फैक्ट चेक
यह वीडियो बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा से पहले का है, और यह सितंबर 2024 का है, जब प्रशासन ने हाई कोर्ट के आदेश पर अवैध भवनों पर बुलडोज़र चलाया था. |
दावा क्या है?
उत्तर प्रदेश के बहराइच में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा और अक्टूबर 13 को राम गोपाल मिश्रा की मौत के बाद, सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें चारों तरफ़ मलबे का ढेर नज़र आ रहा है. इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि राम गोपाल मिश्रा की हत्या करने वालों के घरों को बुलडोज़र से ध्वस्त कर दिया गया है.
यह वीडियो कट्टरपंथी दक्षिणपंथी संगठन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की नेता साध्वी प्राची के आधिकारिक फ़ेसबुक पेज पर शेयर किया गया था, जिसके साथ कैप्शन दिया गया, “#गोपाल की हत्या करने वालों आखें फाड़ के देख लो…. ये #बाबा का न्याय है #बहराइच का वजीरगंज बना…. गाज़ा. जिस गली से पत्थर निकलेगा उस गली में #बुलडोज़र घूमेगा गोपाल को जिन्होंने मारा था उनके घरों को जमीदोज़ कर दिया गया है.”
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूज़र्स ने भी इसी तरह के दावों के साथ वीडियो शेयर किया है; अक्तूबर 19, 2024 एक पोस्ट को 63,500 से ज़्यादा बार देखा गया है. इस और इसी तरह की पोस्ट के आर्काइव यहां और यहां देखे जा सकते हैं. इसके अलावा, इस वीडियो को असमिया में भी इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर शेयर किया गया है.
वायरल पोस्ट्स के स्क्रीनशॉट. (सोर्स: एक्स/स्क्रीनशॉट)
“बुलडोज़र” या “बुलडोजर न्याय” शब्द का इस्तेमाल अक्सर उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों में सरकारों द्वारा उल्लंघन के रूप में देखी जाने वाली कार्रवाइयों के तहत घरों व प्रतिष्ठानों को ध्वस्त करने के ‘दंड’ के लिए किया जाता है.
हालांकि, हमने पाया कि यह वीडियो बहराइच में हुई हालिया हिंसा से पहले का है और सितंबर 2024 में हाईकोर्ट के आदेश पर अवैध निर्माण पर की गई बुलडोज़र कार्रवाई का है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?
वायरल वीडियो के कीफ़्रेम की रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें सितंबर 2024 के कई यूट्यूब वीडियो (आर्काइव यहां) मिले, जिनमें यही फुटेज है. सितंबर 26, 2024 को अपलोड किए गए एक वीडियो (आर्काइव यहां) से पता चलता है कि इसे बहराइच के वज़ीरगंज बाज़ार में रिकॉर्ड किया गया था. इस वीडियो पर इनलेड टेक्स्ट है: “गम में डूबा वजीरगंज”
-(12).webp)
हमने यूट्यूब वीडियो पर “@altaf.studio” का वॉटरमार्क देखा, जिससे हमें यूज़र की इंस्टाग्राम प्रोफ़ाइल (आर्काइव यहां) का पता लगाने में मदद मिली. उन्होंने मूल वीडियो (आर्काइव यहां) को सितंबर 26, 2024 को इस कैप्शन के साथ शेयर किया था, “वज़ीरगंज | अपना वज़ीरगंज | बहराइच।” इसके अलावा, इंस्टाग्राम यूज़र वायरल वीडियो में 0:24 टाइमस्टैम्प पर दिखाई देता है.

वायरल वीडियो में इंस्टाग्राम यूजर 0:24 सेकंड पर दिखाई देता है. (सोर्स: इंस्टाग्राम/एक्स/स्क्रीनशॉट)
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने इंस्टाग्राम यूजर अल्ताफ़ से संपर्क किया, जिसने पुष्टि की कि उसने सितंबर 26 को बहराइच के वज़ीरगंज बाज़ार में अतिक्रमण अभियान के बाद वीडियो रिकॉर्ड किया था. उन्होंने कहा, “यह वीडियो बहराइच में हाल ही में हुई घटना से संबंधित नहीं है; इसे हाईकोर्ट के आदेश के बाद हुई कार्यवाई के दौरान रिकॉर्ड किया गया था.”
वीडियो में दिखाया गया विध्वंस बहराइच ज़िले के फखरपुर ब्लॉक में स्थित वज़ीरगंज बाज़ार में हुआ, जबकि हिंसा महसी ब्लॉक के महाराजगंज में हुई थी. ये अलग-अलग इलाके हैं.
इसके अलावा, हमें बहराइच पुलिस का एक एक्स-पोस्ट (आर्काइव यहां) मिला, जिसमें पुलिस ने एक स्पष्टीकरण जारी किया था कि वीडियो में दिखाए गए दृश्य सितंबर 25, 2024 को बहराइच ज़िले के फखरपुर क्षेत्र में कोर्ट के आदेश पर चलाए गए अतिक्रमण विरोधी अभियान के हैं. ये महाराजगंज में हाल में हुई घटना से संबंधित नहीं हैं.
---2024-10-22t134039.656.webp)
कई रिपोर्ट्स सितंबर 25 को बहराइच में हुए बुलडोज़र एक्शन की पुष्टि करती हैं. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक़, ज़िला प्रशासन ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद बहराइच के कैसरगंज में फखरपुर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सराय जगना गांव में एक खलिहान और सड़क पर अवैध रूप से बनाए गए 23 अवैध ढांचों को बुलडोज़र से गिरा दिया था.
बहराइच हिंसा
द इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़, महाराजगंज में दुर्गा पूजा जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प के दौरान 22 वर्षीय मिश्रा की हत्या के बाद हालिया सांप्रदायिक तनाव शुरू हुआ.
द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस घटना के बाद भड़की हिंसा के सिलसिले में कुल 104 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने बहराइच में कुंडासर-महसी-नानपारा-महाराजगंज मार्ग पर 23 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किया है, जिनमें से 20 मुस्लिमों के हैं.
हालांकि, अक्टूबर 22 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय को उत्तर प्रदेश सरकार ने आश्वासन दिया कि बहराइच हिंसा में कथित रूप से शामिल व्यक्तियों से संबंधित प्रतिष्ठानों के ख़िलाफ़ अक्टूबर 23 तक कोई विध्वंस कार्रवाई नहीं की जाएगी. इसके बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीडब्ल्यूडी नोटिसों का जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिनों का विस्तार दिया. नतीजतन, बहराइच के हिंसा प्रभावित क्षेत्र में अभी तक बुलडोज़र कार्यवाई नहीं हुई है.
लॉजिकली फ़ैक्ट्स ने राम गोपाल मिश्रा की मौत के बारे में फैलाई गई ग़लत सूचना को लेकर एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे यहां पढ़ सकते हैं.
निर्णय
राम गोपाल मिश्रा की हत्या के मामले में कथित आरोपियों के खिलाफ ”बुलडोजर न्याय” के सबूत के रूप में वायरल दावा भ्रामक है. बहराइच में हाल की हिंसा अक्टूबर 13 को शुरू हुई थी, जबकि वायरल क्लिप सितंबर 25 से इंटरनेट पर मौजूद है, जो हाई कोर्ट के आदेश पर हुई कार्रवाई से संबंधित है.
fact check, hindi factt check, hindi news, fake news expose, hindi fake news expose. fake news exposed, oxbig news, oxbig hindi news, oxbig, latest news today, hindi news today, hindi, oxbig news today
English News