Aviation News: एयरपोर्ट एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के एक फैसले की वजह से 1500 से अधिक फ्लाइट जमीन पर आ गई है. बीते दो दिनों से ये 1500 फ्लाइट्स टेकऑफ के इंतजार में अलग-अलग एयरपोर्ट्स पर खड़ी है. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम की वजह से पैसेंजर्स के बीच अफरा तफरी का माहौल है. माना जा रही है कि अचानक खड़ी हुई इस परिस्थिति का असर 3 लाख से अधिक पैसेंजर्स पर पड़ा है.
दरअसल, इस अफरा-तफरी की असल वजह फ्रांस के एयर ट्रैफिक कंट्रोल से जुड़े स्टाफ की स्ट्राइक है. इस स्ट्राइक की वजह से पूरे यूरोप में हलचल मचा हुआ है. बेहतर वेतन और अधिक कर्मचारियों की मांग को लेकर शुरू हुई इस स्ट्राइक ने 1500 से अधिक फ्लाइट् को कैंसिल करना पड़ा है. साथ ही, करीब 3 लाख पैसेंजर्स की छुट्टियों पर पानी फिर गया है. यह स्ट्राइक ठीक उस समय हुई, जब फ्रांस में ‘ग्रांड डिपार्ट’ की शुरुआत हो रही थी, जिसने स्थिति को बेहद मुश्किल बना दिया है.
क्या है स्ट्राइक की असल वजह?
रिपोर्ट्स के अनुसार, स्ट्राइक की अगुवाई कर रहे यूनियन्स ने मांग की है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को बेहतर सेलरी दी जाए. नए स्टाफ की भर्ती हो और पुराने इक्विपमेंट्स को तुरंत अपग्रेड किया जाए. स्ट्राइक पर गया एटीसी स्टाफ लंबे समय से काम के दबाव और थकान की शिकायत कर रहा था. उनका कहना है कि मौजूदा स्टाफ की कमी और पुराने सिस्टम के कारण काम करना मुश्किल हो गया है.
किन एयरलाइंस पर सबसे ज्यादा असर?
इस स्ट्राइक का सबसे ज्यादा असर रियानएयर और ईजीजेट जैसी बड़ी एयरलाइंस पर पड़ा है. रियानएयर ने 170 फ्लाइट्स कैंसिल की हैं. वहीं, ईजीजेट को 274 फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ीं हैं. फ्रांस की सिविल एविएशन अथॉरिटीज ने कुछ एयरपोर्ट्स पर 50 फीसदी तक फ्लाइट्स कम करने का आदेश दिया है, जिससे पूरे यूरोप में फ्लाइट डिले और कैंसिलेशन का दौर शुरू हो गया है. रियानएयर ने सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है, क्योंकि उनका कारोबार इस स्ट्राइक से बुरी तरह प्रभावित हो रहा है.
क्या हैं यूरोप में पैसेंजर्स के सामने चुनौतियांस्ट्राइक की वजह से यूरोप के हवाई यातायात पर भारी असर देखने को मिल रहा है. विशेषज्ञों ने इसे अब तक का सबसे खराब दौर बताया है. यूरोपियन कॉकपिट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पॉल रॉयटर ने कहना है कि कोविड के बाद से हर गर्मी में स्थिति बदतर होती जा रही है. एयर स्पेस और एयरपोर्ट्स की क्षमता सीमित है. जरा सी भी गड़बड़ पूरे सिस्टम को तहस-नहस कर सकती है.
वहीं, यूरोपियन कमीशन फॉर ट्रांसपोर्ट अपोस्टोलोस त्ज़ित्ज़िकोस्तास ने चेतावनी दी कि 2024 यूरोपीय एविएशन के लिए सबसे खराब साल था. इस साल स्थिति और बिगड़ सकती है. स्ट्राइक का असर केवल फ्रांस तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे यूरोप में इसका प्रभाव देखा जा रहा है.
क्यों नहीं सुलझ रही समस्या?एक्सपर्ट्स के अनुसार, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर की कमी को दूर करना इतना आसान नहीं है. नए कंट्रोलर्स को प्रशिक्षित करने में कम से कम तीन साल लगते हैं. इसके अलावा, यूरोप का एयर स्पेस 40 अलग-अलग एयर नेविगेशन सर्विस प्रोवाइडर द्वारा कंट्रोल होता है, जिसके कारण सिस्टम में एकरूपता की कमी है. यह फ्रेगमेंटेड स्ट्रक्चर समस्या को अधिक जटिल बरा रहा है. वहीं, स्ट्राइक को लेकर पैसेंजर्स में गुस्सा और निराशा है. गर्मी की छुट्टियों का समय होने के कारण परिवार और पर्यटक सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
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