सोना-सोना करते रह गए लोग, चांदी ने कर दिया बड़ा खेल, इन्वेस्टमेंट के लिए बन गया है बेस्ट ऑप्शन

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पटना. अगर आप नए वित्तीय वर्ष में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो सोने के साथ-साथ चांदी भी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है. आमतौर पर निवेशकों की नज़रें सोने पर टिकी होती है, लेकिन इस बीच चांदी ने भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में बड़ा खेल किया है और निवेशकों को मालामाल किया है.वैश्विक मंदी की आशंका के बीच चांदी के दाम नए रिकॉर्ड बनाते हुए पटना सर्राफा बाजार में ₹1,04,000 प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गए हैं.

इस वित्तीय वर्ष में चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे निवेशकों को काफी मुनाफा हुआ है. पाटलिपुत्र सर्राफा संघ की मूल्य निर्धारण समिति के संयोजक मोहित गोयल के अनुसार बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए चांदी को भविष्य के लिए सुरक्षित निवेश माना जा रहा है. उनका कहना है कि इस वर्ष चांदी के मूल्य में सोने की तुलना में अधिक वृद्धि होने की संभावना है.

क्या है चांदी की कीमतों का हिसाब-किताब

पाटलिपुत्र सर्राफा संघ की मूल्य निर्धारण समिति के संयोजक मोहित गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 मार्च 2024 को चांदी ₹77,000 प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रही थी. इसके बाद जून में इसकी कीमत बढ़कर ₹90,000 प्रति किलोग्राम हो गई. हालांकि, जुलाई में जब आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी गई तो चांदी की कीमत वापस घटकर ₹80,000 प्रति किलोग्राम पर आ गई. सितंबर में चांदी की कीमत फिर से ₹90,000 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई.

उच्चतम स्तर पर पहुंचा चांदी का रेट

दिवाली के अवसर पर 31 अक्टूबर को चांदी ₹1,02,000 प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई थी. इसके बाद अक्टूबर के अंत में चांदी की कीमतों में थोड़ी नरमी देखी गई और जनवरी 2025 में यह फिर से ₹90,000 प्रति किलोग्राम पर आ गई. इसके बाद मार्च 2025 में होली के अवसर पर चांदी का भाव ₹1,04,000 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. उन्होंने आगे बताया कि पूरे वित्तीय वर्ष के दौरान चांदी के दामों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला. बावजूद इसके, चांदी ने सालभर में ₹27,000 की बढ़त हासिल की है, जो करीब 33 फीसदी की वृद्धि के बराबर है. मालूम हो कि यह बढ़त सोने की कीमतों में हुई बढ़त के समान ही है.

सोना और चांदी में निवेश करना फायदा का सौदा

पाटलिपुत्र सर्राफा संघ की मूल्य निर्धारण समिति के संयोजक मोहित गोयल का मानना है कि सोने की तरह चांदी ने भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 33 फीसदी की बढ़त दर्ज की है. फर्क सिर्फ इतना है कि जहां सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखने को मिली, वहीं चांदी ने अलग-अलग समय पर निवेशकों को निवेश करने का मौका दिया. मोहित गोयल के अनुसार, सोने की कीमत केवल आयात शुल्क (इंपोर्ट ड्यूटी) में बदलाव के समय ही कम हुई थी, जबकि चांदी के दाम दो बार गिरे, जिससे निवेशकों को सही समय पर निवेश का अवसर मिला.

भविष्य के लिए चांदी ही है बेस्ट ऑप्शन

पाटलिपुत्र सराफा संघ की कीमत निर्धारण समिति के संयोजक मोहित गोयल ने बताया कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उनके द्वारा आये दिन नये-नये फैसले लिए जा रहे हैं. इस कारण दुनिया के बड़े बैंक चांदी स्टॉक कर रहे हैं. ऐसे में चांदी को ही निवेश के लिए सुरक्षित माना जा रहा है. उधर, वैश्विक बाजार में भी अलग-अलग एजेंसियों के रिपोर्ट यह दावा कर रहा है कि इस साल सोने से ज्यादा बढ़त चांदी में देखने को मिलने वाले हैं. रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि आपूर्ति में कमी और बढ़ती औद्योगिक मांग के कारण चांदी के मूल्य में सोने से ज्यादा वृद्धि होने की उम्मीद है.

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