नई दिल्ली. भारत के G20 शेरपा अमिताभ कांत ने राजधानी दिल्ली में IATA (इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन) की सालाना बैठक के मौके पर भारत के आर्थिक और डेमोग्राफिक फ्यूचर को लेकर एक बेहद महत्वाकांक्षी योजना पेश की. उन्होंने कहा कि 2025 में 4 ट्रिलियन डॉलर की भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक करीब 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है, तब जब देश अपनी आजादी के 100 साल पूरे करेगा.
अमिताभ कांत ने कहा कि भारत फिलहाल दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिसने नाममात्र GDP के मामले में जापान और ब्रिटेन जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है. उन्होंने जोर दिया कि भारत की इस ग्रोथ के पीछे टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस और एक्सपोर्ट सेक्टर की अहम भूमिका है. GST, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे सुधारों से ये रफ्तार मिली है.
तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी
मॉर्गन स्टैनली जैसी ग्लोबल फर्म्स भी मानती हैं कि भारत 2030 तक जर्मनी और जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है. भारत में लगातार बढ़ रहे FDI, खासकर सिंगापुर से आए 44.4 अरब डॉलर (2024-25 में सितंबर तक), स्टार्टअप बूम और PLI स्कीम जैसे फैक्टर भी इस प्रोजेक्शन को सपोर्ट करते हैं.
भारत की सबसे बड़ी ताकत: युवा आबादी
कांत ने कहा कि भारत की औसत उम्र अभी 28 साल है, जबकि चीन की 39 और जापान की 48 है. उन्होंने कहा, “हम जब 100 साल के होंगे, तब भी हमारी औसत उम्र 35 साल होगी. ये देश बेबी बूमर्स का देश है,” संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक भारत की कामकाजी उम्र की आबादी (15-64 साल) 1 अरब तक पहुंच जाएगी. ऐसे में स्किल इंडिया और STEM एजुकेशन जैसे कार्यक्रम इस युवा शक्ति को एक प्रोडक्टिव और इनोवेटिव वर्कफोर्स में बदल सकते हैं.
500 शहर, 400 एयरपोर्ट: भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन
अमिताभ कांत ने शहरीकरण को भारत के विकास का अगला बड़ा अध्याय बताया. उन्होंने कहा कि अगले कुछ दशकों में 500 मिलियन लोग गांवों से शहरों की ओर जाएंगे, जिसके लिए 500 नए शहर बसाने होंगे. कांत ने कहा, “हर 5 साल में एक नया शिकागो बनाना पड़ेगा.” इस दिशा में स्मार्ट सिटी मिशन, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, और गुजरात का धोलेरा ग्रीनफील्ड सिटी जैसे प्रोजेक्ट्स भारत को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं. हालांकि इसके लिए किफायती मकान, बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट और ग्रीन एनर्जी जरूरी होगी.
एविएशन सेक्टर: इंडिगो-एयर इंडिया बनें भारत के ‘एमिरेट्स’
भारत के एविएशन सेक्टर को कांत ने ग्रोथ का इंजन बताया. उन्होंने कहा कि देश को 400 नए एयरपोर्ट चाहिए होंगे (2025 में 153 ऑपरेशनल हैं). UDAN स्कीम के तहत छोटे शहरों को भी एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा, “आपको ग्रेट एयरलाइंस और एयरपोर्ट चाहिए… इंडिगो और एयर इंडिया को एमिरेट्स, कतर एयरवेज जैसी एयरलाइनों से मुकाबला करना होगा.” एयर इंडिया और इंडिगो दोनों वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट्स खरीद रहे हैं ताकि लॉन्ग-हॉल इंटरनेशनल रूट्स पर भी भारत की मौजूदगी मजबूत हो सके.
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क्या होंगी चुनौतियां?
बड़ी फंडिंग की जरूरत: 500 शहर और 400 एयरपोर्ट बनाने में भारी पूंजी की जरूरत होगी. इसके लिए PPP मॉडल और विदेशी निवेश अहम होगा.
स्किल डेवलपमेंट: युवा जनसंख्या को स्किल्ड बनाना सबसे जरूरी कदम होगा, ताकि डिजिटल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उनका योगदान बढ़ सके.
सस्टेनेबिलिटी: इस विकास को पर्यावरण के साथ बैलेंस करना होगा, खासकर जब भारत ने 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य रखा है.
ग्लोबल कॉम्पटीशन: एविएशन और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर में भारत को लगातार नीति सुधार और स्थिर बिजनेस माहौल देना होगा.
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