CLAIM वीडियो में दिखाया गया है कि एक हिंदू युवक रमजान में केमिकल युक्त तरबूज बेच रहा है. |
FACT CHECK वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है और 10 माह पुराना है, इसका किसी सत्य घटना से कोई संबंध नहीं है. |
सोशल मीडिया पर तरबूज में इंजेक्शन के जरिए केमिकल मिलाने और कृत्रिम रूप से तरबूज का लाल रंग बढ़ाने के दावे से वीडियो वायरल है. वीडियो को रमजान से जोड़कर सांप्रदयिक दावे से शेयर किया जा रहा है.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो स्क्रिप्टेड है. वीडियो को The Social Junction यूट्यूब चैनल द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से बनाया गया है.
वीडियो में तरबूज, दवा और इंजेक्शन के साथ एक युवक को देखा जा सकता है, जो केमिकल को पानी में मिलाकर लाल रंग बना रहा है, वीडियो में दिखाया गया है कि इस युवक को पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया है.
देश में 2 मार्च से रमजान का महीना शुरू हो चुका है. मुस्लिम समुदाय में रमजान को पवित्र माह के रूप में मनाया जाता है. ऐसे में रमजान से जोड़कर यह वीडियो सांप्रदायिक दावे से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
एक फेसबुक यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ‘रमजान में मुसलमानों की जान बचाए, इस वीडियो को शेयर कर नेकी कमाए, रमजान में इफ़्तारी की करते हुए खरीददारी, आपकी एक गलती से हो सकती है सभी की छुट्टी.’
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी यह वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है. आर्काइव लिंक
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो के साथ लगे वाटरमार्क Team Rising Falcon से सर्च करने पर हम इसके एक्स अकाउंट पर पहुंचे. यूजर ने 2 मार्च को वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, ‘रमजान में मुसलमानों की जान बचाए, इस वीडियो को शेयर कर नेकी कमाए, रमजान में इफ़्तारी की करते हुए खरीददारी, आपकी एक गलती से हो सकती है सभी की छुट्टी’
इसके बाद वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते वीडियो से संबंधित इंडिया टुडे की मई 2024 की एक फीचर रिपोर्ट मिली.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट से हमें ज्ञात हुआ कि तरबूज में मिलावट के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से The Social Junction यूट्यूब चैनल द्वारा एक वीडियो बनाया गया है. इस वीडियो में तरबूज में इंजेक्शन के माध्यम से केमिकल को इंजेक्ट करते हुए दिखाया गया है.
हमने पाया कि रिपोर्ट में शामिल किए गए वीडियो में दिख रहा युवक, वायरल वीडियो में भी मौजूद है जिसके मुंह पर रूमाल बंधा हुआ है. साथ ही पीछे का बैकग्राउंड भी समान है.
इसके बाद हमने The Social Junction यूट्यूब चैनल को खंगाला. हमें चैनल पर 29 अप्रैल 2024 को अपलोड किया गया ओरिजिनल वीडियो मिला. इसमें युवक ने अपना नाम आयुष वर्मा बताया है.
इस वीडियो की शुरुआत में हमें ऐसा कोई वॉइस ओवर नहीं सुनाई दिया जो वायरल फुटेज में है. इससे स्पष्ट है कि वायरल वीडियो में अलग से आवाज जोड़कर सांप्रदायिक दावा किया गया.
वीडियो क्रिएटर द्वारा ओरिजिनल वीडियो में 28वें सेकंड पर एक डिसक्लेमर भी दिया गया है. जिसमें लिखा है, ‘यह वीडियो पूरी तरह से काल्पनिक है, वीडियो में दिखाई गई सभी घटनाएं स्क्रिप्टेड हैं, और वीडियो को केवल जागरूकता के उद्देश्य से बनाया गया है…’
The Social Junction के यूट्यूब चैनल पर खाद्य पदार्थों में मिलावट से संबंधित कई स्क्रिप्टेड वीडियो मौजूद है. चैनल के अनुसार, ये वीडियो लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बनाए गए हैं.
[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट Shakti Collective के पार्ट के तहत पहले BOOM पर छपी थी. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]
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