Last Updated:February 03, 2025, 14:40 ISTडोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ फैसले से भारतीय मैन्युफैक्चरिंग को फायदा और शेयर बाजार को झटका लग सकता है. डॉलर की मजबूती से आयात महंगा होगा, जिससे महंगाई बढ़ेगी. निवेशकों को सतर्क रहना होगा.डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयात पर शुल्क बढ़ा दिया है. हाइलाइट्सट्रंप के टैरिफ से भारतीय मैन्युफैक्चरिंग को फायदा हो सकता है.डॉलर की मजबूती से भारतीय शेयर बाजार को झटका लग सकता है.निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है.नई दिल्ली. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन, मैक्सिको और कनाडा से आयात होने वाले सामानों पर टैरिफ लगाने का असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर साफ दिखाई दे रहा है. इसके भारत पर भी दो बड़े प्रभाव पड़ सकते हैं—पहला, भारतीय मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को फायदा मिल सकता है, और दूसरा, डॉलर की मजबूती से भारतीय शेयर बाजार को झटका लग सकता है. अमेरिका ने चीनी सामानों पर 10% और मैक्सिको-कनाडा से आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. इससे अमेरिकी कंपनियां नई सोर्सिंग डेस्टिनेशन तलाश सकती हैं.
पहले से ही “चीन प्लस वन” रणनीति के तहत कई कंपनियां चीन के अलावा अन्य विकल्प देख रही थीं, अब मैक्सिको और कनाडा भी महंगे होने से भारत के लिए निर्यात के नए अवसर बन सकते हैं. हालांकि, टैरिफ बढ़ने से वैश्विक व्यापार युद्ध का खतरा भी बढ़ गया है, जिससे सप्लाई चेन में दिक्कतें आ सकती हैं. भारत अब भी कई जरूरी चीजों के लिए आयात पर निर्भर है, और इस तरह की अस्थिरता से महंगाई बढ़ने का खतरा बना रहेगा.
विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से भारी निकासी कर रहे हैं. अब तक वे ₹1.78 लाख करोड़ के शेयर बेच चुके हैं, जबकि भारतीय बॉन्ड बाजार में केवल ₹11,337 करोड़ का निवेश हुआ है. अगर डॉलर और मजबूत हुआ, तो निवेशकों की बिकवाली जारी रह सकती है. इसके अलावा, अमेरिकी नीतियों से फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को कम करने की क्षमता भी सीमित हो सकती है, जिससे वैश्विक पूंजी अमेरिकी बाजारों में वापस जा सकती है.
भारतीय बाजार की उम्मीदें खुदरा निवेशकों पर टिकींअब तक भारतीय बाजार खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी के दम पर मजबूत बना हुआ है. लेकिन कमजोर आय वृद्धि, सरकारी निवेश में कमी और बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण अब निवेशकों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण हो गई है. जब तक कंपनियों की आय में सुधार नहीं दिखता और वैल्यूएशन को सही ठहराने वाले मजबूत नतीजे नहीं आते, तब तक भारतीय बाजार को खुदरा निवेशकों का समर्थन ही बचाए रख सकता है. अमेरिका के टैरिफ फैसले से भारत को कुछ अवसर जरूर मिले हैं, लेकिन अस्थिर वैश्विक माहौल में निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत होगी. अगर व्यापार युद्ध बढ़ता है और डॉलर की मजबूती जारी रहती है, तो भारतीय बाजारों को आगे और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 03, 2025, 14:40 ISThomebusinessभारत के लिए वरदान और अभिशाप दोनों है ट्रंप का टैरिफ
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News