राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड बुधवार को 12वीं कला संकाय का परिणाम जारी करेगा. परिणाम आज दोपहर में जारी होगा. परीक्षा के लिए जी तोड़ मेहनत करने वाले स्टूडेंट्स को बेसब्री से इसका इंतजार है. लेकिन इस इंतजार के बीच बहुत से ऐसे बच्चे भी हैं, जिनको अंदर ही अंदर चिंता खाए जा रही है. कम्पीटिशन के इस दौर कम मार्क्स आने पर पैरेंट्स का नजरिया भी बच्चों के प्रति अलग तरह का हो जाता है. लेकिन पैरेंट्स इस प्रवृत्ति को बदलें और ऐसा कुछ नहीं करें जिससे कोई नुकसान हो.
RBSE 12th RESULT: आज आएगा रिजल्ट, पैरेंट्स रखें धैर्य, जज ना बनें- डॉ. त्यागी
परीक्षा परिणाम के बाद की स्थितियों पर मनोचिकित्सकों का मनाना है कि इस समय पैरेंट्स को समझदारी से काम लेना चाहिए. बच्चे का परिणाम चाहे जैसा रहा, लेकिन उसके चलते घर का माहौल तनावपूर्ण ना करें. इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है और परीक्षार्थी के मन में गलत भाव आते हैं. इससे किसी न किसी नुकसान की आशंका रहती है. लिहाजा घर के माहौल को स्वस्थ रखें.
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न्यूमेरिकल कांउटिंग को ही सबकुछ ना मानें
जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के मनोचिकित्सा विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. आलोक त्यागी के अनुसार 12वीं में बच्चों पर बेहद दबाव होता है. इसके बाद करियर की दिशा तय होनी होती है. वर्तमान में पैरेंट्स ने न्यूमेरिकल कांउटिंग को ही सबकुछ समझ लिया है. जबिक मार्क्स या पर्सेन्टाइल ही सबकुछ नहीं है.
टॉर्चर करने की भूल कतई नहीं करें
मार्क्स की बजाय बच्चे की स्किल और रुचि पर ध्यान दें. बच्चों को मार्क्स के बोझ के नीचे नहीं दबाएं. परिणाम में अगर बच्चे के मार्क्स कम आए हों तो उसे मानसिक और शारीरिक तौर पर टॉर्चर करने की भूल कतई नहीं करें, बल्कि उसके साथ फ्रेंडली होने की कोशिश करें. कमजोर परिणाम के बाद कई बच्चे अवसाद में आ जाते हैं. लिहाजा दो-तीन सप्ताह तक उनकी प्रत्येक गतिविधियों पर नजर बनाएं रखें.
डॉ. आलोक त्यागी। फोटो : न्यूज 18 राजस्थान ।
इन बातों पर रखें नजर
नींद नहीं आना. भूख नहीं लगना.
घबराहट होना. बार-बार रुआंसा होना.
लगातार सिर दर्द की शिकायत होना.
पूरी तरह से सोशल मीडिया में खो जाना.
गुमशुम हो जाना और अपने आप में ही खोया रहना.
अगर ये लक्षण हैं तो सबकुछ ठीक नहीं है
ऐसे लक्षण दिखाई देने पर तत्काल किसी मनोचिकित्सक से जांच कराएं. क्योंकि ये सभी लक्षण अवसाद को जाहिर करते हैं. बच्चे भले ही स्वस्थ माहौल के बाद कहे कुछ भी नहीं, लेकिन फिर भी अगर इस तरह लक्षण नजर आते हैं तो सावधान हो जाने की जरूरत है.
परिणाम के बाद यह करें
घर के माहौल को सर्पोटिव बनाएं रखें.
बच्चे को एकांत से बचाएं और उसे गुमशुम ना रहने दें.
बच्चे को व्यस्त रखें. उससे समय-सयम पर बातचीत करते रहें.
पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे को सामाजिक भी बनाएं
बकौल डॉ. त्यागी परीक्षा परिणाम को जीत-हार का गेम नहीं है और इसे ऐसा बनाने की कोशिश भी नहीं करनी चाहिए. यह सब हमारी सोशियो-इकॉनोमी परिस्थितियों के कारण हो रहा है. ज्यादा मार्क्स वाले बच्चे अक्सर सोशियली पॉपुलर नहीं होते हैं. वे किताबों में खोए रहते हैं. यह भी एक बड़ी विडम्बना है. विकसीत देशों में ऐसा नहीं होता है. वहां मार्क्स की बजाय स्किल डवलपमेंट पर जोर रहता है. बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ सामाजिक भी बनाएं. एज्युकेशन केवल जॉब के लिए नहीं है, बल्कि यह व्यक्त्वि विकास का तरीका है. पैरेंट्स उसे उसी रूप में लें. बच्चे को रोबोट ना बनाएं.
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Tags: 12th Board exam, Jaipur news, Rajasthan Board Results, Rajasthan Education Department, Rajasthan news, RBSE
FIRST PUBLISHED : May 22, 2019, 13:22 IST