Last Updated:March 07, 2025, 10:33 ISTReciprocal Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैक्स के ऐलान के बाद भारत और चीन समेत कुछ देशों की चिंता बढ़ गई है. हाइलाइट्सट्रंप ने भारत, चीन पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाने का ऐलान किया.रेसिप्रोकल टैरिफ, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में शुल्क के तौर पर लगाया जाता है.रेसिप्रोकल टैक्स से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है.Reciprocal Tariff: इनकम टैक्स, जीएसटी और सरचार्ज समेत देश में बहुत से टैक्स सरकार द्वारा वसूले जाते हैं. अब रेसिप्रोकल टैरिफ या टैक्स को लेकर भी चर्चाएं होने लगी है. हालांकि, यह टैक्स भारत नहीं बल्कि अमेरिका दुनिया के कुछ देशों पर थोपने जा रहा है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन, भारत, कनाडा और मैक्सिको पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाने का ऐलान किया है. ट्रंप की दलील है कि ये देश अमेरिका पर बहुत टैरिफ लगाते हैं इसिलए हम भी इन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे. ट्रंप के देश-विदेश के जानकारों की मानें तो ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है, साथ ही दुनियाभर में महंगाई बढ़ सकती है. आइये आपको बताते हैं कि आखिर यह रेसिप्रोकल टैक्स होता क्या है.
क्या है रेसिप्रोकल टैरिफ
हर देश एक-दूसरे से पेट्रोल-डीजल, गैस समेत अन्य वस्तुओं का आयात-निर्यात करता है और यही व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय व्पायार है. इंटरनेशनल ट्रेड में टैरिफ एक तरह का बॉडर शुल्क या टैक्स होता है, जो विदेशों से आने वाले सामान पर लगाया जाता है.
रेसिप्रोकल का शाब्दिक अर्थ है “आप जैसा करोगे, वैसा ही हम करेंगे”. चूंकि, डोनाल्ड ट्रंप का कहना है भारत, चीन, कनाडा और मैक्सिको, अमेरिका पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं इसलिए हम भी उन पर ज्यादा टैरिफ लगाएंगे.
इस टैरिफ के फायदे
व्यापार में समानता और निष्पक्षता के मकसद से रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया जाता है. वहीं, इस टैक्स के जरिए सरकार की इनकम में इजाफा होता है. इस टैरिफ को लगाने का एक कारण यह भी है कि इससे देश में घरेलू प्रोडक्शन को बढ़ावा मिलता, जो दूसरे देशों से आने वाले सामान की तुलना में सस्ते होते हैं. किसी एक देश को ज्यादा फायदा न मिले, इसलिए रेसिप्रोकल टैक्स लगाए जाते हैं.
रेसिप्रोकल टैक्स से होने वाले नुकसान
रेसिप्रोकल टैक्स, का असर दोनों देशों के आपसी व्यापारिक संबंध और महंगाई पर भी पड़ता है. अगर दोनों देश बार-बार टैरिफ बढ़ाते हैं, तो इससे अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ता है, और ट्रेड वॉर की आशंका हराने लगती है. टैरिफ के बढ़ने से विदेशी सामान महंगा होता है और उपभोक्ताओं को नुकसान होता है.
बता दें कि अमेरिकी द्वारा भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का गहरा असर पड़ेगा. खासकर, टेक्सटाइल्स और फॉर्मा समेत कुछ सेक्टरों को भारी नुकसान होने की आशंका है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 07, 2025, 10:33 ISThomebusinessक्या है रेसिप्रोकल टैरिफ? इससे किसे फायदा-किसे नुकसान
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