नई दिल्ली. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक बड़ा संकेत दिया है कि इस सप्ताह के अंत तक कुछ देशों के साथ ट्रेड डील हो सकती हैं. इस बयान ने भारत समेत कई देशों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, जो अमेरिका के भारी टैरिफ से बचने का रास्ता तलाशने में जुटे हैं. भारत के लिए ट्रंप का यह बयान इसलिए महत्व रखता है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने कहा था कि भारत संभवत: अमेरिका का सबसे पहला ट्रेड पार्टनर होगा.
वहीं, भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) को लेकर बातचीत तेज हो गई है. भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल पिछले दिनों अमेरिका यात्रा पर थे, जहां उन्होंने इस समझौते की रूपरेखा तय करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप पहले ही ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति पर सहमत हो चुके हैं. हालांकि यह समझौता कब तक प्रारूप लेगा, इस पर कोई टाइमलाइन साफ नहीं है, मगर यह तय किया गया है कि 2025 के अंत तक समझौते के पहले चरण पर काम शुरू किया जाए.
क्या चाहता है भारतभारत की कोशिश है कि अमेरिका द्वारा घोषित भारी टैरिफ से राहत मिले. फिलहाल स्टील, एल्यूमिनियम और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी और अन्य सामानों पर 10 फीसदी बेसिक ड्यूटी लागू है. भारत चाहता है कि इन टैक्सों में छूट दी जाए और भारतीय उत्पादों को अमेरिका में बेहतर बाजार मिले.
ट्रंप की ही तरह अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक “टफ नेगोशिएटर” बताया. उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने अमेरिका का फायदा उठाया है. बावजूद इसके, यह भी माना कि भारत शायद पहला देश होगा, जिसके साथ अमेरिका ट्रेड एग्रीमेंट करेगा, क्योंकि भारत के साथ “अच्छी बातचीत” हो रही है.
बता दें कि अमेरिका सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि जापान, दक्षिण कोरिया और यूरोप के देशों के साथ भी ट्रेड पर बात कर रहा है. जापान के मुख्य वार्ताकार ने तो जून तक समझौते की उम्मीद भी जता दी है.
ट्रंप की पॉलिसी और वैश्विक बाजारों पर असरट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने दुनियाभर के बाजारों को हिला दिया है. खुद अमेरिका भी इससे अछूता नहीं रहा है. हाल ही में अमेरिका की जीडीपी में गिरावट दर्ज की गई है. ऐसा 3 सालों में पहली बार हुआ है. वहीं, ट्रंप का कहना है कि वे खुद तय करेंगे कि किन देशों के साथ समझौता करना है और किन पर टैरिफ बढ़ाना है.
चीन के साथ सुलहट्रंप ने दुनियाभर के तमाम देशों पर लगे टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया था, सिवाय चीन के. अब ट्रंप ने यह भी इशारा दिया कि उनकी टीम चीन के साथ भी बात कर रही है. हालांकि, उन्होंने अभी तक चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बात नहीं की है. जबावी कार्रवाई में चीन ने अमेरिकी सामानों पर 145 फीसदी तक टैक्स लगा दिए हैं, लेकिन हाल ही में दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधरने के संकेत दिखे हैं.
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