गंगानगर, राजस्थान में काले हिरण के शिकार से बिश्नोई समाज का सब्र टूट गया है। सोमवार को हुए शिकार के बाद समाज के लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 62 पर जोरदार प्रदर्शन किया। वे हिरणों की सुरक्षा के लिए कड़े कानून की मांग कर रहे हैं और चेतावनी दी है कि तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
श्रीगंगानगर: राजस्थान में काले हिरण के शिकार की घटनाएं पिछले कुछ समय से लगातार सामने आ रही है। इसी बीच गंगानगर जिले में शिकारियों की ओर से हिरणों को गोली मार देने की घटना के खुलासे के बिश्नोई समाज आक्रोशित हो गया। गुस्साए समाज के लोग अब सड़कों पर उतर चुके हैं। हजारों की संख्या में बिश्नोई समाज के लोगों ने मंगलवार को जोरदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 62 बीकानेर -अमृतसर को बंद कर दिया।
बिश्नोई समाज के लोगों का कहना है कि जब तक राजस्थान सरकार हिरण की सुरक्षा के ऊपर कड़ा कानून नहीं बनाती। तब तक हम सड़कों पर ही रहेंगे। आंदोलनरत बिश्नोई समाज के बड़ी संख्या में लोग शिकारियों द्वारा मारे गए हिरण का शव लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 62 पर डटे हुए हैं। बताया जा रहा है कि हजारों की संख्या में इकट्ठा हुए यह लोग पुलिस के बेरिकेड्स तोड़ते हुए हाईवे पर पहुंच गए।
सोमवार को हुई घटना के बाद समाज के सब्र का बांध टूटा
पिछले एक महीने में शिकारियों ने एक दर्जन से अधिक हिरणों को गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। इन शिकारियों को पकड़ने में प्रशासन पूरी तरह से असफल रहा है।
सोमवार को भी इन शिकारियों ने एक हिरण को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद बिश्नोई समाज के लोगों का सब्र का बांध टूट गया । इसके बाद अब वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिश्नोई समाज और वन्य जीव प्रेमियों ने मंगलवार को भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच बेरिकेड्स तोड़ते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 62 को पूरी तरह से जाम कर दिया है। हालात के मद्देनजर यहां पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
समाज ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी
हिरण सुरक्षा दल गंगानगर की प्रमुख कमला विश्नोई ने कहा कि बिश्नोई समाज का 36 कौम के लोग साथ दे रहे हैं। सबसे पहले डाबला में हिरण शिकार प्रकरण में हमारी ढील हो गई। हम प्रशासन के कहने पर उठ गए मगर हमारी सुनवाई नहीं हुई । तीसरी बार लगातार शिकारियों द्वारा हिरण का शिकार किया गया है । सरकार क्यों नहीं सुध ले रही है। कमला विश्नोई ने आगे कहा कि मैं आपको बता देना चाहती हूं कि अमृता देवी और 363 महिलाएं शहीद हुई है, खेजड़ी प्रकरण के लिए। आज यदि हिरण के लिए शहीद होना पड़ा तो हमारा बिश्नोई समाज इसके लिए भी तैयार है।(source-navbharattimes)
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