नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने 14,850 करोड़ रुपये की तीन बड़ी आधारभूत परियोजनाओं को मंजूरी दी है. इन प्रोजेक्ट्स के पूरा हो जाने से जहां दिल्ली से कटरा और देहरादून जाना आसान हो जाएगा, वहीं एनसीआर की प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा जाम से निजात मिलेगी. दिल्ली अमृतसर कटरा एक्सप्रेसवे का विस्तार कर इसे दिल्ली में अर्बन एक्सटेंशन रोड से जोड़ा जाएगा. अर्बन एक्सटेंशन रोड)-II को गाजियाबाद में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे में मिलाया जाएगा. इसी तरह UER-II के पूर्वी हिस्से को भी नोएडा होते हुए फरीदाबाद तक बढाया जाएगा.
इन तीनों परियोजनाओं को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के जरिए पूरा किया जाएगा. बीते हफ्ते इन परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी. तीनों प्रोजेक्ट्स से दिल्ली के दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम और पूर्वी हिस्सों में बारापुला फ्लाईओवर, रिंग रोड और आउटर रिंग रोड (ORR) समेत कई आंतरिक मार्गों का अपग्रेडेशन होगा. इसके अलावा द्वारका, सराय काले खां, कालिंदी कुंज को नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम को राष्ट्रीय राजधानी से नई कनेक्टिविटी मिलेगी.
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे का विस्तार
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-अमृतसर-कटरा नेशनल एक्सप्रेसवे (NE-5) को कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से दिल्ली में अर्बन एक्सटेंशन रोड (UER)-II (NH-344M) तक बढ़ाया जाएगा. करीब 20 किलोमीटर लंबे इस खंड पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे. एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, इससे जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और पंजाब से दिल्ली, गुरुग्राम और IGI एयरपोर्ट जाने वाला यातायात सीधे UER-II और द्वारका एक्सप्रेसवे के जरिये जुड़ेगा. साथ ही NH-44 के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा, जिससे दिल्ली में प्रदूषण और ट्रैफिक का दबाव घटेगा. इस प्रोजेक्ट की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करने का काम शुरू हो चुका है. मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य के टेंडर जारी कर दिए जाएंगे.
UER-II का एक्सटेंशन
UER-II , जिसे दिल्ली का तीसरा रिंग रोड भी कहा जाता है को अलीपुर के पास से दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (NH-709B) के ट्रोनिका सिटी, गाजियाबाद तक बढ़ाया जाएगा. 17 किलोमीटर लंबे इस खंड पर 3,350 करोड़ रुपये खर्च होंगे. अधिकारियों के मुताबिक, यह NH-44, आउटर रिंग रोड और इनर रिंग रोड के लिए एक प्रभावी बाईपास बनेगा. इससे उत्तर, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और दक्षिण दिल्ली व गुरुग्राम जाने वाले वाहन UER-II और द्वारका एक्सप्रेसवे से होकर निकल सकेंगे. इससे दिल्ली के भीतर ट्रैफिक जाम में भी राहत मिलेगी.
UER-II का अधिकांश काम पूरा हो चुका है और इसे अगस्त से पहले आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा. इसके बाद दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से भी इस रूट को जोड़ा जाएगा, ताकि लंबी दूरी और मालवाहक वाहनों को दिल्ली के मुख्य मार्गों से हटाया जा सके.
पूर्वी दिल्ली से फरीदाबाद जाना होगा आसान
तीसरी बड़ी योजना के तहत UER-II के पूर्वी हिस्से को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे से नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद तक बढ़ाया जाएगा. यह 65 किलोमीटर लंबा नया खंड होगा, जिस पर 7,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह नया हाईवे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, डीएनडी-फरीदाबाद हाईवे और यमुना एक्सप्रेसवे को आपस में जोड़ेगा. इससे लोनी, बागपत, गाजियाबाद, नोएडा और फरीदाबाद जैसे शहर उत्तर, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिल्ली से आसानी से कनेक्ट होंगे.
अधिकारियों का कहना है कि इस मार्ग के बनने से आउटर रिंग रोड, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के सराय काले खां सेक्शन और कालिंदी कुंज जैसे आंतरिक मार्गों पर ट्रैफिक कम होगा. अंतरशहरी और मालवाहक वाहनों को हाई-स्पीड वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा. DPR तैयार करने के लिए निविदाएं मांगी गई हैं और 20 जून तक ठेका दिए जाने की संभावना है.
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