आरबीआई के सिर पर ‘सोने’ की धुन सवार, धड़ल्ले से भरा रहा खजाना, क्या है इशारा?

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Last Updated:February 16, 2025, 06:43 ISTRBI ने 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा, जिससे वह शीर्ष दस केंद्रीय बैंकों में शामिल हो गया. यह कदम करेंसी उतार-चढ़ाव और विदेशी मुद्रा भंडार में नुकसान कम करने के लिए है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह भंडार संतुलन के लि…और पढ़ेंGold-Silver Rate 13 February 2025: सोने-चांदी का भाव
हाइलाइट्सआरबीआई ने 2024 में 72.6 टन सोना खरीदा.आरबीआई अब शीर्ष दस केंद्रीय बैंकों में शामिल.सोने की खरीदारी करेंसी उतार-चढ़ाव से बचाव के लिए.नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हाल के वर्षों में सोने की भारी खरीदारी कर रहा है. 2024 में केंद्रीय बैंक ने 72.6 टन सोना खरीदा, जो पिछले साल के मुकाबले चार गुना ज्यादा है. इस बढ़ती खरीदारी के चलते आरबीआई अब दुनिया के शीर्ष दस केंद्रीय बैंकों में शामिल हो गया है, जिनके विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, रिजर्व बैंक की यह रणनीति करेंसी में तेज उतार-चढ़ाव (currency volatility) और विदेशी मुद्रा भंडार में revaluation loss को कम करने के लिए अपनाई जा रही है. डॉलर की मजबूती और अमेरिकी ट्रेजरी बॉन्ड के बढ़ते रिटर्न से विदेशी मुद्रा भंडार की वैल्यू में गिरावट का खतरा रहता है. इस स्थिति में सोने का भंडार एक सुरक्षित विकल्प साबित होता है, क्योंकि इसका मूल्य समय के साथ स्थिर रहता है और वैश्विक अनिश्चितताओं के दौरान यह एक मजबूत निवेश साधन बनता है.

डॉलर पर निर्भरता कम करने की रणनीति?हाल ही में संसद में इस मुद्दे पर चर्चा भी हुई. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सरकार से पूछा कि क्या यह सोने की खरीदारी अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने की कोशिश है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि यह खरीदारी केवल भंडार के संतुलन (reserve diversification) के लिए की जा रही है और इसका मकसद किसी अन्य मुद्रा की जगह सोने को प्राथमिकता देना नहीं है.

सोने की बढ़ती कीमतें और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी2025 में अब तक सोने की कीमतों में 10% से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. वैश्विक स्तर पर भी केंद्रीय बैंक सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं. 2024 में कुल मिलाकर 1,045 टन सोने की खरीदारी हुई, जिसमें तुर्की, पोलैंड और भारत जैसे देश शीर्ष पर रहे. विश्लेषकों का मानना है कि यह ट्रेंड 2025 में भी जारी रहेगा, क्योंकि दुनिया भर के केंद्रीय बैंक डॉलर पर निर्भरता कम कर अपनी संपत्तियों को विविधता देने की रणनीति अपना रहे हैं.

RBI का सोने का भंडार कितना है?जनवरी 2025 के अंत तक RBI के पास कुल 876.18 टन सोना था, जिसकी कीमत 66.2 अरब डॉलर थी. यह 2023 के मुकाबले 72.6 टन अधिक है. दिलचस्प बात यह है कि RBI आमतौर पर अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह सोना बेचता नहीं है, जिससे इसका भंडार लगातार बढ़ता जा रहा है.

क्या निवेशकों को भी सोने में निवेश करना चाहिए?विशेषज्ञों का मानना है कि सोने में निवेश करना लंबी अवधि के लिए एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, खासकर तब जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बनी हुई है. हालांकि, व्यक्तिगत निवेशकों को अपनी जोखिम क्षमता और पोर्टफोलियो को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए. RBI की यह आक्रामक सोना खरीद नीति न केवल मुद्रा अस्थिरता से सुरक्षा का संकेत देती है, बल्कि वैश्विक आर्थिक बदलावों के प्रति उसकी सतर्कता को भी दर्शाती है. आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह प्रवृत्ति जारी रहती है या फिर इसमें कोई बदलाव आता है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 16, 2025, 06:43 ISThomebusinessआरबीआई के सिर पर ‘सोने’ की धुन सवार, धड़ल्ले से भरा रहा खजाना, क्या है इशारा?

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