Panchayat 3 Review: फुलेरा गांव में होगी मारधाड़, मुश्किल में फंसेंगे प्रधान जी, पढ़ें पंचायत 3 का रिव्यू

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‘पंचायत’ का तीसरा सीजन लगभग दो साल के इंतजार के बाद अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गया है। इसकी कहानी, खूबियों और खामियों के बारे में जानने से पहले आइए इसके कलाकारों और रचयिताओं पर एक नजर डालते हैं। ‘पंचायत 3’ की कहानी चंदन कुमार ने लिखी है। वहीं दीपक कुमार मिश्र ने इसका निर्देशन किया है। आठ एपिसोड में बनाई गई ‘पंचायत-3’ की कहानी रघुवीर यादव (गांव की प्रधान मंजू देवी के पति बृजभूषण दुबे), नीना गुप्ता (गांव की प्रधान मंजू देवी), जितेंद्र कुमार (पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी), चंदन रॉय (सचिव सहायक विकास), फैसल मलिक (उप-प्रधान प्रहलाद पांडे) और सानविका (प्रधान की बेटी रिंकी) के इर्द-गिर्द घूमती है। इस बार अशोक पाठक (विनोद), सुनीता रजवार (क्रांति देवी) और दुर्गेश कुमार (भूषण) को अच्छा स्क्रीन टाइम दिया गया है।

कुछ ऐसी है कहानी

पंचायत के तीसरे सीजन की शुरुआत शहर से होती है। फुलेरा के पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी का तबादला हो जाता है और वह शहर पहुंच जाते हैं। सचिव जी के जाने की वजह से प्रधान जी (बृजभूषण दुबे), प्रहलाद और विकास परेशान हो जाते हैं। वे नए सचिव को जॉइन करने नहीं देते हैं और डीएम मैडम पर प्रेशर डालते हैं ताकि वह पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी का तबादला रोक दें। प्रधान जी और विकास की चालाकी की वजह से डीएम मैडम से मंजू देवी को डांट पड़ जाती है और फिर विधायक चंद्र किशोर सिंह (पंकज झा) उनके पीछे हाथ धोकर पड़ जाता है। भूषण और क्रांति देवी इस बात का फायदा उठाते हैं और विधायक की मदद से प्रधान जी पर हावी होने की कोशिश करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि सचिव जी, प्रधान जी को इन सबसे कैसे बाहर निकालेंगे? ये जानने के लिए तो आपको सीरीज देखनी पड़ेगी।

पंचायत 3

कमाल का काम

प्रधान मंजू देवी बनीं नीना गुप्ता, उप प्रधान प्रहलाद पांडे बने फैसल मलिक और विधायक चंद्र किशोर सिंह का किरदार निभाने वाले पंकज झा ने अन्य सीजन की तरह इस सीजन में भी बेहतरीन एक्टिंग की है। वहीं क्रांति देवी का किरदार निभाने वालीं सुनीता रजवार, भूषण की भूमिका अदा करने वाले दुर्गेश कुमार और विनोद बने अशोक पाठक ने इस सीजन में अच्छा काम किया है। इन तीनों की कॉमिक टाइमिंग कमाल की है।

पंचायत 3

एक्टिंग के मामले में इन लोगों ने किया निराश

पंचायत सचिव अभिषेक त्रिपाठी का किरदार निभाने वाले जितेंद्र कुमार इस पूरी वेब सीरीज की जान हैं। पहले दो सीजन में जहां उन्होंने लोगों का दिल खुश कर दिया था, वहीं तीसरे सीजन में उन्होंने निराश किया है। ‘पंचायत-1’ और ‘पंचायत-2’ के मुकाबले ‘पंचायत-3’ में वह फीके पड़ते नजर आए। प्रधान जी का किरदार निभाने वाले रघुवीर यादव और पंचायत सचिव सहायक विकास का रोल प्ले करने वाले चंदन रॉय भी लोगों को एंटरटेन करने में कहीं न कहीं चूक गए। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले दो सीजन में इन तीनों के डायलॉग्स और पंचलाइन काफी मजेदार थी, वहीं तीसरे सीजन में न तो इनके डायलॉग्स दमदार हैं और न ही इन तीनों ने कोई अच्छी पंचलाइन मारी है।

पंचायत 3

डायरेक्शन और कहानी

‘पंचायत-1’ और ‘पंचायत-2’ की ही तरह ‘पंचायत-3’ का भी डायरेक्शन अच्छा किया गया है। पूरी वेब सीरीज में सस्पेंस, कॉमेडी और थ्रिल का बराबर तड़का लगाया है। रिंकी और सचिव जी की लव स्टोरी को आगे बढ़ाया है, खूनखराबा भी दिखाया है और दामाद जी की भी वापसी कराई गई है। सबसे गजब की बात तो ये दिखाई गई है कि राजनीति और लड़ाई-झगड़े के बीच प्रहलाद, प्रधान जी का साथ छोड़ देता है।

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क्लाइमैक्स

‘पंचायत सीजन 3’ के पहले दो एपिसोड थोड़े उबाऊ लगते हैं, लेकिन तीसरे एपिसोड से जैसे ही कहानी रफ्तार पकड़ती है बिंज वॉच का सिलसिला शुरू हो जाता है। पहले सीजन में आपको हंसाया गया, दूसरे सीजन में आपको रुलाया गया, तीसरे सीजन में आपसी मतभेद, लड़ाई-झगड़ा और खूनखराबा तक दिखाया गया। ‘पंचायत 3’ का अंत एक बड़े सवाल के साथ होता है जिसके जवाब के लिए दर्शकों को चौथे सीजन का इंतजार करना होगा।

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