द्वारका एक्सप्रेसवे पर परेशानी बढ़ी, ट्रैफिक डायवर्जन का अलर्ट, क्या है वजह?

Must Read

नई दिल्ली. द्वारका एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम सेक्टर 102 में बने अंडरपास में गंभीर सीपेज की समस्या सामने आने के बाद नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इसकी इमरजेंसी मरम्मत शुरू कर दी है. यह मरम्मत सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) की एक रिपोर्ट में सामने आए स्ट्रक्चरल डिफेक्ट्स के आधार पर की जा रही है. एनएचएआई ने ट्रैफिक को कम से कम प्रभावित करने के लिए मरम्मत को चरणों में करने का निर्णय लिया है.

मरम्मत कार्य के चलते सड़क के दोनों ओर आवाजाही कुछ दिनों तक बंद रहेगी. गुरुग्राम सेक्टर 09 से सेक्टर 102 की ओर जाने वाली सड़क को 22 मई सुबह 11 बजे से 25 मई शाम 5 बजे तक बंद किया गया है. इसके बाद, सेक्टर 102 से सेक्टर 09 की दिशा में 25 मई शाम 6 बजे से 29 मई शाम 5 बजे तक ट्रैफिक बंद रहेगा. एनएचएआई ने यात्रियों से वैकल्पिक मार्ग अपनाने की अपील की है ताकि उन्हें अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े.

द्वारका एक्सप्रेसवे और सेक्टर 102 अंडरपास के बारे में

द्वारका एक्सप्रेसवे (NH-248BB) भारत का पहला शहरी एलिवेटेड हाईवे है जिसकी कुल लंबाई 29 किमी है. यह दिल्ली के शिव मूर्ति से शुरू होकर गुरुग्राम के खेड़की दौला टोल तक जाता है. इसका उद्घाटन मार्च 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. ₹9,000 करोड़ की लागत से बने इस प्रोजेक्ट का गुरुग्राम सेक्शन (18.9 किमी) पूरी तरह चालू है, जबकि दिल्ली सेक्शन (10.1 किमी) के दिसंबर 2024 तक पूरा होने की उम्मीद है.

सेक्टर 102-102A के बीच स्थित 585 मीटर लंबा और चार लेन वाला यह अंडरपास ₹24 करोड़ की लागत से बनाया गया था. इसका उद्देश्य NH-8 से सेक्टर 102, 102A, 101, 104, 9, 10A जैसे रेजिडेंशियल इलाकों को बेहतर कनेक्टिविटी देना था. हालांकि, 2019 में शुरू हुआ यह निर्माण कार्य भूमि अधिग्रहण की वजह से बार-बार टलता रहा और जून 2024 में जाकर शुरू हुआ.

निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल

इस अंडरपास के उद्घाटन के एक साल के भीतर ही दीवारों और जॉइंट्स से पानी रिसने लगा, जिससे इसके निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं. अप्रैल 2025 में भी इस समस्या को लेकर एक तरफ की सड़क बंद करके मरम्मत की गई थी, लेकिन कुछ ही समय में फिर से सीपेज की शिकायत सामने आई. CBRI की रिपोर्ट के बाद अब NHAI ने बड़े स्तर पर मरम्मत की प्रक्रिया शुरू की है. स्थानीय निवासी और आरडब्ल्यूए प्रतिनिधि लगातार निर्माण की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठा रहे हैं. जैसे इंपीरियल गार्डन सोसाइटी की सीमा वत्स ने कहा कि बार-बार मरम्मत से जनता की सुरक्षा और टैक्सपेयर्स के पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है.

पहले भी सामने आ चुकी हैं समस्याएं

द्वारका एक्सप्रेसवे पर पहले भी कई बार निर्माण में खामियां सामने आई हैं:

जुलाई 2024 में हेरिटेज मैक्स सोसाइटी के पास 70 मीटर लंबी सड़क डीज़ल रिसाव और बारिश के चलते खराब हो गई थी.

इसी महीने बसई अंडरपास के पास आग लगने से 100 मीटर एलिवेटेड सेक्शन को नुकसान हुआ था.

2021 में NHAI ने GMDA को चेतावनी दी थी कि सेक्टरों में ड्रेनेज की व्यवस्था ठीक न होने से पूरे एक्सप्रेसवे के जलमग्न होने का खतरा है.

सार्वजनिक असंतोष और जवाबदेही की मांग

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूज़र्स ने अंडरपास के जोड़ टूटने, सड़क धंसने और जलभराव की तस्वीरें साझा की हैं. लोगों का कहना है कि ₹10,000 करोड़ की लागत वाले प्रोजेक्ट में इतनी जल्दी खराबी आना चिंता का विषय है. नागरिकों ने NHAI से स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. द्वारका एक्सप्रेसवे को दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक को 30% तक कम करने के लिए तैयार किया गया था, लेकिन लगातार तकनीकी खामियों और निर्माण की लापरवाही से यह परियोजना सवालों के घेरे में आ गई है. आगामी मानसून से पहले यदि मरम्मत प्रभावी नहीं हुई, तो यह अंडरपास एक बार फिर परेशानी का कारण बन सकता है.

stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news

English News

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest Article

- Advertisement -