टैरिफ है या ट्रंप की रंगदारी! भारत को 26000 करोड़ का नुकसान तय

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Donald Trump Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ टेरर पूरी दुनिया को डरा रहा है और भारत भी इससे अछूता नहीं है. आज, 2 अप्रैल से लागू होने वाले रेसिप्रोकल टैक्स से भारत के अमेरिका को होने वाले निर्यात पर बड़ा असर पड़ सकता है. केयरएज रेटिंग्स की नई रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के नए टैरिफ के कारण, उत्तर अमेरिकी देश को होने वाले निर्यात पर भारत को 3.1 बिलियन डॉलर (26000 करोड़ रुपये से ज्यादा) का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

केयरएज रेटिंग्स की निदेशक स्मिता राजपुरकर ने 1 अप्रैल को मुंबई में रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि हालांकि इसका प्रत्यक्ष प्रभाव भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 0.1 प्रतिशत (3.1 बिलियन डॉलर) पर सीमित है, लेकिन फिर भी इस जोखिमों को लेकर चिंता बनी हुई हैं.

क्या है रेसिप्रोकल टैक्स?

रेसिप्रोकल का शाब्दिक अर्थ है “आप जैसा करोगे, वैसा ही हम करेंगे”. डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि भारत, चीन, कनाडा और मैक्सिको, अमेरिका पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं इसलिए हम भी उन पर ज्यादा टैरिफ लगाएंगे. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय व्यापार में हर देश एक-दूसरे से पेट्रोल-डीजल, गैस समेत अन्य वस्तुओं का आयात-निर्यात करता है. इस दौरान सभी देश टैरिफ एक तरह का बॉर्डर शुल्क लगाते हैं.

भारत पर क्या असर होगा

भारतीय निर्यात पर 8 प्रतिशत डिफरेंशियल टैरिफ, और डॉलर के मुकाबले रुपये में 4 प्रतिशत एक्सचेंज रेट डेप्रिशिएशन के अनुमान के परिणामस्वरूप, करेंसी में उतार-चढ़ाव को एडजस्ट करते हुए, 4 बिलियन डॉलर का शुद्ध निर्यात प्रभाव देखने को मिलेगा. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी निर्यात कैटेगरीज में एक समान अतिरिक्त टैरिफ को ध्यान में रखते हुए, प्रत्यक्ष नुकसान 3.1 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है.

किन सेक्टर्स को सबसे ज्यादा नुकसान

ट्रम्प ने पहले ही कई टैरिफ उपायों की घोषणा कर दी है, जिसमें चीन से आयातित सभी वस्तुओं पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ तथा मैक्सिको और कनाडा से आयातित वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ शामिल है, जबकि कनाडाई तेल पर 10 प्रतिशत की कम दर लागू होगी.

अमेरिकी टैरिफ से भारत के फार्मा, ऑटो और ज्वेलरी जैसे सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. हालांकि, भारत सरकार जवाबी कदमों पर विचार कर रही है. वहीं, सेक्टर स्पेसिफिक टैरिफ भी लागू किए गए हैं, जैसे सभी स्टील और एल्युमीनियम आयातों पर 25 प्रतिशत टैरिफ और ऑटोमोबाइल व कुछ ऑटोमोबाइल पार्ट्स पर 25 प्रतिशत टैरिफ, साथ ही सेमीकंडक्टर और फार्मास्यूटिकल्स सहित अन्य उद्योग भी रडार पर हैं.

अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है. पिछले साल भारत ने वहां 78 अरब डॉलर का निर्यात किया था, जो कुल निर्यात व्यापार का 18 प्रतिशत है.

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