ट्रंप को शूल की तरह चुभेगी वॉरेन बफेट की ये बात, अमेरिका वाले समझ गए तो वोट देने के लिए खुद को कोसेंगे!

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Last Updated:March 04, 2025, 18:11 ISTवॉरेन बफेट ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों को ‘युद्ध जैसा कदम’ बताया, जिससे महंगाई और उपभोक्ताओं पर बोझ बढ़ने की आशंकाएं हैं. उन्होंने इसके लॉन्ग टर्म में पड़ने वाले आर्थिक प्रभावों को समझने पर जोर दिया. Image : AI.हाइलाइट्सवॉरेन बफेट ने ट्रंप की टैरिफ नीतियों की आलोचना की.बफेट ने टैरिफ को महंगाई बढ़ाने वाला कदम बताया.बफेट ने टैरिफ के लॉन्ग टर्म आर्थिक प्रभावों पर जोर दिया.कहते हैं कि एक कुशल निवेशक की आंख सबसे ज्यादा पारखी होती है. वे उस जौहरी की तरह होते हैं, जो हीरे को एक नजर में परख लेते हैं. वॉरेन बफेट दुनिया के महानतम निवेशकों में पहले पायदान पर आते हैं. अगर वह कोई बात कहते हैं तो उसके पीछे जरूर कोई कहानी होगी. उसके पीछे जरूर कोई तर्क होगा. इस बार उन्होंने जो बात कही है, वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कही है और यकीन कीजिए उनके समर्थकों को वह बात शूल की तरह चुभेगी. और यह बात जब उन्हें समझ में आ जाएगी, तब वे ट्रंप को वोट देने के के लिए खुद को भी कोसेंगे.

वॉरेन बफेट ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ नीतियों पर चिंता जताई है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे कदम महंगाई को बढ़ा सकते हैं और आम उपभोक्ताओं पर बोझ डाल सकते हैं. बफेट ने सीबीएस न्यूज़ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “टैरिफ वास्तव में युद्ध जैसा कदम है. हमने इसके साथ काफी अनुभव किया है.”

बफेट ने यह बात वाशिंगटन पोस्ट की पूर्व प्रकाशक कैथरीन ग्राहम पर बनी एक नई डॉक्यूमेंट्री पर चर्चा करते हुए कही. उनकी यह टिप्पणी ठीक उस समय आई जब ट्रंप ने चीन, कनाडा और मैक्सिको पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिससे ग्लोबल ट्रेड वॉर और तेज हो गया. यह कदम निवेशकों के बीच चिंता का कारण बना हुआ है.

बफेट ने समझाई पूरी कहानीबर्कशायर हैथवे के सीईओ बफेट ने समझाया कि टैरिफ वस्तुओं पर एक प्रकार का टैक्स है, जिसका असर अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ता है. उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, “समय के साथ, यह सामानों पर टैक्स बन जाता है. मतलब, यह टैक्स परियों द्वारा नहीं चुकाया जाता!” उन्होंने जोर देकर कहा कि अर्थव्यवस्था पर लॉन्ग टर्म प्रभाव को समझना जरूरी है. “और फिर क्या? अर्थशास्त्र में हमेशा यह सवाल पूछना चाहिए- ‘और फिर क्या?’”

बफेट ने हाल के वर्षों में पहली बार ट्रंप की व्यापार नीतियों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी की है. पिछले हफ्ते, ट्रंप ने घोषणा की कि मैक्सिको और कनाडा से आयातित सामानों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा, जबकि चीन से आयातित सामानों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगेगा. इसके जवाब में चीन और कनाडा ने अमेरिका पर प्रतिशोधी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है.

2018-19 में भी की थी आलोचनाट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी बफेट ने इस संघर्ष से पैदा होने प्रभावों को लेकर चिंता जताई थी. 2018 और 2019 में उन्होंने चेतावनी दी थी कि आक्रामक टैरिफ नीतियों का वैश्विक बाजारों पर गहरा असर पड़ सकता है. हालांकि, जब उनसे मौजूदा आर्थिक स्थिति के बारे में पूछा गया, तो बफेट ने विस्तार से बात करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह दुनिया का सबसे दिलचस्प विषय है, लेकिन मैं इस पर बात नहीं कर सकता.”

बफेट की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब बर्कशायर हैथवे ने बेपनाह दर से नकदी जमा करना शुरू कर दिया है. कंपनी का नकद भंडार चौथी तिमाही में रिकॉर्ड 334.2 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले साल के 167.6 अरब डॉलर से कहीं अधिक है. जैसे-जैसे बर्कशायर ने ऐपल और बैंक ऑफ अमेरिका जैसी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी कम की है, बफेट के बाजार दृष्टिकोण को लेकर अटकलें बढ़ गई हैं.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 04, 2025, 18:07 ISThomebusinessट्रंप को शूल की तरह चुभेगी वॉरेन बफेट की ये बात, खुद को कोसेंगे अमेरिका वाले!

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