चीन से ऐसा क्‍या डर? अमेर‍िका ने लगा द‍ी स्‍मार्ट कारों पर रोक, सता रहा ये डर, लीक न हो जाए सारी बात

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हाइलाइट्स

अमेरिका ने चीनी स्मार्ट वाहनों पर भी बैन लगा दिया है.इससे पहले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% की ड्यूटी लगाई थी.चीन को अलग-थलग करने की पूरी कोशिश कर रहा है अमेरिका.

Ban on Chinese vehicles: सोमवार को अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने एक नया प्रस्ताव रखा, जिसके तहत राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी सड़कों पर चीनी सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर से लैस कनेक्टेड वाहनों को प्रतिबंधित करने की योजना बनाई गई है. इस नियम का सीधा प्रभाव यह होगा कि लगभग सभी चीनी कारें अमेरिकी बाजार में प्रवेश नहीं कर पाएंगी. रॉयटर्स द्वारा पहले रिपोर्ट की गई इस योजना के अनुसार, आने वाले वर्षों में अमेरिकी और अन्य प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियों को भी अपने वाहनों से चीनी सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर को हटाना पड़ेगा.

बाइडन प्रशासन ने अमेरिकी सड़कों पर कनेक्टेड वाहनों के जरिए चीनी कंपनियों द्वारा डेटा इकट्ठा करने और विदेशी हस्तक्षेप को लेकर गहरी चिंताएं व्यक्त की हैं. इसका प्रमुख उद्देश्य यह है कि चीनी कंपनियां इन वाहनों के जरिए अमेरिकी ड्राइवरों और देश के बुनियादी ढांचे पर नज़र रख सकती हैं. वाइट हाउस ने इस मुद्दे की जांच के आदेश फरवरी में दिए थे.

प्रस्तावित नियमों के तहत चीनी निर्माताओं द्वारा बनाए गए स्वचालित कारों का अमेरिकी सड़कों पर परीक्षण प्रतिबंधित हो जाएगा, और यह प्रतिबंध रूस जैसे अन्य अमेरिकी विदेशी शत्रुओं द्वारा निर्मित वाहन सॉफ़्टवेयर और हार्डवेयर पर भी लागू होगा.

बहुत दूर का सोच लिया अमेरिका ने!
वाणिज्य सचिव जीना रायमोंडो ने एक ब्रीफिंग में बताया, “जब विदेशी शत्रु किसी वाहन का सॉफ़्टवेयर तैयार करते हैं तो इससे उस वाहन का उपयोग निगरानी के लिए किया जा सकता है. इसे दूर से कंट्रोल किया जा सकता है. ऐसा होने से अमेरिकी नागरिकों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है.” उन्होंने यह भी कहा, “एक चरम परिस्थिति में, कोई विदेशी शत्रु एक ही समय पर अमेरिका में चलने वाली सभी गाड़ियों को बंद कर सकता है या उनका नियंत्रण ले सकता है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं और जाम पैदा हो सकता है.”

यह कदम चीन के वाहन, सॉफ़्टवेयर, और कलपुर्जों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में एक और बढ़ोतरी है. इस महीने की शुरुआत में बाइडन प्रशासन ने चीनी आयातों पर भारी शुल्क लगाया, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100% की ड्यूटी और EV बैटरियों एवं मुख्य खनिजों पर नए शुल्क शामिल हैं.

अमेरिका में चीनी निर्मित कारें और हल्के वाहन अपेक्षाकृत कम संख्या में आयात किए जाते हैं. लेकिन रायमोंडो ने बताया कि विभाग चीनी या रूसी लिंक वाले आपूर्तिकर्ताओं, ऑटोमेकर्स और कार कलपुर्जों के व्यापक हो जाने से पहले ही कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने कहा, “हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते, जब तक कि हमारी सड़कें पूरी तरह से ऐसी गाड़ियां न भर जाएं और ख़तरा बेहद गंभीर न हो जाए.”

लगभग सभी नए वाहन ‘कनेक्टेड’ होते हैं, जिनमें ऑनबोर्ड नेटवर्क हार्डवेयर होता है, जिसमें इंटरनेट का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. इससे वे वाहन के अंदर और बाहर दोनों जगह डेटा शेयर कर सकते हैं.

मैलवेयर डालने के सबूत का दावा
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने पुष्टि की कि यह प्रस्ताव प्रभावी रूप से सभी मौजूदा चीन में बने हल्के वाहनों और ट्रकों को अमेरिकी बाजार से प्रतिबंधित कर देगा, लेकिन इसमें चीनी ऑटोमेकर्स को कुछ विशेष छूटों के लिए ‘स्पेशल परमिशन’ मांगने का विकल्प भी दिया गया है.

वाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि अमेरिका के पास पर्याप्त सबूत हैं कि चीन ने अमेरिकी बुनियादी ढांचे में मैलवेयर स्थापित किया है. उन्होंने कहा, “सड़कों पर लाखों वाहन चल रहे हैं, जिनकी उम्र 10 से 15 साल हो सकती है, और ऐसे में व्यवधान और तोड़फोड़ का खतरा बहुत बढ़ जाता है.”

वाशिंगटन में चीनी दूतावास ने पिछले महीने अमेरिकी वाहन निर्यात को सीमित करने के लिए की जा रही कार्रवाई की आलोचना की थी. उन्होंने कहा, “चीन अमेरिका से अनुरोध करता है कि वह बाजार सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों का ईमानदारी से पालन करे, और सभी देशों की कंपनियों के लिए समान अवसर पैदा करे. चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की दृढ़ता से रक्षा करेगा.”

Tags: America News, America vs china





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