Last Updated:May 15, 2025, 15:39 ISTडोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन से मिनरल्स की डील की है जिससे भारत पर असर पड़ेगा. यूएस तेजी से मिनरल्स का अधिग्रहण कर रहा है, जिससे भारत को इलेक्ट्रिक बैटरी और रिन्यूएबल एनर्जी उपकरण बनाने में मुश्किल होगी.यूएस ने यूक्रेन के साथ मिनरल्स की डील की है. हाइलाइट्सट्रंप ने यूक्रेन से मिनरल्स की डील की है.इस डील से भारत की इलेक्ट्रिक बैटरी इंडस्ट्री प्रभावित होगी.भारत को मिनरल्स के लिए अन्य देशों से सौदे करने होंगे.नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आए दिन कुछ न कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे दुनियाभर के कई देशों के माथे पर लकीरें खींच जाती हैं. भारत तो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उनके निशाने पर रहता ही है. भारत को टैरिफ किंग कहना, ऐपल को भारत में प्लांट लगाने से रोकने की बात करना और भारत के निजी मामले में कूदना कुछ उदाहरण हैं. अब उन्होंने एक और ऐसी हरकत कर दी है जिसे देखकर पहली नजर में तो यही लगेगा कि इससे भारत को क्या फर्क पड़ना है, लेकिन थोड़ा सोचने पर आप समझ जाएंगे कि ट्रंप के इस कदम से भारत कैसे प्रभावित होगा.
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के साथ एक डील की है. इस डील में यूएस को यूक्रेन से जरूरी मिनरल्स मिलेंगे. उसके बदले यूएस द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा और आर्थिक सहयोग दिया जाएगा. आपके मन में सवाल होगा कि यूक्रेन के साथ मिनरल की डील करने से भारत पर क्या फर्क पड़ेगा? यूएस जो मिनरल्स यूक्रेन से मंगाएगा उसमें लिथियम, कोबाल्ट, निकल, तांबा और रेयर अर्थ मिनरल्स हो सकते हैं. सीएनबीसी टीवी 18 की रिपोर्ट के अनुसार, ICMM (इंटरनेशनल काउंसिल ऑन माइनिंग एंड मेटल्स) के सीईओ रो धवन का कहना है कि यूएस यह कोई आखिरी ऐसा सौदा नहीं कर रहा है. वह अन्य मिनरल रिच राष्ट्रों से ऐसे सौदे करेगा.
मिनरल्स क्यों जरूरी
यह खनिज एनर्जी ट्रांजिशन के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनसे वह उपकरण बनाए जाते हैं जो इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी उपकरणों को बनाने में काम आते हैं. यूएस मिनरल्स के अधिग्रहण में इसलिए बढ़त बनाना चाहता है क्योंकि दुनिया में जितना खनिज है उसका 60 फीसदी हिस्सा चीन के पास है. यूएस किसी भी तरह से इस मामले में चीन से पीछे नहीं रहना चाहता. यूएस के इस कदम से विकासशील देशों पर बड़ा प्रभाव होगा. भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा.
भारत पर असर
अगर यूएस इन खनिजों के लिए दुनियाभर के देशों से पहले ही डील कर लेता है तो भारत और अन्य विकासशील देश पिछड़ जाएंगे. जबकि इन देशों को भी फॉसिल फ्यूल से रिन्यूएबल एनर्जी की ओर बढ़ना है. भारत को इलेक्ट्रिक बैटरी , व्हीकल और रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़े उपकरण बनाने के लिए इन खनिजों की आवश्यकता होगी. यूएस जिस तेजी के साथ विभिन्न देशों से मिनरल्स का सौदा कर रहा है, भारत को अतिरिक्त मेहनत करने की जरूरत होगी. भारत भी लैटिन अमेरिका और अफ्रीका के देशों के साथ सौदे कर सकता है. भारत को जी-20 और ब्रिक्स के माध्यम से खनिजों के अधिग्रहण का रास्ता निकालना होगा. भारत इन डील्स में निवेश और तकनीकी सहायता करने का सौदा कर सकता है.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessहजारों किलोमीटर दूर हुई एक डील से खड़े हुए भारत के कान
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