Last Updated:May 14, 2025, 23:38 ISTबांग्लादेश ने IMF से 762 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता मांगी है, जिससे कुल पैकेज 4.1 अरब डॉलर हो जाएगा. IMF ने टैक्स सुधार और मुद्रा विनिमय दर को बाजार आधारित बनाने की शर्त रखी है.बांग्लादेश ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए इस लोन की मांग की है.हाइलाइट्सबांग्लादेश ने IMF से 762 मिलियन डॉलर की अतिरिक्त सहायता मांगी है.IMF ने टैक्स सुधार और मुद्रा विनिमय दर को बाजार आधारित बनाने की शर्त रखी है.बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था गंभीर दबाव में है, विकास दर घटकर 3.3% रह गई है.नई दिल्ली. जिस तरह पाकिस्तान की इकोनॉमी रसातल में धंस चुकी है, लगता है भारत का एक और पड़ोसी उसी राह पर चल पड़ा है. पाकिस्तान जैसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने कटोरा लिए खड़ा रहता है, बांग्लादेश भी अब IMF के सामने झोली फैलाकर पहुंच गया है. पाकिस्तान के बाद अब बांग्लादेश ने IMF से 762 मिलियन डॉलर का कर्ज मांग रहा है. यह जानकारी खुद आईएमएफ ने दी है.IMF ने बुधवार को बताया कि बांग्लादेश ने मौजूदा आर्थिक संकट से निपटने के लिए 762 मिलियन डॉलर (करीब 6,360 करोड़ रुपये) की अतिरिक्त सहायता की मांग की है. इससे बांग्लादेश को IMF से मिलने वाला कुल पैकेज अब बढ़कर करीब 4.1 अरब डॉलर (35000 करोड़ रुपये) हो जाएगा. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान को भी आईएमएफ से 1.2 अरब डॉलर का लोन मिला था.
संस्थान के मुताबिक बांग्लादेश सरकार और IMF अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद एक स्टाफ-लेवल एग्रीमेंट (प्रारंभिक समझौता) हुआ है. यह समझौता ‘Extended Credit Facility’, ‘Extended Fund Facility’ और ‘Resilience and Sustainability Facility’ जैसी स्कीम्स के तहत हुआ है. हालांकि, इस समझौते को IMF के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी अभी बाकी है. IMF का कहना है कि इस अतिरिक्त सहायता के लिए बांग्लादेश को कुछ जरूरी कदम उठाने होंगे, जैसे टैक्स सुधार और फॉरेन एक्सचेंज रेट (मुद्रा विनिमय दर) को पूरी तरह बाजार आधारित बनाना.
अब तक कितनी मदद मिली?
IMF के मिशन चीफ क्रिस पापागेओरगियो ने कहा कि इस नई मांग के बाद ECF और EFF स्कीम्स के तहत कुल सहायता SDR 3.03 अरब (करीब 4.1 अरब डॉलर) हो जाएगी, जबकि RSF स्कीम के तहत पहले से SDR 1 अरब (करीब 1.3 अरब डॉलर) की मदद मंजूर है. अगर ये रिव्यू पूरे हो जाते हैं तो बांग्लादेश को करीब 1.3 अरब डॉलर की अगली किश्त मिल सकती है. इसमें से 874 मिलियन डॉलर ECF और EFF स्कीम्स से और 448 मिलियन डॉलर RSF स्कीम से मिलेंगे.
क्यों पड़ रही है इतनी जरूरत?
IMF ने कहा है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था इस वक्त गंभीर दबाव में है. बाहरी कर्ज की ज़रूरतें बढ़ रही हैं और देश के भीतर भी आर्थिक हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं. देश में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से इस वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में विकास दर घटकर 3.3% रह गई है. हालांकि, IMF को उम्मीद है कि साल के दूसरे हिस्से में कुछ सुधार होगा और पूरे साल की ग्रोथ 3.8% तक पहुंच सकती है.
क्या है आगे की राह?
बांग्लादेश में महंगाई अब भी करीब 8.5% के आसपास है और बैंकिंग सेक्टर में दबाव बना हुआ है. IMF ने सख्त नीति अपनाने और संस्थानों में सुधार पर जोर दिया है. खासकर बांग्लादेश बैंक की स्वतंत्रता और गवर्नेंस को सुधारना जरूरी बताया गया है ताकि विदेशी निवेश बढ़ सके और देश की अर्थव्यवस्था लंबे समय तक स्थिर रह सके.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें News18 India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessपाकिस्तान के बाद अब IMF के सामने कटोरा लेकर पहुंचा बांग्लादेश!
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