चीन के साथ नजदीकियां बढ़ीं, लेकिन बांग्लादेश के लिए भारत अब भी जरूरी

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नई दिल्ली. चीन और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं. ताजा आंकड़ों से यह बात और पुख्ता हो जाती है. मनीकंट्रोल की एक खबर के अनुसार, साल 2023-24 में बांग्लादेश ने जिन देशों से सबसे ज्यादा सामान मंगाया, उनमें चीन सबसे आगे रहा. अब चीन से बांग्लादेश की कुल आयात का चौथाई हिस्सा आता है, जबकि छह साल पहले यह आंकड़ा सिर्फ 20% के आसपास था. यानी चीन का बांग्लादेश के बाजार में दबदबा और बढ़ गया है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक सामान और मशीनरी के मामले में.

भारत से आयात की बात करें तो उसका हिस्सा पहले से थोड़ा कम हुआ है, लेकिन भारत अब भी बांग्लादेश के लिए बेहद जरूरी सप्लायर बना हुआ है. खासतौर पर कॉटन (रूई) के मामले में बांग्लादेश की भारत पर निर्भरता बढ़ी है. 2023-24 में बांग्लादेश ने जो कॉटन आयात किया, उसमें 30% हिस्सा भारत से आया. जबकि 2018-19 में यह हिस्सा 23% था. भारत से बांग्लादेश को जो 9 अरब डॉलर का सामान एक्सपोर्ट हुआ, उसमें 26% सिर्फ कॉटन ही था.

चीन को निर्यात कम

दूसरी ओर, बांग्लादेश से चीन को होने वाला एक्सपोर्ट कम हुआ है. 2018-19 में चीन को बांग्लादेश का 2.1% एक्सपोर्ट जाता था, जो 2023-24 में घटकर 1.6% रह गया. इसके उलट, भारत को होने वाला बांग्लादेशी एक्सपोर्ट 3.1% से बढ़कर 3.5% हो गया. भारत जो बांग्लादेश से सामान मंगाता है, उसमें सबसे ज्यादा हिस्सा कपड़े, टेक्सटाइल और गारमेंट्स का है. 2023-24 में भारत ने बांग्लादेश से 1.8 अरब डॉलर का सामान मंगाया, जिसमें 56% कपड़े थे.

हाल ही में भारत सरकार ने बांग्लादेश से आने वाले कई उत्पादों पर नई पाबंदियां लगा दी हैं. इनमें रेडीमेड गारमेंट्स जैसे सामान शामिल हैं, जिन्हें अब केवल दो समुद्री बंदरगाहों के ज़रिए ही भारत लाया जा सकेगा. इसका असर 40% से ज्यादा ट्रेड पर पड़ेगा. ये नियम ऐसे समय में आए हैं जब बांग्लादेश ने भी भारतीय कॉटन और चावल पर पाबंदियां लगाई थीं. इन फैसलों से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है. खासकर तब जब बांग्लादेश के कार्यवाहक सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत के पूर्वोत्तर को “लैंडलॉक्ड” (असंपर्कित) इलाका कहा, जिससे रिश्तों में खटास आ गई.

इसके अलावा, चीन भी बांग्लादेश के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है. जून 2020 से चीन ने बांग्लादेश के 97% उत्पादों को टैक्स फ्री एक्सेस दिया है. इससे बांग्लादेश के लिए चीन और भी आकर्षक बाज़ार बन गया है. दूसरी ओर, भारत और बांग्लादेश ने अप्रैल 2023 में एक समझौता किया था, जिसके तहत दोनों देश अपनी करेंसी यानी रुपये और टका में कारोबार करेंगे. इसका मकसद बांग्लादेश के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम करना है.

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भारत-बांग्लादेश के बीच कुल व्यापार

2023-24 में भारत-बांग्लादेश के बीच कुल व्यापार 13 अरब डॉलर का रहा. इसमें भारत ने 9 अरब डॉलर का सामान भेजा और 1.97 अरब डॉलर का सामान बांग्लादेश से मंगाया. यानी भारत को इस व्यापार में अब भी भारी बढ़त है. हालांकि, भारत के नए नियमों से बांग्लादेश की गारमेंट इंडस्ट्री को नुकसान हो सकता है. हर महीने करीब 400 मिलियन डॉलर के ऑर्डर भारत की ओर शिफ्ट हो सकते हैं. इससे नेपाल और भूटान जैसे देश भी प्रभावित हो सकते हैं, जो बांग्लादेश के रास्ते कारोबार करते हैं. अब जब बांग्लादेश को भारत और चीन के बीच संतुलन साधना है, तो व्यापार और कूटनीति दोनों में समझदारी दिखानी होगी. आने वाले वक्त में यह तय करेगा कि क्षेत्रीय व्यापार का नक्शा कैसा बनेगा.

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