Last Updated:May 30, 2025, 12:51 ISTअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रिप्टोकरेंसी के समर्थक हैं. उन्हें खुश करने के लिए पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के सीईओ बिलाल बिन साकिब धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं.
उधर, पाकिस्तान का स्टेट बैंक और वित मंत्राल…और पढ़ेंहाइलाइट्सपाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी पर असमंजस की स्थिति है.स्टेट बैंक और वित्त मंत्रालय ने क्रिप्टो को गैरकानूनी बताया.पाकिस्तान सरकार ट्रंप को खुश करने के लिए क्रिप्टो का सहारा ले रही है.पाकिस्तान ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ऐसा कदम उठाया, जो आम जनता और एक्सपर्ट्स दोनों को हैरान कर गया. पहले खबर आई कि पाकिस्तान सरकार एक स्ट्रैटजिक बिटकॉइन रिजर्व (Strategic Bitcoin Reserve) बनाने जा रही है. इसका मतलब था कि सरकार खुद बिटकॉइन में निवेश करेगी और उसे एक तरह से सरकारी सपोर्ट मिलेगी. इस घोषणा को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने की रणनीति बताया गया, क्योंकि ट्रंप क्रिप्टो के समर्थक माने जाते हैं. इस ऐलान के बाद पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के सीईओ बिलाल बिन साकिब ने कहा, “हम अमेरिका से प्रेरित हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं.”
लेकिन इस बयान के अगले ही दिन पाकिस्तान के स्टेट बैंक और वित्त मंत्रालय ने साफ-साफ कह दिया कि पाकिस्तान में क्रिप्टोकरेंसी अभी भी पूरी तरह से गैरकानूनी है. यानी देश में क्रिप्टो का कोई कानूनी दर्जा नहीं है और न ही कोई व्यक्ति या संस्था इससे संबंधित ट्रेड कर सकता है. यह बात तब और साफ हो गई जब संसद की फाइनेंस कमेटी की बैठक में खुद फाइनेंस सेक्रेटरी इमदादुल्ला बोसल ने माना कि क्रिप्टो पर कोई कानूनी मंजूरी नहीं मिली है, और न ही यह सरकार की किसी ठोस नीति का हिस्सा है.
तो निवेश के लिए प्रेरित क्यों किया जा रहा?
इस उलझन के माहौल में सांसद भी असमंजस में दिखे. एक सांसद ने सवाल उठाया कि जब क्रिप्टो पर बैन है तो लोगों को इसमें निवेश के लिए क्यों प्रेरित किया जा रहा है? दूसरे सांसद ने सवाल किया कि जब सरकार खुद इसे अवैध मानती है, तो फिर इसके लिए बिजली की व्यवस्था क्यों की जा रही है? स्टेट बैंक के एक अधिकारी ने फिर दोहराया कि क्रिप्टो 2024 में ही गैरकानूनी घोषित हो चुका है और अब भी यही स्थिति बनी हुई है.
राजनीति का हिस्सा बन गई क्रिप्टो!
इस पूरे घटनाक्रम ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि अचानक इस क्रिप्टो प्रेम के पीछे मंशा क्या है. खास बात यह है कि यह ऐलान उस समय आया, जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव काफी बढ़ा हुआ था. पाकिस्तान की तरफ से यह दावा किया गया कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता की, हालांकि भारत ने इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि पाकिस्तान की सेना ने खुद बातचीत की पेशकश की थी. ऐसे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार ट्रंप से रिश्ते बेहतर करने के लिए क्रिप्टो का सहारा ले रही है.
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पाकिस्तानी पॉलिसी एक्सपर्ट हुसैन नदीम ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि यह फैसला जनता के हित में नहीं, बल्कि सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए लिया गया है. उन्होंने कहा कि जो लोग इंटरनेट बंद करते हैं, सोशल मीडिया पर रोक लगाते हैं और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचाते हैं, वो कभी भी क्रिप्टो जैसी खुली और स्वतंत्र प्रणाली में भरोसा नहीं कर सकते. उनका मानना है कि अगर सरकार सच में लोगों की भलाई चाहती, तो क्रिप्टो जैसी तकनीक का सही इस्तेमाल करके पारदर्शिता बढ़ा सकती थी और आर्थिक सुधार ला सकती थी.
Malkhan Singhमलखान सिंह पिछले 16 वर्षों से ख़बरों और कॉन्टेंट की दुनिया में सक्रिय हैं. प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई नामी संस्थानों का नाम प्रोफाइल में जुड़ा है. ढाई साल से News18Hindi के साथ काम कर …और पढ़ेंमलखान सिंह पिछले 16 वर्षों से ख़बरों और कॉन्टेंट की दुनिया में सक्रिय हैं. प्रिंट मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक के सफर में कई नामी संस्थानों का नाम प्रोफाइल में जुड़ा है. ढाई साल से News18Hindi के साथ काम कर … और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें OXBIG NEWS NETWORK India पर देखेंLocation :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessट्रंप की खुशामदीद में खुद उलझा पाकिस्तान, क्रिप्टो की वैधता पर येस-नो का खेल
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