Last Updated:February 17, 2025, 17:41 ISTIndia trade deficit : जनवरी में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 22.99 अरब डॉलर हो गया, जबकि निर्यात 36.43 अरब डॉलर रहा. इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं और चावल निर्यात को बढ़ावा दे रहे हैं. अमेरिका के साथ व्यापार समझौते पर चर…और पढ़ेंहाइलाइट्सजनवरी में भारत का व्यापार घाटा 22.99 अरब डॉलर हुआ.इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं और चावल निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है.सोने और कच्चे तेल का आयात घटा है.India trade deficit : जनवरी में भारत का व्यापार घाटा 22.99 अरब डॉलर रहा. यानी भारत ने जितना निर्यात किया, उससे कहीं ज्यादा आयात किया. यह स्थिति डॉलर के मुकाबले पहले कमजोर हो रहे रुपये पर और दबाव डाल सकती है और महंगाई बढ़ा सकती है, क्योंकि विदेशी सामान खरीदने के लिए ज्यादा डॉलर खर्च होंगे. अगर यही स्थिति बनी रही, तो भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, क्योंकि महंगाई से दुनियाभर के कई देश अभी तक जूझ रहे हैं.
PM नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान भारत ने अमेरिका से तेल, गैस, सैन्य उपकरण और इंडस्ट्रियल गुड्स खरीदने का वादा किया है. असर यह हो सकता है कि इससे आयात बढ़ेगा, और व्यापार घाटा और ज्यादा बढ़ सकता है. डॉलर की ज्यादा मांग होने से रुपया कमजोर हो सकता है, जिससे पेट्रोल, डीजल और अन्य जरूरी सामान महंगे होंगे. अच्छा संकेत यह है कि भारत ने सोने और कच्चे तेल का आयात घटाया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स, दवाएं और चावल निर्यात पर ज्यादा जोरभारत का 22.99 अरब डॉलर का व्यापार घाटा दिसंबर महीने के मुकाबले थोड़ा अधिक है. यह आंकड़ा आर्थिक मामलों के जानकारों द्वारा जताई गई उम्मीद के काफी आसपास है. उन्होंने इसे 22.35 अरब डॉलर आंका था. जनवरी में भारत का निर्यात 36.43 अरब डॉलर रहा, जो दिसंबर 2024 के 38.01 अरब डॉलर से कम है. वहीं, आयात 59.42 अरब डॉलर रहा, जो पिछले महीने के 59.95 अरब डॉलर के करीब है.
व्यापार सचिव सुनील बर्थवाल ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स सामान, दवाएं और चावल निर्यात को बढ़ावा दे रहे हैं. सर्विस सेक्टर में जनवरी में निर्यात 38.55 अरब डॉलर और आयात 18.22 अरब डॉलर रहा, जो दिसंबर के मुकाबले थोड़ा अधिक है.
ट्रंप ने दी थी रेसिप्रोकल की धमकीयह डेटा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद आया है, जहां दोनों देशों ने टैरिफ से जुड़े मुद्दों को सुलझाने और भारत द्वारा अमेरिकी तेल, गैस और सैन्य उपकरणों की खरीद बढ़ाने पर सहमति जताई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह उन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे, जो अमेरिकी आयात पर टैक्स लगाते हैं. भारत पर भी यह नियम लागू होगा, क्योंकि यहां टैरिफ दरें दुनिया में सबसे अधिक हैं.
अमेरिका का भारत के साथ 45.6 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है. विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका का ट्रेड-वेटेड औसत टैरिफ दर लगभग 2.2 प्रतिशत है, जबकि भारत में यह 12 प्रतिशत है. भारत और अमेरिका ने एक व्यापार समझौते की पहली किस्त पर बातचीत के लिए एक “कठिन” समयसीमा तय की है. भारतीय वरिष्ठ व्यापार अधिकारी राजेश अग्रवाल ने बताया कि दोनों देश अमेरिकी औद्योगिक सामानों के निर्यात को बढ़ाने के तरीके खोजेंगे.
सोने और कच्चे तेल का आयात घटाजनवरी में भारत का सोने का आयात पिछले महीने के 4.7 अरब डॉलर के मुकाबले घटकर 2.68 अरब डॉलर रह गया. वहीं, कच्चे तेल का आयात दिसंबर के 15.2 अरब डॉलर से घटकर 13.4 अरब डॉलर हो गया. दिसंबर में भारत के व्यापार मंत्रालय ने अप्रैल से नवंबर तक के आयात आंकड़ों में सुधार किया था, क्योंकि कुछ डेटा को दोहराया गया था.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 17, 2025, 17:41 ISThomebusinessभारत का व्यापार घाटा बढ़ा, गिरते रुपये पर बनेगा और दबाव, भभकेगी महंगाई!
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