नई दिल्ली. भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (CPI) अक्टूबर में 14 महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जो 5.81% पर अनुमानित है. रॉयटर्स के अर्थशास्त्रियों के सर्वे के अनुसार यह वृद्धि सब्जियों और खाद्य तेलों की कीमतों में तेज़ उछाल के कारण हुई है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के 6% सहनशीलता स्तर के करीब होने के बावजूद यह आंकड़ा चिंताजनक है.
खाद्य कीमतें, जो भारत की मुद्रास्फीति बास्केट का लगभग आधा हिस्सा बनाती हैं, में भी पिछले महीने तेजी से वृद्धि हुई है. टमाटर जैसे महत्वपूर्ण रसोई सामग्री की कीमतों में दो अंकों में वृद्धि हुई है, जिसका मुख्य कारण असमान वर्षा से उत्पादन में बाधा आना है. इसके अलावा, सरकार ने सितंबर के मध्य में खाद्य तेलों पर आयात कर 20% तक बढ़ा दिया, जिससे कीमतों में और वृद्धि हुई है.
अर्थशास्त्री दीपन्विता मजूमदार ने बताया कि “टमाटर और खाद्य तेल में व्यापक मूल्य दबाव देखा गया है. सितंबर में असमय बारिश से टमाटर की आपूर्ति में कमी आई. वहीं, आयात मुद्रास्फीति के कारण खाद्य तेल की कीमतों में भी तेज़ वृद्धि देखी गई है.” अक्टूबर के लिए कोर इन्फ्लेशन का अनुमान 3.60% है. इसमें अस्थिर वस्तुओं जैसे कि खाद्य और ऊर्जा को शामिल नहीं किया जाता. इसके पीछे त्योहारों के दौरान मांग में वृद्धि और सोने की कीमतों में तेजी प्रमुख कारण रहे हैं.
बता दें कि भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित वार्षिक खुदरा महंगाई दर सितंबर में भी बढ़कर 5.49% हो गई थी जो अगस्त में 3.65% थी. यह दिसंबर 2023 के बाद की सबसे अधिक खुदरा महंगाई दर है, जब यह 5.69% पर थी. हालांकि, यह महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2-6% के मध्यम अवधि के लक्ष्य के भीतर ही है. RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुद्रास्फीति में वृद्धि के जोखिमों पर प्रकाश डालते हुए दर कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया है. हालांकि, एक अन्य सर्वे के अनुसार, RBI दिसंबर में रेपो दर में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है.
FIRST PUBLISHED : November 8, 2024, 22:26 IST
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News