भारत का बड़ा साझेदार है ये छोटा सा देश, रईसी में नहीं कोई कमी

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार, 21 दिसंबर से कुवैत की 2 दिवसीय यात्रा पर होंगे. दोनों देशों के व्यापारिक संबंध भी काफी मजबूत हैं. भारत और कुवैत के व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध गहरे और ऐतिहासिक रहे हैं. ये संबंध न केवल आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देते हैं बल्कि दोनों देशों के आपसी विकास में भी योगदान करते हैं. हाल के आंकड़े बताते हैं कि इन संबंधों में तेजी से वृद्धि हो रही है. 2023-24 में भारत और कुवैत के बीच व्यापार 10.47 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 34.78% की वृद्धि दर्शाता है.

कुवैत, भारत के लिए ऊर्जा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण साझेदार है. कुवैत से भारत का प्रमुख आयात कच्चा तेल और पेट्रोलियम उत्पाद है, जबकि भारत से कुवैत को चावल, मसाले, औद्योगिक मशीनरी और दवा उत्पाद निर्यात किए जाते हैं.

वित्तीय आंकड़ेआइए कुछ आंकड़ों की मदद से जानते हैं कि भारत और कुवैत के बीच व्यापारिक संबंध कैसे हैं? दोनों देशों के बीच वित्त वर्ष 2023-24 में कुल द्विपक्षीय व्यापार 10.47 अरब डॉलर का हुआ. यह वार्षिक आधार पर जिसमें 34.78% की वृद्धि थी. भारत से कुवैत को 2.5 अरब डॉलर का निर्यात किया गया. वहीं, कुवैत से भारत को 7.9 अरब डॉलर का सामान भेजा गया.

निर्यात के (भारत से कुवैत)भारत से चावल, मसाले और अन्य कृषि उत्पाद बड़ी मात्रा में निर्यात किए जाते हैं. अकेले चावल का निर्यात लगभग 7,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. इसके अलावा फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में भारत का योगदान बढ़ रहा है. भारतीय कपड़े और परिधान कुवैत में खासे लोकप्रिय हैं.

आयात (कुवैत से भारत)भारत कुवैत से लगभग 7.5 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्य का कच्चा तेल आयात करता है. ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत कुवैत से बड़ी मात्रा में एलएनजी आयात करता है. कुवैत भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा साझेदार है. भारत सरकार की हरित ऊर्जा पहल के तहत दोनों देशों के बीच सौर ऊर्जा और बायोमास ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग की संभावना है. भारत की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा कुवैत से आयातित कच्चे तेल से पूरा होता है. कुवैत, भारत के सबसे बड़े तेल आपूर्तिकर्ताओं में से एक है.

भारतीय समुदाय का योगदानकुवैत में लगभग 10 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो कुवैत की सबसे बड़ी विदेशी आबादी का हिस्सा हैं. ये लोग कुवैत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य, निर्माण और सेवा क्षेत्र में काम करते हैं.

आगामी संभावनाएं और निवेश क्षेत्रकुवैत में भारतीय दवाओं और चिकित्सा सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण इस क्षेत्र में वृद्धि देखी जा सकती है. इसके अलावा भारत की तकनीकी विशेषज्ञता और शैक्षिक संस्थानों के लिए कुवैत में अवसर हैं. भारत के कृषि उत्पादों की भी कुवैत में लगातार मांग बढ़ रही है. कुवैत, भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल सेक्टर में निवेश बढ़ा सकता है.

भारत का कुवैत में निवेशभारतीय कंपनियां कुवैत में निर्माण और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं. दोनों देशों की सरकारें व्यापारिक संबंधों को और अधिक प्रगाढ़ बनाने के लिए विभिन्न कदम उठा रही हैं. भारत सरकार ने कुवैत के साथ व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए खासतौर पर व्यापारिक समझौतों पर जोर दिया है.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 20:31 IST

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