Last Updated:July 12, 2025, 15:03 ISTPilot Mentioned aircraft Defect: दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचने के बाद पायलट ने प्लेन के डिफेक्ट के बारे में जानकारी दी थी. इंजीनियरिंग टीम से क्लियरेंस मिलने के बाद इस प्लेन को लंदन के लिए रवाना किया गया था.हाइलाइट्सएयर इंडिया AI171 क्रैश में AAIB ने जारी की अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट.AAIB की रिपोर्ट में फ्यूल कंट्रोल स्विच को बताया है प्लेन क्रैश की वजह.अहमदाबाद एयरपोर्ट पर पायलट ने रिपोर्ट किया था प्लेन में डिफेक्ट.Ahmedabad AI 171 Plane Crash Report: एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) की रिपोर्ट में भले ही अहमदाबाद प्लेन क्रैश के लिए फ्यूल कंट्रोल स्विच को जिम्मेदारी ठहराया गया हो, लेकिन इस रिपोर्ट में कई बाते ऐसी भी हैं, जो किसी को चौंकाने के लिए काफी है. इन्हीं बातों में एक बात प्लेन के एक डिफेक्ट से जुड़ी हुई है, जिसका जिक्र एक पायलट ने क्रैश से दो घंटे पहले दिया था. पायलट ने इस डिफेक्ट का जिक्र पायलट डिफेक्ट रिपोर्ट (पीडीआर) में भी किया था.
एएआईबी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि 12 जून 2025 को दिल्ली से अहमदाबाद और वहां से लंदन के लिए एयर इंडिया ने बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन तैनात किया था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर VT-ANB था. इस प्लेन ने पहले फ्लाइट AI423 के तौर पर दिल्ली से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी. यह प्लेन दिन में करीब 11:17 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट पर लैंड हुआ और बे 34 पर पार्क किया गया. इस फ्लाइट के पायलट ने लैंडिंग के बाद पायलट डिफेक्ट रिपोर्ट (पीडीआर) में इस प्लेन में मौजूद एक डिफेक्ट का जिक्र किया था.
एएआईबी की रिपोर्ट में बताया गया है कि पायलट ने पीडीआर में जिस डिफेक्ट का जिक्र किया था, वह ‘STAB POS XDCR’ थी. एयर इंडिया के ऑन-ड्यूटी इंजीनियर (AME) ने तकनीकी निर्देशों (FIM) के अनुसार इसकी जांच की और प्लेन को दोपहर 12:10 बजे उड़ान के लिए रिलीज कर दिया. इससे करीब एक घंटे बाद ही एयर इंडिया का प्लेन टेकऑफ होने के साथ क्रैश हो गया. इस प्लेन क्रैश में 230 पैसेंजर्स, 10 केबिन क्रू और 2 फ्लाइट क्रू की मौत हो गई थी. इसके अलावा, इस प्लेन की चपेट में आकर 29 अन्य लोगों की मृत्यु हो गई थी.
क्या है ‘STAB POS XDCR’, जिसमें आया था डिफेक्ट
एयर इंडिया एमआरओ में रहे सीनियर इंजीनियर के अनुसार, STAB POS XDCR एक तरह का अलर्ट है, जिसका मतलब है स्टेबलाइजर पोजीशन ट्रांसड्यूसर (Stabilizer Position Transducer). स्टेबलाइजर प्लेन को हवा में संतुलित रखने में मदद करता है. इसमें प्लेन के पिछले हिस्से में एक खास स्ट्रक्चर होता है, जिसे होरिजेंटल स्टेबलाइजर (Horizontal Stabilizer) कहते हैं. यह हिस्सा प्लेन को ऊपर-नीचे झुकने से रोकता है और उड़ान के दौरान संतुलन बनाए रखता है. इसके बिना प्लेन का सीधा उड़ना मुश्किल है.
प्लेन सेफ्टी के लिए कितना जरूरी है पोजीशन ट्रांसड्यूसरवहीं, पोजीशन ट्रांसड्यूसर एक तरह का सेंसर होता है, जो किसी प्लेन की पोजीशन को मापता है. जब यह सेंसर स्टेबलाइजर के साथ जुड़ा होता है, इसी वजह से इसे स्टेबलाइजर पोजीशन ट्रांसड्यूसर कहा जाता है. यह सेंसर पायलट को लगातार यह बताता है कि स्टेबलाइजर इस समय किस एंगल पर है. आपको बता दें कि प्लेन के उड़ान भरने, दिशा बदलने और उतरने के समय स्टेबलाइजर की भूमिका बहुत अहम होती है. अगर इसका एंगल गलत हो जाए या सेंसर सही जानकारी न दे पाए, तो प्लेन के बैलेंस पर असर पड़ सकता है. इससे प्लेन की सेफ्टी भी खतरे में आ सकती है.Anoop Kumar MishraAssistant EditorAnoop Kumar Mishra is associated with OXBIG NEWS NETWORK Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to …और पढ़ेंAnoop Kumar Mishra is associated with OXBIG NEWS NETWORK Digital for the last 3 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to … और पढ़ेंhomebusinessपायलट ने लॉग किया था डिफेक्ट, IT बोला- ALL OK, टेकऑफ के 36 सेकेंड बाद क्रैश
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