घर का सपना होगा महंगा? खुद को बचाने के लिए आम लोगों की बलि चढ़ाएंगी कंपनियां!

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Last Updated:February 21, 2025, 18:06 ISTभारत में स्टील कंपनियां चीन से सस्ते स्टील के आयात पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं. टाटा स्टील के सीईओ टीवी नरेंद्रन ने बताया कि सरकार जल्द ही इस पर कदम उठा सकती है. इससे घर बनाना महंगा हो सकता है.चीन से भारत में बहुत सस्ता स्टील आता है. हाइलाइट्सभारत में स्टील कंपनियां चीन से सस्ते स्टील के आयात पर रोक चाहती हैं.सरकार जल्द ही सस्ते स्टील आयात पर कदम उठा सकती है.स्टील आयात पर ड्यूटी बढ़ने से घर बनाना महंगा हो सकता है.नई दिल्ली. देश की स्टील कंपनियां जो चाह रही हैं अगर वैसा हो गया तो संभव है कि घर बनाना और खरीदना दोनों ही महंगा हो जाएगा. दरअसल, भारत में चीन से काफी सस्ता स्टील आता है जिसका मुकाबला करने के लिए यहां की टाटा या जिंदल जैसी बड़ी कंपनियों को भी कीमतों पर लगाम लगानी होती है. ये कंपनियां चीन से आने वाले सस्ते स्टील के खिलाफ काफी दिन से अभियान चला रही हैं. अब ऐसा लगता है कि आखिरकार सरकार ने उनकी बातों पर गौर करने जा रही है. देश में सस्ते स्टील इम्पोर्ट को लेकर घरेलू कंपनियों की चिंता पर केंद्र सरकार एक्शन में है और इस मामले में जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं. टाटा स्टील के सीईओ और एमडी टीवी नरेंद्रन ने इस बारे में जानकारी दी है.

अगर चीन से आने वाले स्टील पर बेतहाशा ड्यूटी लगाई जाती है तो बहुत हद तक संभव है कि वहां से स्टील का आयात कम होगा और फिर यहां की कंपनियां अपने तरीके से दामों को कंट्रोल कर पाएंगी. भारतीय कंपनियां चीन से हो रहे सस्ते स्टील के आयात को स्टील डंपिंग कह रही हैं. उनका मानना है कि चीन पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से भारत में और भारी मात्रा में सस्ता स्टील भेजा जाएगा जिसका मुकाबला करना भारतीय कंपनियों के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा.

टाटा स्टील के सीईओ ने क्या कहा?सीएनबीसी-टीवी18 से बातचीत में नरेंद्रन ने बताया कि भारत को उन मैन्युफैक्चरिंग रिस्क को संभालने की जरूरत है, जो अमेरिका की संभावित टैरिफ नीतियों से पैदा हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका ने चीन से स्टील इम्पोर्ट पर ज्यादा टैरिफ लगाया तो यह भारतीय स्टील एक्सपोर्ट पर भी असर डालेगा और ग्लोबल प्राइसिंग को भी प्रभावित करेगा. नरेंद्रन के अनुसार, भारतीय स्टील इंडस्ट्री काफी प्रतिस्पर्धात्मक है और यहां बनी स्टील विश्वस्तरीय क्वालिटी की होती है. उन्होंने कहा, “भारत स्टील उत्पादन के लिए दुनिया के सबसे बेहतरीन स्थानों में से एक है और यहां की स्टील कंपनियां अत्याधुनिक और कुशल प्लांट्स चला रही हैं. लेकिन असली मुद्दा यह है कि विदेशी कंपनियां किस दाम पर स्टील बेचने को तैयार हैं.” उन्होंने बताया कि इस वक्त चीन की स्टील इंडस्ट्री घाटे में चल रही है और वहां की ज्यादातर कंपनियां नुकसान में हैं. वहीं, भारत में यह सेक्टर प्राइवेट कंपनियों के नेतृत्व में चलता है, जो बिना मुनाफे के नए निवेश नहीं करतीं.

स्टील एक्सपोर्ट में आई गिरावटसरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-जनवरी 2024-25 में भारत का स्टील एक्सपोर्ट 28.9% गिरकर 3.99 मिलियन टन रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 5.61 मिलियन टन था. वहीं, भारत इस दौरान 8.29 मिलियन टन स्टील का नेट इम्पोर्टर बना रहा. नरेंद्रन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी का सीधा और परोक्ष, दोनों तरह से असर होगा. उन्होंने बताया कि टाटा स्टील यूरोप से अमेरिका को भी स्टील एक्सपोर्ट करता है, जिससे इस टैरिफ का डायरेक्ट असर कंपनी पर पड़ेगा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 21, 2025, 18:06 ISThomebusinessघर का सपना होगा महंगा? खुद को बचाने के लिए आम लोगों की बलि चढ़ाएंगी कंपनियां!

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