Last Updated:February 28, 2025, 17:16 ISTवर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत को वैश्विक व्यापार में भागीदारी बढ़ाने के लिए आयात शुल्क में कटौती और नियामकीय सुधार करने चाहिए. व्यापार नीति में खुलापन घटने से आयात-निर्यात प्रभावित हो रहा है. उच्च आय व…और पढ़ेंभारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ज्यादा बंद हो गई है. हाइलाइट्सभारत को आयात शुल्क में कटौती करनी चाहिए.व्यापार नीति में सुधार से निवेश आकर्षित होगा.उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रति व्यक्ति आय बढ़ानी होगी.नई दिल्ली. वर्ल्ड बैंक की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को वैश्विक व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए आयात शुल्क में कटौती करनी चाहिए और नियामकीय सुधार (regulatory reforms) लागू करने चाहिए. रिपोर्ट के अनुसार, भारत में व्यापार लागत अभी भी अधिक बनी हुई है, जिससे आयात-निर्यात प्रभावित हो रहा है और देश Global Value Chains – GVCs में पूरी तरह शामिल नहीं हो पा रहा है.
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत को 2047 तक उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था (high-income economy) बनने के लिए अपनी प्रति व्यक्ति आय (per capita income) को मौजूदा स्तर से 8 गुना तक बढ़ाना होगा. 2023 में भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (GNI) 2,540 अमेरिकी डॉलर थी, जिसे अगले दो दशकों में तेजी से बढ़ाने की जरूरत होगी. वर्ल्ड बैंक का कहना है कि यह एक मुश्किल लक्ष्य है, जिसे अब तक केवल कुछ ही देश हासिल कर पाए हैं.
व्यापार में खुलापन घटा, आयात-निर्यात प्रभावितवर्ल्ड बैंक ने कहा कि भारत की व्यापार नीति पहले की तुलना में कम खुली हो गई है. 2012 में जहां जीडीपी में व्यापार (निर्यात और आयात) की हिस्सेदारी 56% थी, वह 2023 में घटकर 46% रह गई. हालांकि, सेवा क्षेत्र खासकर आईटी और बीपीओ (BPO) के निर्यात में अच्छी वृद्धि हुई है, लेकिन समग्र व्यापार में गिरावट चिंता का विषय है.
उच्च आयात शुल्क और जटिल नीतियां निवेश के लिए बाधारिपोर्ट में कहा गया कि भारत में मध्यवर्ती (intermediate) और पूंजीगत (capital) वस्तुओं पर अधिक आयात शुल्क और कई गैर-टैरिफ बाधाएं (non-tariff barriers) हैं, जिससे व्यापार महंगा हो गया है. इससे भारतीय कंपनियों के लिए उत्पादन लागत बढ़ जाती है और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बने रहना मुश्किल हो जाता है.
विकास दर को बनाए रखने के लिए सुधार जरूरीवर्ल्ड बैंक ने सुझाव दिया कि अगर भारत को आर्थिक विकास की गति बनाए रखनी है, तो उसे कुछ अहम सुधार करने होंगे:
आयात शुल्क कम करना, ताकि व्यापार की लागत घटे और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़े.
कस्टम प्रक्रियाओं को सरल बनाना, जिससे कंपनियों के लिए आयात-निर्यात आसान हो.
नीतिगत स्थिरता सुनिश्चित करना, ताकि निवेशकों का भरोसा बढ़े.
नौकरशाही बाधाएं कम करना, जिससे कारोबार शुरू करना और चलाना आसान हो सके.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अगर भारत व्यापार को अधिक उदार बनाता है और नियामकीय प्रक्रियाओं को पारदर्शी करता है, तो इससे निवेश आकर्षित होगा और अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ेगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :February 28, 2025, 17:14 ISThomebusiness’बड़े व्यापारी देशों में शामिल होना चाहता है अगर भारत, तो करना होगा ये एक काम’
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