15 अगस्त 2025 से भारत में निजी वाहन मालिकों को एक सालाना FASTag टोल पास का विकल्प मिलेगा. इसके लिए 3000 रुपये का शुल्क देना होगा. इसकी वैधता एक साल तक या 200 बार टोल पार करने तक रहेगी (जो भी पहले हो). इसी से संबंधित एक जरूरी जानकारी है, जिसे शायद आपने मिस कर दिया हो. यह जानकारी ऐसे टोल सिस्टम से जुड़ी है, जहां पर एंट्री और एग्जिट दोनों ही रिकॉर्ड किए जाते हैं. इस बारे में सरकार ने स्पष्ट किया है एंट्री और एग्जिट दोनों वाले टोल सिस्टम को एक ही ट्रिप माना जाएगा, न कि दो. इससे दो बार चार्ज नहीं लगेगा.यह वह व्यवस्था होती है जहां वाहन जब टोल रास्ते में प्रवेश करता है, तब एक्सेस पॉइंट (Entry Point) पर उसका नंबर या FASTag स्कैन होता है. जब वही वाहन, रास्ते के अंत में या किसी एग्ज़िट पॉइंट से बाहर निकलता है, तब उसकी निकासी (Exit) भी दर्ज होती है. यहां वाहन को दो टोल प्लाज़ा से गुजरना पड़ता है, एक एंट्री पर और दूसरा एग्जिट पर. तो इसे 1 ही माना जाएगा, न कि दो.
इस योजना से उन लोगों को काफी राहत मिलेगी जो रोज़ या बार-बार नेशनल हाईवे पर सफर करते हैं. उन्हें हर बार पैसे कटने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी और टोल पर समय की भी बचत होगी. इससे ट्रैफिक कम होगा और सफर ज्यादा आसान बनेगा. लेकिन आपके लिए यह भी जानना जरूरी है कि यह पास स्टेट टोल सिस्टम पर नहीं चलेगा. (लिंक)
केवल प्राइवेट वाहनों को मिलेगा पास
इस स्कीम की घोषणा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 17 जून को की और यह योजना केंद्र सरकार की अधिसूचना के ज़रिए लागू की जा रही है. इसका उद्देश्य है कि टोल प्लाजा पर लगने वाली भीड़ को कम किया जाए, टोल भुगतान की प्रक्रिया को आसान बनाया जाए और सफर को बिना रुकावट के बनाया जाए.
इस वार्षिक टोल पास की कीमत 3,000 रुपये तय की गई है. यह एक प्रीपेड सुविधा है जिसमें आपको बार-बार FASTag से कटौती नहीं होगी. जब पास एक बार एक्टिवेट हो जाएगा, तो वह एक साल तक वैध रहेगा या फिर 200 बार टोल पार करने तक. चाहे हर टोल पर कितना भी चार्ज हो, वो मायने नहीं रखेगा.
यह सुविधा सिर्फ निजी उपयोग वाले वाहनों के लिए है, जैसे कार, जीप और वैन. इसका फायदा सिर्फ उन्हीं वाहन चालकों को मिलेगा, जिनके पास वैलिड रजिस्ट्रेशन और एक्टिव फास्टैग है. यह सुविधा कमर्शियल वाहनों जैसे ट्रक, बस और टैक्सी के लिए नहीं होगी.
कैसे होगा एक्टिव
इस पास को एक्टिवेट करने के लिए सरकार जल्द ही एक लिंक जारी करेगी, जो “राजमार्ग यात्रा ऐप”, MoRTH (सड़क परिवहन मंत्रालय) और NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की वेबसाइट्स पर उपलब्ध रहेगा. वहां पर वाहन से जुड़ी जानकारी और FASTag ID डालकर पास को एक्टिव किया जा सकेगा.
क्या हर साल बदलेगी इसकी कीमत?
हर साल 1 अप्रैल से इस पास की कीमत में बदलाव हो सकता है. यह बदलाव महंगाई या नीतियों के आधार पर किया जाएगा, जैसा कि नए नियमों में उल्लेख किया गया है.क्रिसिल के सीनियर डायरेक्टर जगन्नारायण पद्मनाभन के अनुसार, यह पास उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होगा जो हर साल 2,500 से 3,000 किलोमीटर या उससे ज्यादा सफर करते हैं. ऐसे यात्रियों को इससे अच्छी बचत भी होगी और लंबी दूरी की यात्रा ज्यादा आरामदायक बन जाएगी.
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