India GDP Growth : विश्व की दो उभरती आर्थिक महाशक्तियां भारत और चीन विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रही हैं. दोनों ही देश अपने-अपने स्तर पर ग्रोथ की दिशा में पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हाल के आंकड़े साफ दिखाते हैं कि भारत, चीन की तुलना में अधिक तेजी से प्रगति कर रहा है. जनवरी-मार्च 2025 में भारत की जीडीपी वृद्धि 7.4% रही, जबकि इसी समय चीन की 5.4% थी. पूरे वर्ष 2024-25 में भारत ने 6.5% की वृद्धि दर्ज की, जो चीन के 5.0% से अधिक है.
भारत की यह गति मजबूत घरेलू मांग, सर्विस सेक्टर की ताकत, और अनुकूल नीतियों जैसे टैक्स कटौती और कम ब्याज दरों के कारण है. दूसरी ओर, चीन को डिफ्लेशन, बेरोजगारी, और अचल संपत्ति संकट जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. भारत का कृषि और निर्माण क्षेत्र भी चीन से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि 2025 के अंत तक भारत जापान को पीछे छोड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. लेकिन नीति आयोग IMF को आधार बताकर घोषणा कर चुका है कि भारत चौथी सबसे बड़ी इकॉनमी बन चुका है. स्टेबल बैंकिंग, नियंत्रित महंगाई, और अनुकूल मानसून के साथ भारत का भविष्य उज्ज्वल नजर आता है. ये ताजा आंकड़े, विदेशी निवेशकों के लिए भी एक तस्वीर पेश करेंगे, जो उन्हें सही जगह पर निवेश करने में मदद करेगी.
भारत की जीडीपी विकास दर (जनवरी-मार्च 2025)
जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में भारत की जीडीपी विकास दर 7.4% रही, जो बीते साल इसी अवधि में 8.4% थी. यह आंकड़ा उम्मीद से बेहतर रहा, लेकिन पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर घटकर 6.5% रही, जो पिछले वर्ष 9.2% थी.
चौथी तिमाही में औद्योगिक गतिविधियों में तेजी, ग्रामीण क्षेत्रों में मांग में सुधार और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी ने अर्थव्यवस्था को सहारा दिया. निजी उपभोग खर्च में 7.2% की वृद्धि देखी गई, जो त्योहारों और ग्रामीण मांग के चलते बढ़ा. कृषि क्षेत्र ने भी बेहतर प्रदर्शन किया, जहां पूरे साल में 4.6% और चौथी तिमाही में 5.4% की बढ़त दर्ज की गई. निर्माण क्षेत्र में सालाना 9.4% और तिमाही में 10.8% की वृद्धि रही.
वहीं, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की सालाना वृद्धि 4.5% रही, जो पिछले साल के 12.3% के मुकाबले कम थी. सकल मूल्य वर्धित (GVA) दर 6.4% रही, जबकि जेपी मॉर्गन ने इसके 6.7% होने का अनुमान लगाया था. वैश्विक व्यापार में उतार-चढ़ाव, जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और टैरिफ के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी रही. सेवा क्षेत्र की मजबूती, स्थिर बैंकिंग प्रणाली और PLI योजनाओं ने विकास में योगदान दिया. IMF के अनुसार, भारत का आर्थिक आकार 2025 के अंत तक जापान को पीछे छोड़कर 4.18 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
चीन की जीडीपी विकास दर (जनवरी-मार्च 2025)
जनवरी से मार्च 2025 की तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था ने 5.4% की वृद्धि दर्ज की, जो रॉयटर्स के 5.1% के अनुमान से अधिक थी. यह दर पिछली तिमाही (Q4 2024) के समान रही. हालांकि, तिमाही-दर-तिमाही आधार पर अर्थव्यवस्था केवल 1.2% बढ़ी, जो पहले की 1.6% वृद्धि से कम है. मार्च महीने में तेज़ निर्यात (13.5%) ने तिमाही को समर्थन दिया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह तेजी अमेरिकी टैरिफ लागू होने से पहले के शिपमेंट के कारण थी और लंबे समय तक टिकना मुश्किल है.
औद्योगिक उत्पादन में 6.5%, सेवा क्षेत्र में 5.3% और कृषि उत्पादन में 4.0% की वृद्धि दर्ज हुई. खुदरा बिक्री 4.6% बढ़ी, लेकिन घरेलू मांग कमजोर रही और डिफ्लेशनरी दबाव के कारण उपभोक्ता कीमतों पर असर पड़ा. अंतरराष्ट्रीय निवेश बैंकों ने चीन की 2025 की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटा दिया है. ANZ ने 4.2% और नोमुरा ने 4.0% अनुमान लगाया है, जो सरकार के 5.0% लक्ष्य से कम है. चीन की अर्थव्यवस्था को फिलहाल डिफ्लेशन, युवा बेरोजगारी (लगभग 16%) और रियल एस्टेट संकट जैसी आंतरिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News