहा करोडों

Last Updated:January 18, 2025, 13:16 ISTIncense business: भावनगर के एक युवक ने पारंपरिक संसाधनों से पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाकर देश-विदेश में अपनी अनोखी पहचान बनाई है. उनका बिजनेस मॉडल सफलता की मिसाल है और पारंपरिक सोच में नए आइडिया जोड़ने का उदाहरण प्रस्तुत करता है.अगरबत्ती बिजनेस भावनगर शहर के जागृत दवे ने अपनी मेहनत और सोच से एक ऐसा बिजनेस मॉडल तैयार किया है जो पर्यावरण के अनुकूल है और रोजगार का एक बेहतरीन जरिया भी. जागृत ने डबल मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद एक निजी कंपनी में नौकरी की, लेकिन पांच साल पहले उन्होंने खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया. उन्होंने ‘ग्रंथ अगरबत्ती’ नाम से एक कंपनी बनाई, जो गीर गाय के गोबर से अगरबत्ती, धूप स्टिक और सुगंधित उत्पाद बनाती है.

पांच देशों में निर्यात, करोड़ों का टर्नओवरजागृत दवे का बिजनेस न केवल भारत में बल्कि ऑस्ट्रेलिया, दुबई, अमेरिका, कनाडा और मलेशिया जैसे देशों में भी अपनी पहचान बना चुका है. उनकी कंपनी सालाना 50 से 60 टन उत्पाद तैयार करती है और इसका टर्नओवर 1 से 2 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.

गीर गाय के गोबर का सही उपयोगजागृत बताते हैं कि गीर गाय के सूखे गोबर को 20 से 30 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदा जाता है. इसके बाद इसे पल्वेराइज़र मशीन के जरिए बारीक पाउडर में बदला जाता है. इसमें सात-आठ प्रकार की जड़ी-बूटियों और औषधियों का मिश्रण किया जाता है. इन सामग्रियों से नैचुरल अगरबत्ती, हवन सामग्री और सुगंधित उत्पाद तैयार किए जाते हैं.

हर मौसम के लिए खास प्रक्रियाअगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया लंबी होती है. उत्पाद तैयार करने के बाद इन्हें सुखाया जाता है. सर्दियों में यह प्रक्रिया दो से तीन दिन का समय लेती है. उत्पाद तैयार करने में किसी भी हानिकारक केमिकल का उपयोग नहीं होता.

कीमतें और मार्केट रिस्पॉन्सजागृत के अनुसार, उनके उत्पादों की कीमतें गुणवत्ता के अनुसार तय होती हैं. धूप स्टिक के एक किलो का मूल्य 300 से 600 रुपये है, जबकि अगरबत्ती के पैकेट 400 से 500 रुपये तक में मिलते हैं. गोबर की टिकड़ी और हवन कप की कीमतें भी किफायती हैं. विदेशों में यह सामग्री 500 से 600 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकती है.

पर्यावरण और परंपरा का अनूठा संगमजागृत ने बताया कि गीर गाय के गोबर और जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बने उत्पाद पर्यावरण के अनुकूल हैं. गोबर, गौमूत्र और अन्य प्राकृतिक सामग्री का शास्त्रों में भी महत्व बताया गया है. उनके उत्पादों को लैब में टेस्ट किया जाता है और यह पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
First Published :January 18, 2025, 13:16 ISThomenationदेसी जुगाड़ का विदेशी जलवा, गाय के गोबर का इस्तेमाल कर ये शख्स कमा रहा करोडों

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