नई दिल्ली. भारत में ऑनलाइन शॉपिंग के लिए ई-कॉमर्स एक प्रमुख बाजार के रूप में उभरा है, और इस सेक्टर का ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (GMV) लगभग 60 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन शॉपर बेस है. लेकिन, इस सेक्टर की ग्रोथ पर एक ब्रेक-सा लग गया है. दरअसल फ्लिपकार्ट और बेन एंड कंपनी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल इस सेक्टर में वृद्धि 20 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि दर की तुलना में आधी होकर 10-12 प्रतिशत रह गई. रिपोर्ट के अनुसार, इसके दो प्रमुख कारण- बढ़ती महंगाई और वास्तविक मजदूरी या सैलरी में स्थिरता रही.
हालांकि, निकट अवधि में बड़ी आर्थिक चुनौतियों के बावजूद इस सेक्टर में लॉन्ग टर्म की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन प्रमुख फैक्टर, क्विक कॉमर्स, ट्रेंड-फर्स्ट कॉमर्स और हाइपर-वैल्यू कॉमर्स, इस सेक्टर की आगे की ग्रोथ नया आकार देंगे.
कोविड से पहले वाले दिन अच्छे थे!
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में खपत और खर्च को हाल के वर्षों में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. प्राइवेट कंस्पशन की ग्रोथ प्री-कोविड (2017-19) अवधि के 11 प्रतिशत से धीमी होकर पोस्ट-कोविड (2022-24) लगभग 8 प्रतिशत हो गई.
रिपोर्ट में बताया, “यह गिरावट बढ़ती महंगाई और वास्तविक मजदूरी में ठहराव यानि सैलरी का नहीं बढ़ना, वजह है. खपत के मामले यह परेशानी 2024 में ई-रिटेल ग्रोथ में 10-12 प्रतिशत होने से स्पष्ट है, जबकि ऐतिहासिक वृद्धि दर 20 प्रतिशत से ज्यादा है.”
हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि इनकम टैक्स लिमिट बढ़ाए जाने व हालिया राजकोषीय और मौद्रिक नीति के दखल से ई-रिटेल ग्रोथ में तेजी आने की उम्मीद है, विशेष रूप से 2025 के त्यौहारी अवधि से, क्योंकि यहीं से ग्रोथ देखने को मिली.
तेजी से बढ़ रहा बाजार
ई-रिटेल बाजार 2030 तक 170-190 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो सालाना 18 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक लगभग 10 में से 1 खुदरा डॉलर ई-रिटेल पर खर्च होने का अनुमान है, जो खर्च में बढ़ोतरी से संभव है. क्योंकि इससे भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 3,500-4,000 डॉलर की महत्वपूर्ण सीमा को पार कर जाती है, जो ग्लोबल लेवल पर ई-रिटेल पर होने वाले खर्च में एक महत्वपूर्ण दर है.
आने वर्षों में ग्रॉसरी, लाइफ स्टाइल और जनरल प्रोडक्ट्स जैसे हाई फ्रिक्वेंसी कैटेगरी के ई-रिटेल ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा. इस रिपोर्ट के अनुसार, इस अवधि में इन कैटेगरीज में दो से चार गुना वृद्धि देखने को मिलेगी.
खास बात है कि भारत में ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर नजरिये में भी बदलाव आया है. इस रिपोर्ट में कहा गया है, “ऑनलाइन शॉपिंग यूजर टियर-2 से टियर-3 शहरों में बढ़ रहे हैं. 2020 से पांच में से तीन नए खरीदार टियर-3 या उससे छोटे शहरों से आ रहे हैं. यह ग्रोथ दूरदराज के उन इलाकों में देखने को मिल रही है, जहां लोग ब्रांडेड आइट्मस के लिए ऑर्डर कर रहे हैं. 2021 से 60 प्रतिशत नए विक्रेता टियर-2 या छोटे शहरों से हैं.”
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