Last Updated:February 14, 2025, 13:57 ISTIndia US trade deal : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात से पहले डोनाल्ड ट्रंप काफी सख्त नजर आ रहे थे. भारत पर भी तगड़ा टैक्स लगाने की बात कह रहे थे. कह रहे थे कि भारत में बिजनेस करना कठिन है. लेकिन म…और पढ़ेंप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप.India US trade deal : अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले ही महीने में ग्लोबल ट्रेड सिस्टम में बड़ा उलटफेर देखने को मिला. इसी बीच, 14 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की अपनी 36 घंटे की यात्रा समाप्त की. ट्रंप वैसे तो बिजनेस में टैरिफ (आयात शुल्क) के बड़े समर्थक हैं, मगर जब बात भारत की आई तो वे कुछ अलग ही तरह से पेश आए. महज कुछ घंटों के भीतर ही भारत को “कारोबार के लिए बहुत कठिन देश” कहने वाले ट्रंप ने “भारत के साथ कई बड़ी बिजनेस डील” की बात कह दी.
मनीकंट्रोल के अनुसार, नरेंद्र मोदी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापार पर चर्चा के लिए सहमति दी है. उन्होंने अमेरिकी तेल, गैस और लड़ाकू विमानों की खरीद बढ़ाने की इच्छा भी जताई है. लेकिन इससे कुछ ही घंटे पहले, ट्रंप ने भारत पर “बहतु अधिक टैरिफ लगाने” का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, “हमारे सहयोगी कई बार हमारे दुश्मनों से भी ज्यादा कठिन साबित होते हैं. भारत बहुत ऊंचे टैरिफ लगाता है.”
ट्रंप ने “रेसिप्रोकल टैरिफ” (पारस्परिक शुल्क) की घोषणा करते हुए कहा कि अब अमेरिका भी उतना ही टैरिफ वसूलेगा, जितना दूसरे देश उस पर लगाते हैं. उन्होंने कहा, “अब से हम वही शुल्क लेंगे जो अन्य देश हम पर लगाते हैं – न ज्यादा, न कम.” हालांकि, यह शुल्क तुरंत प्रभावी नहीं होगा, जिससे अन्य देशों को अमेरिका के साथ नए व्यापार समझौते करने का समय मिलेगा.
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने अपनी टीम को निर्देश दिया है कि वे अन्य देशों द्वारा लगाए गए शुल्क और गैर-टैरिफ बाधाओं (जैसे कि वाहन सुरक्षा नियम) की गणना करें और अमेरिका के लिए समान शुल्क निर्धारित करें. ट्रंप ने कहा, “भारत में बिजनेस करना कठिन है, क्योंकि वहां टैरिफ बहुत अधिक हैं. वे दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक हैं.”
आंकड़ों पर एक नजरफिलहाल अमेरिका का भारत के साथ 45.6 बिलियन डॉलर (लगभग 3.8 लाख करोड़ रुपये) का व्यापार घाटा है. विश्व व्यापार संगठन (WTO) के अनुसार, अमेरिका का औसत टैरिफ केवल 2.2 फीसदी है, जबकि भारत का औसत टैरिफ 12 फीसदी है. ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत कुछ वस्तुओं पर 30, 40, 60 फीसदी, और यहां तक कि 70 फीसदी तक शुल्क लगाता है. उन्होंने दावा किया कि भारत के साथ अमेरिका का कुल व्यापार घाटा लगभग 100 बिलियन डॉलर (8.3 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है.
हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि मोदी सरकार भारत में टैरिफ कम करने की दिशा में काम कर रही है. मोदी ने जवाब में कहा कि दोनों देश 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 बिलियन डॉलर (41.5 लाख करोड़ रुपये) तक बढ़ाने के लिए सहमत हुए हैं. ट्रंप ने भी कहा, “हम भारत और अमेरिका के लिए कुछ अद्भुत व्यापारिक समझौते करने जा रहे हैं.”
रक्षा और परमाणु ऊर्जा में सहयोगट्रंप ने भारत को अत्याधुनिक F-35 लड़ाकू विमान देने की पेशकश की. उन्होंने कहा, “हम इस साल से भारत को अरबों डॉलर के सैन्य उपकरण बेचना शुरू करेंगे और आगे चलकर F-35 स्टील्थ फाइटर जेट भी प्रदान करेंगे.”
इसके अलावा, दोनों देशों के बीच एक ऊर्जा समझौता भी हुआ, जिसके तहत अमेरिका भारत को तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाएगा. ट्रंप ने कहा, “भारत को हमारी एनर्जी की जरूरत है और हमारे पास इसकी भरपूर आपूर्ति है.”
सस्ती बिजली की दिशा में कामट्रंप ने यह भी स्वागत किया कि भारत अमेरिकी परमाणु तकनीक को अपनाने के लिए अपने कानूनों में बदलाव कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह भारत में लाखों लोगों को सस्ती और सुरक्षित बिजली उपलब्ध कराएगा और अमेरिकी परमाणु उद्योग को अरबों डॉलर का लाभ होगा.
भारत सरकार ने 2025 के बजट में “नेशनल न्यूक्लियर एनर्जी मिशन” के तहत 20,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जिससे बढ़ती बिजली मांग को पूरा किया जा सके. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 और परमाणु क्षति उत्तरदायित्व अधिनियम में संशोधन करेगी, ताकि निजी क्षेत्र का निवेश आकर्षित किया जा सके.
ट्रंप को कड़ाई से बातचीत करने वाला माना जाता है, लेकिन इस बार उन्होंने कुछ अलग दिखाया. उन्होंने मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, “वे मुझसे भी अधिक मजबूत नेगोशिएटर हैं. वे मुझसे कहीं बेहतर हैं. इसमें कोई संदेह नहीं है.”
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 14, 2025, 13:57 ISThomebusinessरंग बदलते ट्रंप! पहले कहा- भारत में बिजनेस करना मुश्किल, फिर कर डालीं कई डील
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