कैसे बना ‘मोगैंबो’ इतना खतरनाक खलनायक
यह बात सही है कि अमरीश पुरी ने ‘मोगैंबो’ का एक दमदार खलनायक का किरदार निभाया था।
वर्धन पुरी जो कि अमरीश पुरी के पोते हैं, उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू कहा कि ‘मोगैंबो’ जैसा किरदार लोगों के दिलों में बसा हुआ है।
‘मोगैंबो खुश हुआ’ डायलॉग का जो असर दुनियाभर की फिल्मों पर पड़ा है, वो इस बात का सबूत है कि मेरे दादा अमरीश पुरी, निर्देशक शेखर कपूर और लेखक जावेद अख्तर ने मिलकर इस किरदार को मेहनत के साथ बनाया था। ये सब कुछ इतना आसान नहीं था। इसके लिए बहुत कुछ झेलना पड़ा था।
उन्होंने आगे कहा, “मोगैंबो के किरदार की हर एक खासियत लोगों को बेहद पसंद आई। उनका डायलॉग बोलने का अंदाज, बड़ी-बड़ी आंखें, भारी आवाज़, गोल्डन और ब्लैक कॉस्टयूम, विग, अंगूठियां और हाथ में छड़ी। इन सबने उन्हें इतना यादगार बना दिया कि न सिर्फ बड़े, बल्कि बच्चे भी उनके जबरदस्त फैन बन गए।”
शेखर कपूर और टीम की मेहनत से बना ‘मोगैंबो’
वर्धन पुरी ने बताया, “मोगैंबो को यादगार बनाने का बड़ा श्रेय शेखर कपूर सर को जाता है। उन्होंने मेरे दादाजी को सलाह दी थी कि इस किरदार को ऐसे निभाएं जैसे बच्चों के लिए शेक्सपियर का नाटक कर रहे हों। क्योंकि जब कोई बच्चा किसी खलनायक से लगाव महसूस करने लगता है, तो वह किरदार हमेशा के लिए दिल में बस जाता है।”
अगर वर्धन पुरी के करियर की बात करें तो उन्होंने फिल्म ‘ये साली आशिकी’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इसके बाद वे ‘बॉबी और ऋषि की लव स्टोरी’ में नजर आए।
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