Black Budget of India : भारत के बजट इतिहास में 1973-74 का बजट काफी चर्चित रहा है. चर्चित इसलिए, क्योंकि इसे ‘ब्लैक बजट’ ने नाम से जाना जाता है. यह बजट उस समय की आर्थिक चुनौतियों और सरकार की नीतियों का प्रतिबिंब था, जिसने देश की वित्तीय स्थिति पर गहरा प्रभाव डाला. इस बारे में हम विस्तार से बात करेंगे, लेकिन उससे पहले बता दें कि आने वाली 1 फरवरी को भारत का केंद्रीय बजट संसद में पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट प्रस्तुत करेंगी और लेखा-जोखा देंगी.
लौटते हैं ब्लैक बजट पर. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद देश की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव में थी. युद्ध के खर्चों ने सरकारी खजाने को कमजोर कर दिया था. इसके तुरंत बाद देश को सूखे जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ा, जिससे कृषि के उत्पादन में गिरावट आई. इन परिस्थितियों में सरकार की आय में कमी और खर्चों में वृद्धि होती गई, जिससे बजट घाटा (Deficit) बढ़ता गया.
बजट में राजकोषीय घाटे ने चौंकायातत्कालीन वित्त मंत्री यशवंतराव बी. चव्हाण ने 1973-74 का बजट प्रस्तुत किया, जिसमें 550 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा दर्शाया गया था. उस समय के हिसाब से यह एक बहुत बड़ी रकम थी. पहले कभी इतना ज्यादा राजकोषीय घाटा देखा-सुना नहीं गया था. इस बजट ने देश की डगमगाती आर्थिक स्थिति की गंभीरता से पर्दा हटाने का काम किया. बजट पेश करते हुए चव्हाण ने कहा था कि देश में सूखे के कारण हालात बिगड़े हैं, खाद्यान्न उत्पादन में भारी कमी आई है, जिससे बजट का घाटा बढ़ा है.
उस बजट में सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं भी कीं. इन घोषणाओं में कोयला खदानों, बीमा कंपनियों और इंडियन कॉपर कॉर्पोरेशन के राष्ट्रीयकरण के लिए 56 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया. सरकार का तर्क था कि कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण एनर्जी के सेक्टर की बढ़ती मांग को पूरा करने में सहायक होगा. ‘ब्लैक बजट’ ने देश की आर्थिक नीतियों और योजनाओं पर गहरा प्रभाव डाला. इसने सरकार को अपने खर्चों में कटौती करने और वित्तीय अनुशासन अपनाने के लिए प्रेरित किया.
2025 के आम बजट से उम्मीदेंभारत आगामी वित्त वर्ष (FY 25-26) के लिए मोदी सरकार 3.0 केंद्रीय बजट की तैयारी में जुटी है. 1 फरवरी 2025 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट प्रस्तुत करेंगी. इस बजट को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं. अलग-अलग इंड्स्ट्री के लोग कई तरह की मांगें कर रहे हैं. एक्सपर्ट आयकर में छूट को लेकर कह रहे हैं तो इंडस्ट्री से जुड़े लोग राहत की मांग कर रहे हैं.
बता दें कि आयकर स्लैब के मामले में इनकम टैक्स स्लैब के लिए नई राहत के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं. सरकार द्वारा जारी किए गए पहले अनुमानों से संकेत मिलता है कि चालू वित्त वर्ष (2023-24) में भारत की जीडीपी में 7.3 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है.
Tags: Budget session, Indira GandhiFIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 13:05 IST
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News