अमेरिका फर्स्ट कम, मेक इन इंडिया विरोधी ज्यादा लग रही ट्रंप की पॉलिसी, सारे इशारे उसी तरफ…

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Last Updated:February 20, 2025, 12:49 ISTडोनाल्ड ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति भारत की ‘मेक इन इंडिया’ के खिलाफ है. उन्होंने टेस्ला फैक्ट्री और भारतीय उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की बात की, जिससे व्यापार संबंधों में खटास आ सकती है. ट्रंप की नीतियां भारत…और पढ़ेंहाइलाइट्सट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति भारत के खिलाफ.भारतीय उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की बात की.भारतीय फार्मा इंडस्ट्री पर भारी शुल्क लगाने की योजना.डोनाल्ड ट्रंप ने जब जनवरी 2025 में दूसरी बार अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली, तब से ही उनके कई बयान और नीतियां ऐसी रही हैं, जो अमेरिका फर्स्ट नीति को आगे बढ़ाने के नाम पर भारत की ‘मेक इन इंडिया’ के खिलाफ जाती दिख रही हैं. ट्रंप का भारत विरोधी रुख हाल ही में तब और स्पष्ट हो गया, जब उन्होंने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के साथ एक टेलीविजन शो में भारत पर सीधा हमला बोल दिया. उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि मस्क वहां फैक्ट्री लगाएं, लेकिन ऐसा करना अमेरिका के लिए “अनुचित” होगा. यही नहीं, ट्रंप ने इसी शो में भारतीय उत्पादों पर टैक्स बढ़ाने की बात भी दोहराई.

ट्रंप का मानना है कि अमेरिका के हर व्यापारिक साझेदार ने अब तक अमेरिका से ज्यादा फायदा उठाया है, और अब समय आ गया है कि अमेरिका “प्रतिशोधात्मक कर” (Reciprocal tariffs) लगाए, उनका कहना है कि भारत में अमेरिकी कंपनियों के लिए सामान बेचना मुश्किल है, खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर में. उन्होंने भारत में कारों पर लगाए जाने वाले ऊंचे इंपोर्ट टैरिफ (आयात शुल्क) का जिक्र किया और कहा कि “भारत में कार बेचना लगभग असंभव है”.

टेस्ला पर ट्रंप का गुस्सा19 फरवरी 2025 को ट्रंप ने एलन मस्क की टेस्ला फैक्ट्री को लेकर बयान दिया कि अगर यह भारत में लगती है तो यह अमेरिका के साथ अन्याय होगा, ट्रंप के इस बयान से यह साफ हो गया कि वे अमेरिकी कंपनियों को भारत में व्यापार करने से हतोत्साहित करना चाहते हैं. साथ ही ट्रंप आरोप लगाया कि भारत अपनी नीतियों से अमेरिकी कंपनियों को वहां निवेश करने के लिए मजबूर कर रहा है, ताकि वह अमेरिका से अधिक आर्थिक लाभ कमा सके.

भारतीय फार्मा इंडस्ट्री पर असरइसी दिन, ट्रंप प्रशासन ने भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनियों पर भारी शुल्क लगाने की योजना का भी ऐलान किया. अमेरिका में जेनेरिक दवाओं (Generic Drugs) का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता भारत है, लेकिन ट्रंप ने 25 फीसदी या इससे ज्यादा टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है. यह नीति भारत की दवा कंपनियों को बड़ा झटका दे सकती है, क्योंकि अमेरिकी बाजार पर इनकी भारी निर्भरता है.

ट्रेड बैलेंस की आड़ में भारतीय निर्यात पर वारट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी भारत पर अधिक शुल्क लगाने की नीति अपनाई थी, और अब अपने दूसरे कार्यकाल में भी वे उसी दिशा में बढ़ रहे हैं. उनकी यह नीति भारत के व्यापार संतुलन (Trade Balance) को नुकसान पहुंचा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि वे उन देशों से व्यापारिक संतुलन स्थापित करेंगे, जो अमेरिका से ज्यादा लाभ कमा रहे हैं.

क्या भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों में खटास बढ़ेगी?भारत और अमेरिका के संबंध पिछले कुछ दशकों में मजबूत हुए हैं, लेकिन ट्रंप की नीतियां इन पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति का असल प्रभाव भारत की ‘मेक इन इंडिया’ योजना पर पड़ेगा. जॉन लिपिंस्की, जो NBC न्यूज के इलेक्शन डायरेक्टर हैं, का कहना है कि ट्रंप की आर्थिक नीतियां केवल भारत ही नहीं, बल्कि अन्य अमेरिकी सहयोगियों को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं.

कुल मिलाकर, डोनाल्ड ट्रंप का हालिया रुख भारत के लिए चिंताजनक है. अमेरिका फर्स्ट की नीति को आगे बढ़ाने के लिए वे भारत जैसे सहयोगी देश पर भी आक्रामक रुख अपनाने से पीछे नहीं हट रहे. भारतीय उद्योगों, विशेषकर ऑटोमोबाइल और फार्मास्युटिकल सेक्टर पर इसके लॉन्ग टर्म प्रभाव पड़ सकते हैं. अब देखना होगा कि भारत इस व्यापारिक तनाव का सामना कैसे करता है और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार कोई जवाबी रणनीति अपनाती है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 20, 2025, 12:49 ISThomebusinessअमेरिका फर्स्ट कम, मेक इन इंडिया विरोधी ज्यादा लग रही ट्रंप की हर पॉलिसी!

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