नई दिल्ली. चीन को दुनिया की दुकान कहा जाता है. मैन्युफैक्चरिंग के मामले में कोई और देश उसकी होड़ नहीं कर सकता. लेकिन यह भी सच है कि अगर उसे इस खेल में कोई सीधी टक्कर दे सकता है तो वह भारत ही है. लेकिन इसके लिए सरकार को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देना होगा. बजट 2025 से इसकी उम्मीद की जा रही है. भारत के पास केवल बड़ी आबादी नहीं, बड़ी युवा आबादी है जो देश के लिए एक वरदान साबित हो सकती है. हालांकि, इसके लिए भारत को अपनी मैन्युफैक्चरिंग कैपिसिटी को बड़े स्तर पर बढ़ाना होगा. सरकार बेशक विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही है लेकिन वह कितना काम कर रही हैं इस पर भी एक नजर डालने की जरूरत है.
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश की 27 ऐसी मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां है जो सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव स्कीम के तहत पैकेज प्राप्त करने की उम्मीद कर रही हैं वह अपना लक्ष्य ही हासिल नहीं कर पाई हैं. यह कंपनी आईटी सेक्टर से जुड़ी हुई हैं. इतना ही नहीं इस स्कीम की 27 लाभार्थी कंपनियों ने तो अभी प्रोडक्शन ही शुरू नहीं किया है. आपको बता दें कि सरकार ने पीएलआई स्कीम का विस्तार करते हुए वित्त वर्ष 25 में इसके लिए 16,092 करोड़ रुपये एलोकेट किये थे. यह पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 89 फीसदी अधिक एलोकेशन है.
जीडीपी का 30 परसेंट मैन्युफैक्चरिंगवित्त वर्ष 2023-24 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 9.9 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ा. हालांकि, भारत को मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने के लिए भारत को हर साल जीडीपी में इसके योगदान को 1-1 फीसदी बढ़ाते जाना होगा. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, देश की जीडीपी में अभी मैन्युफैक्चरिंग का योगदान 17 फीसदी है लेकिन इसे 2030 तक बढ़ाकर 25 फीसदी पर ले जाना होगा.
बजट से उम्मीदेंइस बार के बजट से यह उम्मीद की जा रही है कि सरकार प्रोडक्शन को और बढ़ाने के लिए के लिए नई मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी ला सकती है. इस पॉलिसी में इंपोर्ट टैरिफ, टैक्सेशन, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर व अन्य जरूरी क्षेत्रों को लेकर एक रणनीति मिले. इसमें उन मुद्दों को जगह दी जाए जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने में मददगार साबित हो सकते हैं. ईटी के अनुसार, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने अपने लिए बजट को 48.2 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 51 लाख करोड़ रुपये करने की सिफारिश की है. इसके अलावा भारत का एक्सपोर्ट जो लगातार नीचे जा रहा है उसे भी बढ़ाने के लिए इस बार के बजट में सरकार को कुछ प्रावधान करने की जरूरत है. एक्सपोर्ट्स ने लाल फीताशाही को घटाने और पोर्ट्स पर बेहतर गवर्नेंस को बढ़ाने की मांग की है.
Tags: China, India economyFIRST PUBLISHED : January 9, 2025, 14:51 IST
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