Last Updated:March 05, 2025, 12:32 ISTHospitals on Expressway : देश में सबसे ज्यादा एक्सप्रेसवे यूपी में बने हैं और अब यूपी की योगी सरकार ने एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर अस्पताल बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में मौतो…और पढ़ेंयोगी सरकार ने एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर अस्पताल बनाने का निर्देश दिया है. हाइलाइट्सयूपी में एक्सप्रेसवे के किनारे अस्पताल बनेंगे.सड़क हादसों में मौतें कम करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, कानपुर को प्राथमिकता.नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए व्यापक कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने एक्सप्रेसवे के दोनों ओर अस्पताल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जैसे कि अभी फूड प्लाजा बने होते हैं, ताकि दुर्घटना पीड़ितों को तुरंत चिकित्सा सहायता मिल सके और हादसों में हो रही मौतों को कम किया जा सके. पिछले दिनों जारी आंकड़ों में बताया गया था कि देश में हुए कुल सड़क हादसों में यूपी सबसे आगे है.
सीएम योगी ने पुलिस की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि 2024 में प्रदेश में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 34,600 लोग घायल हुए और 24,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई. सीएम ने इन आंकड़ों को बेहद दुखद बताया और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय बनाने पर जोर दिया. उन्होंने अधिकारियों को राज्य के सड़क नेटवर्क में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करने और उन्हें सुधारने को कहा है. हादसों में मौतों को कम करने के लिए हर एक्सप्रेसवे के दोनों ओर बनाने का निर्देश दिया, जैसे कि फूड प्लाजा होते हैं. इसके अलावा डिविजनल मुख्यालयों पर ट्रॉमा सेंटर, एम्बुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ तैनात होना चाहिए.
इन राज्यों में हुई सबसे ज्यादा मौतसाल 2024 में सबसे ज्यादा मौतें 20 जिलों से रिपोर्ट की गईं. इनमें हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ और कानपुर शामिल हैं. इन क्षेत्रों में राज्य में कुल सड़क दुर्घटनाओं में की 42 प्रतिशत मौतें हुईं. माना जा रहा है कि सबसे पहले अस्पताल इन्हीं जिलों में बनाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण करना चाहिए और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ानी चाहिए. इसके लिनए जिला स्तर पर मासिक बैठकें और मंडल स्तर पर तिमाही बैठकें आयोजित की जानी चाहिए.
सख्त कार्रवाई के भी निर्देशसीएम योगी ने चिंता जताई कि पिछले साल अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर और आगरा मंडलों में इस मुद्दे पर केवल एक ही बैठक हुई थी. उन्होंने निर्देश दिया कि तेज गति, नशे में गाड़ी चलाना, गलत दिशा में गाड़ी चलाना, रेड लाइट कूदना और गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन का उपयोग करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. बिना अनुमति वाले वाहन, ओवरलोडेड ट्रक और अवैध बसों को सड़कों से हटाया जाना चाहिए. राजमार्गों के किनारे शराब की दुकानों को बंद किया जाना चाहिए और बड़े विज्ञापन होर्डिंग्स को छोटा किया जाना चाहिए.
पाठ्यक्रम का हिस्सा बनेंगे ट्रैफिक नियमसीएम ने कहा कि बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभागों को स्कूल के पाठ्यक्रम में ट्रैफिक नियमों को शामिल करना चाहिए और स्कूलों व कॉलेजों को सड़क सुरक्षा जागरूकता गतिविधियों का आयोजन करना चाहिए. सभी ई-रिक्शा चालकों का सत्यापन प्राथमिकता से किया जाना चाहिए, ताकि नाबालिगों द्वारा ड्राइविंग को रोका जा सके. एक्सप्रेसवे और हाईवे पर क्रेनों, गश्ती वाहनों और एंबुलेंस की संख्या बढ़ाई जाए और राज्य में NHAI की सभी 93 सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, क्योंकि वर्तमान में केवल चार सड़कों पर ही कैमरे लगे हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 05, 2025, 12:32 ISThomebusinessयूपी में एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे अस्पताल, किन जिलों को मिलेगा फायदा
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