RBI Policy: रिजर्व बैंक ने विदेशी निवेशकों को डाला दाना, अब भी दूसरे देश जाएंगे तो पछताएंगे

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नई दिल्ली. पिछले कुछ समय से फाइनेंस जगत के एक्सपर्ट इस बात को लेकर चिंतित थे कि विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकाल रहे हैं. विदेशी पूंजी चीन या अमेरिका की तरफ ज्यादा प्रवाहित हो रही है. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेशियों के सामने ऐसा चारा डाला है कि वे किसी दूसरे देश की तरफ जाने वालों को पछतावा होगा. जी हां, आरबीआई ने विदेशी पूंजी के इन्फ्लो को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. RBI ने FCNR-B (विदेशी मुद्रा गैर-निवासी) डिपॉजिट पर ब्याज दर की सीमा बढ़ाने का फैसला किया है और यह कदम तुरंत प्रभाव से लागू होगा.

गौरतलब है कि हाल ही के महीनों में उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (Emerging Market Economies – EMEs) में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में गिरावट दर्ज की गई है. वित्तीय वर्ष 2025 में अब तक भारत ने 9.3 बिलियन डॉलर (लगभग 76,935 करोड़ रुपये) का शुद्ध FPI निकासी दर्ज की गई. इसी को ध्यान में रखते हुए रिजर्व बैंक ने यह फैसला लिया है. आरबीआई ने इसकी ऊपरी सीमा को तुरंत प्रभाव से उठाने की बात कही है. इसका सीधा मतलब यह है कि भारत में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल जाएगा और वे भारत के साथ बने रहेंगे.

इसके अलावा, FCNR डिपॉजिट पर ब्याज दरें भी बढ़ाई जाएंगी, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए भारत और भी आकर्षक डेस्टिनेशन बन सके. इससे न केवल विदेशी पूंजी भारत में प्रवेश करेगी, बल्कि इसका दूरगामी असर यह होगा कि भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी.

आरबीआई ने और क्या अहम फैसले लिए?भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि RBI फाइनेंशियल सेक्टर और उससे जुड़ी संस्थाओं पर कड़ी निगरानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित कमर्शियल बैंकों (Scheduled Commercial Banks) में लोन और डिपॉजिट की ग्रोथ के बीच का अंतर कम हो रहा है. गवर्नर ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंकिंग सिस्टम की स्थिरता को प्राथमिकता दी जाएगी, और बहुत गंभीर परिस्थितियों में ही किसी बिजनेस पर बैन लगाया जाएगा. यह सुनिश्चित किया कि समस्याओं का समाधान बिना किसी व्यवधान के किया जाएगा, ताकि बैंकिंग क्षेत्र में स्थिरता बनी रहे.

कैश रिजर्व रेश्यो में कटौतीRBI ने कैश रिजर्व रेश्यो (Cash Reserve Ratio – CRR) को 4 फीसदी तक कम कर दिया है. यह कदम देश में लिक्विडिटी के संकट (Liquidity Woes) को दूर करने के लिए उठाया गया है. गवर्नर ने कहा कि यह फैसला केंद्रीय बैंक की तटस्थ नीति रुख (Neutral Policy Stance) के तहत लिया गया है. आसान शब्दों में इसका अर्थ है कि बैंकों के पास अब ज्यादा पैसा होगा और वे आसानी से लोन बांट पाएंगे. लोगों के हाथ में ज्यादा पैसा होगा और अर्थव्यवस्था को तेजी मिलेगी.

RBI अपनी नई पहल के तहत पॉडकास्ट लॉन्च करने जा रहा है. इसका उद्देश्य जनता के साथ बेहतर संवाद स्थापित करना और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है. इसके अलावा रिजर्व बैंक ने सिक्योर्ड ओवरनाइट रूपी रेट (Secured Overnight Rupee Rate – SORR) नामक एक नए बेंचमार्क की शुरुआत का प्रस्ताव दिया है. यह बेंचमार्क वित्तीय लेन-देन में अधिक स्पष्टता और स्थिरता लाने में मदद करेगा.
Tags: RBI Governor, Rbi policyFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 11:30 IST

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