नई दिल्ली. अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं या भविष्य में करने का प्लान बना रहे हैं तो यात्रा के दौरान आसपास बैठे लोगों द्वारा स्टेशन, सिग्नल, क्रासिंग जैसे शब्दों को सुनते ही सतर्क हो जाएं. हो सकता है ये चोरों के कोड वर्ड हों, जो आपस में शिकार को देखकर बात करने के लिए तय कर रखे हों. आरपीएफ और जीआरपी ने ऐसे चार बदमाशों को पकड़ा है और इनके पास से चोरी किए गए सोने-चांदी के जेवर भी बरामद हुए हैं.
पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों और वहां से चलने वाली ट्रेनों की जीआरपी और आरपीएफ जांच कर रही थी. इसी दौरान संदिग्ध से दिखने वाले चार लोग को हिरासत लिया गया और उनसे पूछताछ शुरू की. पहले तो चारों से गुमराह करने की कोशिश की. लेकिन जीआरपी और आरपीएफ द्वारा सख्ती बरतने पर सब सच बता दिया.
कोडवर्ड का करते थे इस्तेमाल
पूछताछ में बताया कि पहले वो ट्रेनों में सफर के दौरान शिकार तलाशते थे. शिकार मिलने पर उसके आसपास चारों अपरिचित बनकर बैठ जाते थे, जैसे एक दूसरे को पहचानते नहीं हों. शिकार के साथ बातचीत शुरू करते और जल्द ही भरोसा जीत लेते. इसके बाद उसी के सामने कोडवर्ड में बात करना शुरू कर देते थे. शिकार इनकी बातों को समझ नहीं पाता था. इसके बाद मौका मिलते ही यात्री के सामान पर हाथ साफ कर देते थे. इनके पास से सोने, चांदी के अभूषण के साथ नगदी भी बरामद हुई है. चारों को जेल भेज दिया गया है.
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भारतीय रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि सफर के दौरान अपरिचित यात्री पर भरोसा न करें. यह आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है. हालांकि जीआरपी और आरपीएफ लगातार चोरों के धरपकड़ के लिए समय-समय पर अभियान चल रहा है.
ये भी हुई कार्रवाई
पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा रेलवे संपत्ति की सुरक्षा और अवैध सामान की धरपकड़ के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसके के तहत ट्रेनों और स्टेशनों में सामाान चोरी करने वालों को भी पकड़ा जा रहा है. पहले भी कई चोरों को पकड़कर जेल भेजा जा चुका है.
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FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 10:15 IST