Fact Check: रजत शर्मा और डॉक्‍टर राहिल चौधरी डीप फेक विज्ञापन वायरल वीडियो

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नई दिल्ली (विश्वास न्यूज).  सोशल मीडिया पर अक्सर प्रमुख हस्तियों के AI-जेनरेटेड  या डीपफेक वीडियो के जरिए लोगों से ठगी करने की कोशिश की जाती है. विश्वास न्यूज ने ऐसे कई फर्जी पोस्ट्स की जांच की है. इसी कड़ी में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहिल चौधरी का एक कथित वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें उन्हें आँखों की परेशानी को ठीक करने के लिए एक दवा का विज्ञापन करते हुए दिखाया गया है. 

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो फर्जी है. फर्जी वीडियो में ऑडियो बदल दिया गया है. पत्रकार रजत शर्मा और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राहिल चौधरी ने भी सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो को फर्जी बताया है. 

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक पेज ‘Best Health’ ने 5 दिसम्बर  को वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा, “ क्या आप हमेशा के लिए दृष्टि संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाना चाहते हैं? भारत सरकार के इस चिकित्सा कार्यक्रम में तुरंत पंजीकरण करें और केवल 14 दिनों में अपनी दृष्टि पुनः प्राप्त करें!”

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल दावे की जांच के लिए सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा. इसमें लिप मूवमेंट और ऑडियो में अंतर दिख रहा है. हमें इसके एआई जेनरेटेड होने का शक हुआ.

हमने इस वीडियो को एआई डिटेक्शन टूल ट्रू मीडिया पर डालकर इसे चेक किया. ट्रू मीडिया ने “चेहरे” और “आवाज़ों” में छेड़छाड़ होने की आशंका जताई.

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कीवर्ड्स से ढूंढ़ने पर हमें रजत शर्मा का 4 दिसंबर का एक ट्वीट मिला, जिसमें  उन्होंने ऐसे वीडियोज को फर्जी बताते हुए लिखा था, “आजकल नकली दवाइयां  बेचने वाले मेरे कई फेक वीडियोज पोस्ट करते हैं. ये डीप फेक हैं, फ़र्ज़ी हैं. ये लोग मेरे वीडियो यूज करते हैं. उन पर AI से मेरी जैसी आवाज़ लगाते हैं, पर वो आवाज़ मेरी नहीं है. मैं कोई दवाई नहीं बेचता. किसी Diabetes की दवा को, किसी Weight Loss की दवा को,  किसी  घुटनों के दर्द की दवा को promote नहीं करता. ये सारे वीडियो झूठे हैं. इन पर विश्वास न करें. मैंने Cyber Crime Cell में शिकायतें की हैं, पुलिस complaints की है, High Court में केस file किया है. एक वीडियो हटवाते हैं, तो दूसरा आ जाता है. कभी अमिताभ बच्चन के साथ, तो कभी डॉ नरेश त्रेहन के साथ. ये सारे  fake हैं, फर्ज़ी हैं. इनको expose करने में मुझे आपकी मदद चाहिए.आपको कहीं ऐसे फ़र्ज़ी वीडियो दिखाई दें, तो मुझे 9350593505 पर फौरन inform करें.”

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हमने इस विषय में वीडियो में दिख रहे नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ राहिल चौधरी से भी संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, “यह वीडियो एक डीपफेक  है. स्कैमर्स ने एक अलग पॉडकास्ट से मेरी एक क्लिप ली है और अपनी दवा का गलत प्रचार करने के लिए उस पर अपना खुद का वॉयस नोट लगा दिया है.” उन्होंने हमारे साथ इस ऑरिजिनल पॉडकास्ट का लिंक भी शेयर किया. असली वीडियो रणवीर इलाहाबादिया और डॉ राहिल के पॉडकास्ट का था. इस पूरे पॉडकास्ट में कहीं भी डॉ चौधरी ने वायरल वीडियो वाली बातें नहीं कहीं थीं.

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर ‘Best Health’ की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 500 से अधिक लोग फॉलो करते हैं.

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ छेड़छाड़ कर उसका ऑडियो बदल दिया गया है. पत्रकार रजत शर्मा और नेत्र विशेषज्ञ डॉक्टर राहिल चौधरी ने वीडियो को फर्जी बताया है.

 

[डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट पहले vishvasnews.com पर छपी थी. स्पेशल अरेंजमेंट के साथ इस स्टोरी को एबीपी लाइव हिंदी में रिपब्लिश किया गया है. एबीपी लाइव हिंदी ने हेडलाइन के अलावा रिपोर्ट में कोई बदलाव नहीं किया है.]

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