Last Updated:June 24, 2025, 15:33 ISTAhmedabad Air India Plane Crash Investigation: अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश का सच ब्लैक बॉक्स में छिपी हुई है. वहीं, ब्लैक बॉक्स की जांच को लेकर रोजाना नए दावे हो रहे हैं. विमानन मंत्री ने ब्लैक बॉक्स…और पढ़ेंहाइलाइट्सक्रैश हुए एयर इंडिया के प्लेन के ब्लैक बॉक्स को लेकर सामने आई नई बात.विमानन मंत्री ने ब्लैक बॉक्स की जांच को लेकर बताई बड़ी बात.12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन हुआ था क्रैश.Ahmedabad Air India Plane Crash Investigation: अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया प्लेन क्रैश का सच कब सामने आएगा, इस सवाल इन दिनों हर किसी की जुबान पर बना हुआ है. अब सभी की आस क्रैश हुए प्लेन के ब्लैक बॉक्स में टिकी हुई है. सभी को इंतजार है कि जल्द से जल्द ब्लैक बॉक्स की जांच पूरी हो और इस क्रैश की असलियत दुनिया के सामने पाए. लेकिन, जहां तक ब्लैक बॉक की जांच को बात है तो उसको लेकर रोजाना दावे किए जा रहे हैं. पहले यह बात सामने आई कि ब्लैक बॉक्स की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) कर रही है. जल्द ही, ब्लैक बॉक्स में मौजूद डाटा रिट्रीव कर लिया जाएगा.इसके कुछ ही दिनों, ब्लैक बॉक्स को लेकर नई बात सामने आई. इसमें कहा गया कि हादसे में ब्लैक बॉक्स का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. चूंकि, एएआईबी की लैब अभी नई-नई है और संसाधनों की कमी है. लिहाजा, ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए अब अमेरिका भेजा जाएगा. लेकिन अब ब्लैक बॉक्स की जांच को लेकर नई बात सामने आई है. महत्वपूर्ण यह है कि यह बात खुद केंद्रीय विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कही है. विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा है कि एयर इंडिया 171 का ब्लैक बॉक्स भारत में ही है और उसकी जांच एएआईबी द्वारा ही की जा रही है.
विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने उन सभी अटकलों को खारिज कर दिया है, जिसमें ब्लैक बॉक्स को जांच के लिए अमेरिका भेजने की बात कही गई थी. उन्होंने इन बातों को सिर्फ कोरी अफवाह बताया है. आपको बता दें कि ब्लैक बॉक्स में दो रिकॉर्डिंग डिवाइस होते हैं, जिन्हें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) कहा जाता है. एफडीआर प्लेन की उड़ान संबंधी तकनीकी जानकारियों को रिकॉर्ड करता है, जिसमें स्पीड, अल्टीट्यूड, इंजन की स्थिति, फ्लैप पोजिशन आदि शामिल होते हैं. वहीं सीवीआर कॉकपिट के अंदर पायलटों और अन्य क्रू की बातचीत, अलार्म या सिग्नल्स की आवाज आदि को रिकॉर्ड करता है.
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क्या है ब्लैक बॉक्स के जांच की प्रक्रियाआपको बता दें कि ब्लैक बॉक्स को प्लेन के पिछले हिस्से पर स्थित टेल में लगाया जाता है. टेल प्लेन का सबसे सुरक्षित हिस्सा होता है, लिहाजा क्रैश के दौरान उसके बचने की संभावना अधिक होती है. हादसे के बाद एएआईबी की टीम मलबे हटाकर अथवा जीपीएस के जरिए इसे ट्रेस करते हैं. इसके बाद, ब्लैक बॉक्स को एएआईबी की लैब में लाया जाता है, जहां एविएशन सिक्योरिटी एक्सपर्ट, एक्सपर्ट इंजीनियर और डेटा एनालिस्ट की टीम मिलकर ब्लैक बॉक्स के डेटा को डी-कोड करती है. जरूरत पड़ने पर प्लेन और इंजन बनने वाली कंपनियों को भी जांच में शामिल किया जाता है.
Anoop Kumar MishraAssistant EditorAnoop Kumar Mishra is associated with OXBIG NEWS NETWORK Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to …और पढ़ेंAnoop Kumar Mishra is associated with OXBIG NEWS NETWORK Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to … और पढ़ेंhomenationAI171 Crash: ब्लैक बॉक्स को लेकर नया पेंच, विमानन मंत्री ने कह दी बड़ी बात
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