Last Updated:April 13, 2025, 08:30 ISTयूएस ने चीन पर 145% टैरिफ लगाया, जिससे आईफोन की कीमत बढ़ेगी. ट्रंप चाहते हैं कि आईफोन यूएस में बने, लेकिन इससे कीमतें दोगुनी हो सकती हैं. एनालिस्ट्स के अनुसार, यूएस में आईफोन बनाना महंगा पड़ेगा और कीमत 3 लाख रु…और पढ़ेंअमेरिका ने चीन पर 145 फीसदी का आयात शुल्क लगा दिया है. हाइलाइट्सयूएस में आईफोन बनाने से कीमतें दोगुनी हो सकती हैं.चीन पर 145% टैरिफ से आईफोन की कीमत बढ़ेगी.यूएस में आईफोन बनाने का खर्च 200 डॉलर प्रति फोन होगा.नई दिल्ली. दुनियाभर में जितने आईफोन बनते हैं उसका लगभग 90 फीसदी हिस्सा अकेले चीन में तैयार होता है. वही चीन जिस पर यूएस ने 145 फीसदी का टैरिफ लगा दिया है. यानी अब चीन में बने आईफोन को यूएस में आयात करने पर उसकी कीमत पहले से कहीं ज्यादा होगी. इस टैरिफ का ही नतीजा है कि ऐपल ने करीब 6 बड़े कंटेनर्स भरकर भारत से यूएस आईफोन मंगाए हैं. लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जो करना चाहते हैं अगर वह वैसा कर पाए तो आईफोन अभी से दोगुनी कीमत पर जा पहुंचेगा. बिजनेस वेबसाइट सीएनबीसी में छपी एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है.
डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि आईफोन का निर्माण यूएस में ही किया जाए. वाइट हाउस की तरह से पिछले हफ्ते एक बयान में यह बात कही गई थी. बकौल वाइट हाउस, राष्ट्रपति ट्रंप यह मानते हैं कि यूएस के पास देश के अंदर ही आईफोन बनाने के लिए श्रम बल और संसाधन है. इस कंपनी की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया लेकिन ऐपल के काम करने के तरीकों को समझने वाले और उस पर नजर रखने वाले एनालिस्ट्स का मानना है कि यूएस में आईफोन बनाने का सपना बहुत महंगा पड़ सकता है.
दोगुनी हो जाएगी कीमतसीएनबीसी एक लेख में बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के एनालिस्ट वाम्सी मोहन ने कहा कि अभी iPhone 16 Pro की कीमत अभी 1199 डॉलर है और सिर्फ लेबर कॉस्ट में इजाफा हो जाने से इसकी कीमत 25 डॉलर बढ़ जाएगी. इस इजाफे से iPhone 16 Pro की कीमत 1500 डॉलर हो जाएगी. वेडबुश के डैन आइव्स ने कहा कि यूएस में बने iPhone 16 Pro की कीमत 3500 डॉलर (3.01 लाख रुपये) होगी. उनका कहना है कि ऐपल को केवल 10 फीसदी सप्लाई चेन यूएस में लाने के लिए 30 अरब डॉलर खर्च करने होंगे.
सैलरी में भारी अंतरऐपल के आईफोन समेत कई अन्य प्रोडक्ट्स का निर्माण फॉक्सकॉन करती है. वह ऐपल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रेक्ट मैन्युफैक्चरर है. फॉक्सकॉन की सबसे बड़ी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स में से एक चीन के हेनान प्रांत में है. जहां कंपनी ने नए आईफोन बनाने के लिए 50,000 लोगों को भर्ती किया. फॉक्सकॉन काम के तरीकों को लेकर बदनाम भी है. 2011 में कई कर्मचारियों द्वारा कंपनी के अंदर आत्महत्या करने की खबरें सामने आई थीं. ऐसे वर्किंग कंडीशन में अमरीकियों को काम करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता. सैलरी की बात की जाए तो हर घंटे के लिए उन्हें 3.63 डॉलर दिया जाता है जबकि कैलिफोर्निया में प्रति घंटे का न्यूनतम वेतन 16.50 डॉलर है. वाम्सी मोहन के अनुसार, जहां चीन में एक आईफोन 40 डॉलर में बन जाता है वहीं इसे यूएस में बनाने के लिए 200 डॉलर खर्च करने होंगे. ऐपल के सीईओ टिम कुक पहले ही कह चुके हैं कि अमरीकियों के पास सही स्किल्स नहीं है. इन सब को ध्यान में रखा जाए तो ऐपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की वो बात एकदम सही लगती है जो उन्होंने 2011 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से कही थी. ओबामा ने भी उनसे आईफोन का निर्माण यूएस में ही करने की बात कही थी जिस पर स्टीव जॉब्स का कहना था, “अब वो नौकरियां वापस (यूएस में) नहीं आ रही हैं.”
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 13, 2025, 08:30 ISThomebusinessतो ₹3 लाख का हो जाएगा आईफोन? ट्रंप की चली तो ये होना तय, एक्सपर्ट्स ने चेताया
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