केंद्र सरकार ने विंडफॉल टैक्स जीरो कर दिया है. यह टैक्स तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों पर लगता था. जुलाई 2022 में पहली बार यह टैक्स लगाया गया था.
नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए विंडफॉल टैक्स खत्म कर दिया है. हालांकि, आम आदमी का इस कर से कोई सीधा सरोकार नहीं है. क्योंकि, यह घरेलू स्तर पर कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर लगाया जाता था. सरकार ने अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंडफॉल टैक्स को घटाकर जीरो कर दिया है. टैक्स की नई दर आज से प्रभावी हो गई है. दरअसल सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को काबू में रखने के लिए 1 जुलाई 2022 को इनके निर्यात पर विंडफॉल टैक्स (Windfall Tax) लगाया था.
यह टैक्स, स्पेशल अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (SAED) के रूप में लगाया जाता है. दो सप्ताह में औसत तेल की कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े इसे अधिसूचित किया जाता है.
क्या है विंडफॉल टैक्स
दरअसल विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह परिस्थितियों में बड़ा फायदा होता है. तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. फरवरी 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया था. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा हुआ था, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था.
अगस्त में हुआ आखिरी संशोधन
इससे पहले, संशोधन 31 अगस्त से प्रभावी हुआ था. उस समय कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था. एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन (एटीएफ) के निर्यात पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क को शून्य कर दिया गया है, नई दरें 18 सितंबर से प्रभावी होंगी.
देश में पहली बार एक जुलाई, 2022 को अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया गया था. इसके साथ भारत उन देशों में शामिल हो गया था जो ऊर्जा कंपनियों को अप्रत्याशित रूप से होने वाले लाभ पर कर लगाते हैं.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 10:27 IST